मेरी बेटी घुट घुट कर नहीं जीएगी –   हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

मां मां… देखो तो पापा को, कितने उतावले हो रहे हैं आज , कितनी बार दरवाजे के चक्कर काट चुके हैं! हां भई.. उनकी लाडली बिटिया ससुराल में पूरे 15 दिन विताकर वापस आ रही है! पता नहीं पापा 15 दिन कैसे रहें रिया के बिना! चुप कर… क्या तू लाडला नहीं है हमारा, अरे.. तेरी भी तो बहन आ रही है और एक बात बता जब तेरी पत्नी जूही अपने मायके जाती है तो क्या उसके मम्मी पापा भी उसका इतनी बेसब्री से इंतजार नहीं करते..?

हां मां.. पर फिर भी.. आपको पता है की रिया को वहां से यहां तक पहुंचने 3 घंटे लगेंगे, तो अभी से बार-बार जाकर दरवाजे पर क्या देखना..? इतने में ही राजीव के पापा भी आ गए, राजीव बेटा जब तेरी बेटी पीहू ससुराल से वापस आएगी, तब तेरी भी यही हालत होने वाली है! पर पापा.. मैं तो जब भी हॉस्टल से आता था या बाहर नौकरी से आता था तो मेरा तो ऐसा किसी ने इंतजार नहीं किया.? आज तो देखो…

अपनी लाडली के लिए मां ने सुबह से ही उठकर कितनी तैयारी की है, एक भी आइटम ऐसा नहीं छोड़ा जो रिया को पसंद ना हो, मां.. बेचारी मेरी पत्नी को भी आज तो पूरी बावर्ची बनाकर छोड़ेगी ! बेटा… रिया हम सब को छोड़कर पहली बार इतनी दूर ससुराल गई है, पता नहीं वहां कैसे रह रही होगी..?

कैसी होगी मेरी लाडली..? उसका इंतजार तो बनता ही है ना..?  3 घंटे बाद रिया घर आ गई और चहकते हुए अपने पापा मम्मी के गले लग गई, पापा मम्मी की आंखों से तो गंगा जमुना बहने ही लग गई! ऐसा लग रहा था जैसे बेटी 15 दिन के लिए नहीं 15 सालों बाद मिल रही हो! पूरे घर में खिलखिलाहट फैल गई! भतीजी खुशी तो बुआसे ऐसे चिपक गई मानो फेवीक्विक का जोड़ हो!

सब बुआ भतीजी के मिलन को देखकर भी बहुत भावुक हो रहे थे! तभी रिया बोली… पापा मम्मी.. आपको पता है मुझे यहां तक आने में कम से कम 3 घंटे लगते हैं, फिर आप बार-बार में किसका इंतजार कर रहे थे बाहर खड़े होकर..? मेरे पास अपना खुद का हेलीकॉप्टर तो है नहीं, जिसे लेकर चल दूं, और बस 5 मिनट में आपके पास आ जाऊं! मेरी प्यारी मम्मी.. मैं आपको बता नहीं सकती मैंने ससुराल में आप सबको कितना ज्यादा मिस किया!

सबसे ज्यादा पापा को! मम्मी मेरे ससुराल में सब लोग अच्छे हैं सब मेरी छोटी छोटी बात का ध्यान रखते हैं, फिर भी एक दिन ऐसा नहीं गया जब मैंने आपको याद नहीं किया!  चल चल …अब बड़ी-बड़ी बातें छोड़, यह बता इतने बड़े सूटकेस में क्या भर के लाई है..? ऐसा लगता है तू तो परमानेंट यहां रहने आ गई, विनीत जी से लड़ाई तो नहीं करके आई, तेरा क्या भरोसा… 

तु मुझसे भी दिन भर झगड़ा करती थी, परेशान होकर उन्होंने कह दिया  होगा की… रिया… तू तो अपने मायके ही जा, तेरे घरवाले तुझे झेल सकते हैं.. हम नहीं! तभी मम्मी हंसते हुए बोली… बस राजीव… अब बस कर, रिया को छेड़ना… कितनी देर से भूखी होगी मेरी बच्ची, पहले उसकी पसंद का खाना तो खाने दे, फिर जी भर के बहन भाई एक दूसरे  को छेड़ना! ऐसा कहकर मम्मी रिया को खाने की टेबल पर ले गई, 

रिया तो मारे खुशी के पागल हो गई! मां आपने सारा खाना  आज ही बना डाला तो आगे के 10 दिनों के लिए आप क्या बनाओगी..? सारा एक दिन में खिला दोगी क्या मुझे..? हां हां खाले .., तेरी सास भी तो देखें, हमने मायके से अपनी बहन को मोटा ताजा करके भेजा है! रिया की शादी के बाद पहली होली थी और कहते हैं पहली होली सास बहू साथ नहीं मनाते, इसलिए रिया अपने मायके आ गई! विनीत भी आना चाहते थे

किंतु उनकी अर्जेंट मीटिंग आ गई, हां पर 10 दिन बाद वह लेने जरूर आएंगे, फिर रिया अपने ससुराल की और बहुत सी बातें बताने लगी, और कब दो-तीन घंटे बातों में ही निकल गए पता ही ना चला! अगले दिन से ननद भाभी कभी घूमने कभी शॉपिंग कभी मेले  में चले जाते! एक दिन शाम को जब रिया घर आई  तो पापा बोले.  रिया बेटा.. क्या पापा के पास बैठने का टाइम नहीं है तेरे पास, तू मेरी सबसे लाडली बेटी है, और तू दिन भर घूम कर इतना थक जाती है कि तुझे घर आते ही नींद आने लग जाती है,

