निर्णय (भाग 19) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

गतांक से आगे

कहानी निर्णय

गांव ना जाने के कारण रोहित अंजलि के लिए परेशान रहता है ,उसे पता था की मम्मी रुकने वाली नहीं है ,मौका मिलते ही वह अंजलि पर ताना कसने से पीछे नहीं रहेंगी , उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था ,जब वह उसे ला रहा था तो वह क्यों नहीं आई ,और घर में इतने मेहमानों का इकट्ठा करना , उसे अब उस पर भी चिढ़ आ रही थी ,उसे लग रहा था ,कहीं अब घर में ही किसी को कुछ ना निकल जाए ।

अचानक फोन की घंटी से उसकी तंद्रा भंग होती है वह मोबाइल उठा कर देखता है तो नेहा का फोन होता है , उसकी हेलो बोलने के पहले ही वहां से रोजी की तोतली सी  भाषा सुनाई देती है , रोहित उसके साथ तोतली भाषा में मस्ती करने लगता है ,उसे नेहा की आवाज सुनाई देती है ,रोजी सर को बोलो लंच बिल्कुल रेडी है ,यहां पर आज रोज़ी के साथ लंच करें , सुनकर रोहित को हंसी आ जाती है ,क्योंकि नेहा भी तुतलाकर बोल रही थी , रोहित रोज़ी से कहता है ,बस थोड़ी देर में आकर हम लंच करते हैं , और रोजी के साथ ढेर सारी मस्ती ।

रोहित के पास अंजली का फोन आ चुका था ,और वह हि दायत भी दे चुकी थी ,कि किचन में जाकर आप कोई काम नहीं करेंगे वरना लौट कर आने पर   , बर्तनोंऔर किचन कीहालत देखकर उसे रोना आ जाता है ,इसलिए नेहा के घर जाकर आप लंच और डिनर करेंगे ।

थोड़ी देर में नेहा के घर पहुंच जाता है ,गाड़ी के  की आवाज सुनकर रोजी बाहर आ जाती है रोहित गाड़ी से उतरकर उसी गोद में ले लेता है ।

रोज़ीअब बोलने का प्रयास कर रही थी, और वह बहुत कुछ बोलना भी सीख रही थी ।  नेहा को आते हुई देखकर एक क्षण को रोहित रुक जाता है , आज नेहा बेहद खूबसूरत लग रही थी , काले रंग के सूट में पर यह सूट तो वह अंजलि के लिए लाया था दो-तीन साल पहले , अंजलि को यह सूट तब भी टाइट था लेकिन रोहित के कहने पर उसने इसे एक  बार ही पहना था ।

नेहा गुड नून करके कहती है सर अंदर आइए ना आप वहां क्यों खड़े रह गए, रोजी को गोद में लेकर रोहित अंदर आ जाता है , और हंसते हुए नेहा से कहता है , अंजलि सुबह शाम की तुम्हारी ड्यूटी लगाकर तुम्हें बिजी कर दिया ,मैं मैनेज कर लूंगा, नेहा मेरे लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है । खाना लगाती लगाती नेहा कहती है इसमें परेशानी की क्या बात है ,अगर आपको मेरे हाथ का खाना पसंद नहीं आता ,वह अलग बात है बाकी अपनों के लिए काम करने में मुझे कोई परेशानी नहीं होती ।

पर नेहा मुझे परेशानी है , तुम जो बार-बार सर कहती हो ,तो मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं ऑफिस में किसी कर्मचारी से काम करा रहा हूं । यह सुनकर नेहा हंसने लगती है उसकी हंसी देखकर रोजी भी ताली बजाकर हंसती है ,और रोजी की हंसी देखकर रोहित हंसने लगता है और तीनों ही खिल खिलाकर जोर से हंसने लगते हैं ।

