निर्णय (भाग 15) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

कहानी निर्णय

गतांक से आगे

नेहा अचानक रोहित को दरवाजे पर देखकर चौंक जाती है, और रोहित उसे तैयार ना देख कर , रोहित ने नेहा से पूछता है, अंजली का फोन नहीं आया क्या तुम रेडी नहीं हो चलने के लिए , पर मैंने तुमसे कहा था कि आज ऑटो नहीं चलेंगे तो मैं नहीं आ पाऊंगी मैं कल आऊंगी इसके बाद मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई , रोहित गैराज की चाबी मांग कर जाते हुए नेहा को रेडी होने का बोलकर गैराज की तरफ चला जाता है , नेहा रेडी होने लगती है और रोहित गैराज ड्राइवर को बुलवाकर खुलवाता है ,और वह गाड़ी की हालत देखता है ,लेकिन गाड़ी रखे हुए बहुत गंदी हो चुकी थी ,ड्राइवर से  गाड़ी चेक करवा कर ड्राइवर को दूसरे दिन आने का बोलकर गाड़ी की रिपेयरिंग करवाने की बोलता है , जब तक नेहा भी तैयार होकर बाहर आ चुकी होती है रोजी रोहित को देखकर उसकी गोद में चली जाती है , रास्ते में रोहित नेहा से पूछता है क्या तुम्हें ड्राइव करना आता है नेहा मना कर देती है तो रोहित हंसते हुए कहता है फिर तो तुम्हें गाड़ी सच में बेच देना चाहिए ,इतने समय से गाड़ी रखी हुई बिल्कुल अटाला हो रही है कभी तो उसे देखना चाहिए । हरिराम जी कल आएंगे यह गाड़ी निकाल कर ले जाएंगे और उसे सर्विस पर डाल देंगे तुम ही कोई परेशानी तो नहीं है यहां नहीं मिल सिर हिला देती है , रोहित उसे सामने मिरर में दिखता है उसके चेहरे के भाव से उसे लगता है कि शायद नेहा को यह बात पसंद नहीं आई । और वह ड्राइवर को बोलता है , कल साबिर भाई को बोल देना अंजलि और नेहा को कल से ड्राइविंग सिखाने आने लगे टाइम सेट करके यह लोग तुम्हें बता देंगे ।

अंजलि नेहा को देख कर बहुत खुश हो जाती है और नेहा से ज्यादा रोज को देखकर । रोहित की गोद से में रोजी को लेने की कोशिश करती है लेकिन वह नहीं आती , रोहित अंजलि की तरफ मुंह बनाते हुए उसे साथ में अंदर ले जाता है । और तीनों खिलखिला कर हंस देते हैं।।

रोहित अंजलि से कहता है अंजलि कल से साबिर भाई तुम दोनों को ड्राइविंग सिखाने आएंगे नेहा की गाड़ी रखी हुए खराब हो जाएगी और इसको यहां आने के लिए ऑटो भी देखना पड़ता है जब घर में चीज है तो उसका उपयोग करना आना चाहिए । अंजलि और नेहा दोनों मुस्कुरा देती हैं।

शाम के समय नेहा अंजलि से पूछती है , दीदी उस डॉक्टर की रिपोर्ट नहीं आई , नेहा को अब लगने लगा था जितना ज्यादा लेट होगी शायद लोगों की निगाहों में उतनी ही ज्यादा प्रश्न खड़े होंगे , अंजलि नेहा से कहती है अब उस बात को हम भूल जाते हैं नेहा आश्चर्य से अंजली की तरफ देखते हुए कहती है

ऐसा क्यों कह रही हैं आप ?

अंजलि में नेहामें कहती है , शायद वह सब अब पॉसिबल नहीं है , नेहा आश्चर्य से पूछती है यह सब पॉसिबल क्यों नहीं है ।

अंजलि हंसकर नेहा की बात को टाल देती है और रसोई में जाकर चाय बनाने रख देती है ,

लेकिन नेहा को बार-बार यह बातें मन ही मन में परेशान कर रही थी कि जिस बात को लेकर उनके यह रिलेशन बनने शुरू हुए थे अब वह बात पॉसिबल क्यों नहीं है , अंजलि नेहा से शायद कुछ छुपा रही है ऐसा नेहा को लगता है ।

नेहा भी मानसिक रूप से परेशान होने लगती है कि अगर वह सब संभव नहीं है तो उसे शायद और एहसान नहीं लेनी चाहिए ,