मैं तो बेटा तुझसे बात करने को ही तरस गया, बेटा तेरे ससुराल में सब ठीक है ना..? तुझे वहां कोई परेशानी तो नहीं है..? सॉरी पापा.. मैंने तो यह सब सोचा ही नहीं और फिर पापा बेटी काफी देर तक बातें करते रहे, हंसते रहे! पापा रोज कुछ ना कुछ रिया की पसंद का लेकर आते, तब राजीव फिर छेड़ता.. अरे पापा.. अब यह ससुराल वाली हो गई है

अब तो इसकी ज़िद पूरी करना बंद कर दो, तब पापा बोले, बेटा..जब तक बेटी मायके में है, उसकी हर इच्छा पूरी करनी चाहिए, आगे पता नहीं ससुराल में इच्छाएं पूरी हो या ना हो और मैं नहीं चाहता मेरे होते हुए मेरी बेटी को अपना मन मारना पड़े! और फिर कुछ दिन हंसी-खुशी बिता कर रिया अपनी ससुराल चली गई!

इस बार राखी पर रिया फिर से मायके आई, किंतु इस बार उसकी हंसी में वह चमक नहीं थी और नाही वह कोई जिद करती, ना खुलकर कोई बात करती! पापा मम्मी से यह सब नहीं छुपा,आखिर उनकी चहकने वाली लाडली अब इतनी  गुमसुम सी जो हो गई थी! पापा के लाख पूछने के बाद में रिया थोड़ा सहज हुई और उसने जो बताया उसे सुनकर तो रिया के पापा दंग रह गए ! रिया ने बताया.. पापा.. वैसे तो ससुराल में पैसों की कोई कमी नहीं है,

किंतु फिर भी वह मुझे कम दहेज के लिए अक्सर ताने मारते रहते हैं, यहां तक की विनीत का चरित्र भी साफ सुथरा नहीं है, पापा आपने इतनी छानबीन करने के बाद में यह संबंध मेरे लिए तय किया था और मुझे भी आपकी पसंद पर भरोसा था, किंतु पापा विनीत का अपने ऑफिस की सहकर्मी से अफेयर चल रहा है और घर वाले सब जानते हुए भी अनजान बनने का नाटक करते हैं! इससे पहले भी विनीत ने एक लड़की को धोखा दिया था

और उस लड़की ने आत्महत्या कर ली! पापा विनीत मुझ से अच्छे से व्यवहार भी नहीं करते, मैं वहां घुट घुट के जीती हूं, नरक से भी  बदतर होती जा रही है मेरी जिंदगी, मुझे एक  नौकरानी का साथ दर्जा दे रखा है, पापा… आपकी लाडली कि वहां कोई इज्जत नहीं है, जैसे यहां मेरी भाभी की है! हम सब यहां भाभी को इतना मान सम्मान प्यार दुलार देते हैं किंतु वह लोग तो मुझ से सीधे मुंह बात तक नहीं करना चाहते, अब बताइए पापा.. मैं क्या करूं..?

पापा मैं आपकी लाडली बेटी जरूर थी किंतु आपने मुझे कभी आत्मनिर्भर नहीं होने दिया, तब रिया के पापा बोले, बेटा…तू  इतना सब सहन करती रही और एक बार भी तुझे अपने पापा की याद नहीं आई या उनसे कहना तूने जरूरी नहीं समझा ? दो दिन बाद रिया के पापा ने विनीत के घर वालों से इस संबंध में बात की और उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की  किंतु उन्होंने रिया के पापा को साफ-साफ कह दिया…

देखिए, अगर आपकी बेटी को यहां रहना है तो हमारे हिसाब से ही रहना होगा, हम उसकी मर्जी से नहीं रहेंगे! अगर आपको उसके यहां रहने से दिक्कत है तो आप रखिए अपनी बेटी को अपने पास,हमारे विनीत के लिए तो आज भी अच्छे-अच्छे रिश्ते मौजूद हैं! यह सुनकर रिया के पापा को बहुत धक्का लगा क्या इतनी जांच पड़ताल करने के बाद भी मुझे अपनी लाडली के लिए रिश्ता देखने में चुक हो गई,

किंतु अब मेरी बेटी उस घर में जाकर बार-बार बेइज्जत नहीं होगी, बेटी है मेरी कोई खिलौना नहीं! मेरी बेटी जीएगी तो सम्मान के साथ जीएगी, और फिर उन्होंने रिया और सभी घरवालों की सहमति से विनीत के खिलाफ तलाक और दहेज का मुकदमा तैयार कर दिया और फिर जीत रिया की हुई!

तब रिया के पापा बोले बेटा.. तू यह मत समझना कि लोग क्या कहेंगे, मुझे लोगों से ज्यादा अपनी बेटी प्यारी है! मेरी बेटी घुट घुट कर नहीं जीएगी और तलाक के साथ जिंदगी खत्म नहीं होती बल्कि एक नया सबक मिलता है, और वैसे भी हम सभी घर वाले तेरे साथ हैं और हमेशा रहेंगे! अपनी लाडली बेटी को गले लगा लिया!

  हेमलता गुप्ता स्वरचित

बेटियां 6th जन्मोत्सव प्रतियोगिता (3)

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