खाना खाने के बाद नेहा कॉफी बना कर लाती है। कॉफी पीकर रोहित घर जाने के लिए खड़ा होता है , नेहा कहती है , आपको 2:30 बजे ऑरेंज जूस देना है, फिर 4:30 बजे कॉफी तो उसके लिए आपको भी यही रुकना पड़ेगा । रोहित नेहा को हैरानी से देख कर कहता है ,टाइम मैनेजमेंट का क्या चक्कर है, नेहा उसको व्हाट्सएप पर आया मैसेज पढ़कर सुनाती है, सुनकर रोहित जोर जोर से हंसने लगता है ,और कहता है, अंजली भी बिल्कुल पागल है यह सब के लिए नेहा तुम्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है ,यह तो मैं मैनेज कर लूंगा मैं खाना भी बना लेता हूं ,पर अंजलि वापस आकर जले हुए बर्तन और गंदा kitchen देख कर , बहुत परेशान होती है, और 4 दिन तक मुंह फुला कर घूमती है , नेहा रोहित की बात सुनकर हंसने लगती है ,और कहती है ऊपर वाले रूम में आराम करिए वहां आपको रोजी बिल्कुल डिस्टर्ब नहीं करेगी , रोहित जी, रोहित अपना नाम सुनकर नेहा को आश्चर्य से देखता है , नेहा कहती है आप फिर से कहते ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने ऑफिस के किसी कर्मचारी के घर आया हुआ हूं , और यह सारी बात नहीं है रोहित की नकल उतारते हुए कहती है । रोहित और नेहा हंसने  लगते है ।

रोहित ऊपर वाले रूम में चला जाता है और अंजलि को फोन लगाता है और उसे बताता है की नेहा ने उसे घर नहीं जाने दिया तुम्हारी उस व्हाट्सएप लिस्ट को मैं देख चुका हूं अंजली हंसते हुए कहती है , तो क्या हुआ अच्छा है ,आप घर में अकेले बोर हो जाते हैं , कम से कम वहां पर रोजी के साथ ही आपका मन लगा रहेगा । और बार-बार मुझे  बोर हो रहा हूं ,भाषण भी नहीं देंगे ।

रोहित हंसते हुए फोन रख देता है , और सोचता है नेहा अकेले कैसे रहती होंगी , इतने बड़े घर में अकेला व्यक्ति बोर हो जाए, नई जगह होने के कारण उसे नींद नहीं आ रही थी तो वह नेहा को फोन लगाकर पूछता है नेहा तुम क्या कर रही हो और रोजी सो गई क्या, नेहा कहती है नहीं रोजी खेल रही है और मैं किचन साफ कर रही हूं ,क्या आपको किसी चीज की जरूरत है , रोहित थोड़ी झिझक के साथ कहता है मुझे नींद नहीं आ रही क्या मैं भी नीचे आ जाऊं नेहा हंसते हुए कहती है मैंने आप को बंदी बनाकर नहीं रखा है यह घर आपका ही है आप जब जहां जैसे चाहे घूम सकते हैं और हंसने लगती है ।

रोहित नीचे आकर रोजी के साथ मस्ती करने लगता है ।

थोड़ी देर में नेहा भी आकर वहां बैठ जाती , रोजी नेहा से फोन की जिद करती है लेकिन नेहा नहीं देती , रोहित उसे गोद में लेकर अपने मोबाइल पर मोटू पतलू लगा देता है क्योंकि उसे पता है रोजी को मोटू पतलू बहुत पसंद है ।

नेहा कुछ नहीं कहती और वहां से उठकर वह बेडरूम में लेटने चली जाती । रोहित समझ जाता है कि अब नेहा थक चुकी , रोजी रोहित के मोबाइल पर मोटू पतलू देखकर बहुत खुश होती है ।

बेड रुम के गेट से नेहा हंसते हुए कहती है अब आप अपने मोबाइल का इंतजार कीजिए जब तक की रोजी सो नहीं जाती,  तो मैं भी सो कर आती हूं , और नेहा चलीं जाती है , नेहा की बात सुनकर रोहित मुस्कुराते हुए रोजी को गोद में लेकर ऊपर चला जाता है वहां रोज़ी कार्टून देखते देखते सो जाती है ,और रोहित भी सो जाता है ।

कुछ समय के बाद नेहा की नींद खुलती है ,और कोई आवाज नहीं वह बाहर आ कर देखती है ,वहां कोई नहीं था, और सोचती है की रोजी ने कहीं ज्यादा परेशान तो नहीं किया ,उसे में नीचे लेकर आती हू ,लेकिन ऊपर जाकर देखती है कि रोहित के सीने पर बड़ी मस्ती से रोजी सो रही थी ,यह देखकर उसे राकेश की याद आ जाती है ,  रोजी को ऐसे ही सुलाते थे, शायद कहीं रोजी भी राकेश की कमी को महसूस करती होगी, लेकिन वह बच्ची है तो शायद भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाती , और यह देखकर वह  वापस आ जाती है । और सोचती है कि रोहित भी रोजी को राकेश से कम प्यार नहीं करते

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