चाय पीने के बाद नेहा अंजलि से कहती है कि उसे राकेश के किसी दोस्त के घर जाना है क्या आप रो जी को कुछ समय के लिए रख सकती है , अंजलि ड्राइवर को बुलाकर कहती है की नेहा जहां जाना चाह रही है उसे ले जाओ, रोजी को वहीं रहकर नेहा चली जाती है ।

वह सीधे डॉक्टर सरिता के पास जाती है , सरिता नेहा को देखकर चौक जाती है और कुछ देर देखते हुए नेहा से पूछती है अंजलि जी नहीं आए ।

नेहा डॉक्टर सरिता से कहती है ,की अंजलि जी को भी नहीं पता कि मैं आपसे मिलने आई हूं सरिता अंजलि को बिठाकर  उसको आश्चर्य से देखती है ।

नेहा बिना किसी भूमिका के डॉक्टर सरिता से पूछती है कि हम एक बार आपके पास आई थी तब आपने हमारी कुछ चेकअप किए थे ,उसकी रिपोर्ट  मुझे अंजलि जी क्यों नहीं बता रही ,बच्चे को लेकर इतनी उत्साहित थी ,अचानक से उन्हें क्या हो गया वह  इस विषय में बात क्यों नहीं कर रही । प्लीज आप मुझे बताइए और यही कारण है कि मैं आज आपके पास अंजलि जी के साथ नहीं आई ,

सरिता  नेहासे कहती है कि उनके द्वारा और रोहित जी के द्वारा एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देना बहुत मुश्किल है उनका पैसा तो बहुत खर्च होगा ही लेकिन उनकी स्पर्म इतने हेल्दी नहीं है शायद इसलिए उन्होंने अपना इरादा बदल दिया , आश्चर्य से देखती है, और वह कहती है क्या इसमें मैं कोई मदद नहीं कर सकती , डॉक्टर नेहा से कहती है , जब आपकी और रोहित जी के द्वारा ही उन्हीं बच्चा चाहिए इतनी लंबी चौड़ी प्रक्रिया से गुजरने का क्या फायदा वह मेरी पेशेंट होने के साथ-साथ मेरी बहुत अच्छी सहेली भी है इसलिए मैंने उनसे कहा यह सब प्रोसीजर की बजाए प्राकृतिक तरीके से भी   मां बन कर अंजलि जी को बच्चा दे सकती हैं , इसमें नेहा आपको भी किसी भी कठिन प्रक्रिया से गुजर ना नहीं पड़ेगा और चांसेस भी पूरे होंगे , नेहा कुछ सोच कर डॉक्टर से कहती है की मतलब रोहित जी के साथ मुझे

डॉक्टर सरिता नेहा की बात काटते हुए कहती हैं हां आप बिल्कुल सही समझी , जिस तरह आप रोज़ी की मां बनी ठीक वैसी ही ,

नेहा ने फिर पूछा तो आपकी इस बात का जवाब अंजलि जी ने क्या दिया ।

सरिता नेहा के चेहरे को देखते हुए कहती है उन्होंने मुझसे कहा नहीं नहीं यह संभव नहीं है तो मैंने उनसे कहा था अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर हम किसी और के साथ मिलकर के इस प्रोसीजर को आगे बढ़ाएंगे वह इसमें भी राजी नहीं मैंने कहा कि आपके साथ मिलकर पर वह मुझे कुछ समय के बाद जवाब देने का बोल कर चली गई । और  डिस्कस करने के बाद नेहा अंजलि के घर की तरफ वापस चल देती है गाड़ी में बैठे हुए वह सोच रही थी अगर मैं यह कर लेती हूं ,शायद उन लोगों का यह एहसान चुका पाऊंगी ।

और शायद एहसान चुकाने से ज्यादा अंजलि जी को मातृत्व सुख दे पाऊंगी । मैं डॉक्टर सरिता थी फिर कहूंगी कि किसी और से की बजाए मेरी और रोहित जी के साथ कर सकती हैं , और यह बात हम अंजलि जी को ना बताएं ।

वह थोड़ी लेट हो जाती है तो अंजलि उसे घर नहीं जाने देती , और उसे वही रोक लेती है , रात के समय नेहा पूछती है कि उसी जल्दी ही कुछ डिसीजन लेना होगा आज इतनी ज्यादा लेट होगी यह शायद उसके लिए ठीक नहीं होगा । और यह सोचती सोचती वह सो जाती है

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