हक सबका फर्ज सिर्फ पत्नी का।। – अंजना ठाकुर  : Moral stories in hindi

सुबह से सबकी फरमाइश मै लगी पूजा रसोई घर मैं पति निलेश का टिफिन तैयार कर रही थी तभी निलेश की आवाज आई पूजा तुमने शर्ट प्रेस नहीं करी ।

पूजा ने काम करते हुए अपनी ननद को आवाज लगाई प्रिया जरा अपने भाई की शर्ट प्रेस कर दो..

उधर से प्रिया बोली पति तुम्हारे है उनका काम तुम ही करो।

पूजा ने अपनी सास से कहा मांजी आप जरा टिफिन लगा दो मैं जब तक शर्ट प्रेस कर दूं ,मांजी बोली अपने पति का टिफिन तुम ही लगाओ क्या कितना रखना है ।

पूजा जल्दी से टिफिन लगा कर कमरे मै गई बोली

आप भी एक शर्ट प्रेस नहीं कर सकते । निलेश बोला तो तुम्हे किसलिए लाया हूं उस समय पूजा को वैसे ही गुस्सा आ रहा था पर सुबह सुबह दिमाग खराब करना नहीं चाहती थी ।

पूजा जब से शादी हो कर आई तब से निलेश और घर की जिम्मेदारी उसी की थी घर की तो भी थोड़ी बहुत सास,ननद ले लेती लेकिन निलेश की तो जरा भी नहीं  लेती बल्कि तुम्हारा पति है यही सुनने को मिलता ।पूजा परेशान हो गई थी जबकि हक की बात आती तो सब आज भी पूरा रखती।

उस दिन पूजा और निलेश ने पिक्चर देखने का प्रोग्राम बनाया तो प्रिया बोली भाई मैं भी चलूंगी

पूजा ने इशारा भी किया निलेश को जिसे प्रिया ने देख लिया बोली भाभी ,आप भूल रही हो शादी के बाद भी वो मेरे भाई रहेंगे और उन पर मेरा हक हमेशा रहेगा ।

पूजा बोली ऐसी बात नहीं है वो तो पिक्चर थोड़ी रोमांटिक है तो आप साथ रहोगी तो थोड़ा अनकंफर्ट लगेगा ।बाकी आप चल सकती हो इसके बाद भी प्रिया  तैयार हो गई

पूजा ने एक दो बार निलेश को बोला भी की फैमिली टाइम और पर्सनल टाइम मैं कुछ तो अंतर होता है मैं ये नहीं कहती उनको साथ नही ले जाओ पर कुछ समय अपना भी होना चाहिए तुम कुछ बोलते नही हो ।निलेश बोला अब क्या बोलूं उन्हे लगेगा शादी होते ही बदल गया ,

पूजा चुप रह गई ।

 

कुछ दिन बाद पूजा के मायके मैं एक प्रोग्राम था उसी दिन ससुराल मैं भी कहीं प्रोग्राम मैं जाना था तय हुआ था निलेश और पूजा उसके मायके जायेंगे ,बाकी लोग ससुराल के प्रोग्राम मैं ऐन मौके पर ससुर किसी काम से बाहर चले गए तो सास बोली बहू को बोल दो प्रिया के साथ चली जाए निलेश मेरे साथ जाएगा नही तो सब बोलेंगे की निलेश को अपने परिवार से ज्यादा ससुराल वालों की चिंता है।  पूजा बोली लेकिन मेरे मायके मैं भी सब सोचेंगे दामाद जी क्यों नही आए

सास बोली तुम भूल रही हो पहले हमारा हक है तुम कोई बहाना मार देना ।

पूजा परेशान हो गई थी सोच रही शादी के बाद भी हक सबका रहता है लेकिन बात काम की आती है तो मेरे पति हो जाते है ।

 

आज ऑफिस से लौटते वक्त निलेश का एक्सीडेंट हो गया पैर मै फ्रैक्चर हो गया था जिस कारण पूजा को घर के काम के साथ निलेश का काम भी बढ़ गया था उसके कपड़े बदलना ,सामान जगह पर देना जिस कारण वो बहुत थक गई थी ।

आज काम निपटा कर कुछ देर बैठी ही थी की निलेश बोला चाय पीने का मन कर रहा है ।वो बोली प्रिया को बोल दो बना देगी।

निलेश बोला अच्छा लगेगा क्या तुम बैठी हो और उसे काम की बोलूं ये तो तुम्हारा फर्ज है ।

अब पूजा को भी गुस्सा आ गया बोली में कोई सुबह से आराम नही कर रही सारे काम मै ही करती हूं और खास कर तुम्हारे क्योंकि सब यही कहते है ये तुम्हारा फर्ज है जब सब फर्ज मेरा है तो हक भी सिर्फ मेरा होना चाहिए तब तो उन लोगों का पहले हो जाता है फिर काम के मामले मैं उन्हें

क्यों शर्म आने लगती है क्या शादी से पहले ये लोग तुम्हारे काम नहीं करती थी इतने दिनों से मैं चुप थी क्योंकि फिर लड़की पर ही इल्जाम लगाया जाता है  की बेटे या भाई को दूर कर रही है ।असल मैं दूर वो खुद करते है ।

पूजा बोलती जा रही थी तभी प्रिया आ गई उसने बातें सुन ली थी बोली भाभी आप सही कह रही हो हमें इस बात को समझना चाहिए मै चाय बना लाती हूं ।

कमरे मै सन्नाटा हो गया पूजा को भी आश्चर्य हुआ ये इतनी जल्दी कैसे समझ गई ।

पूजा बाहर गई तो उसने सुना मां से कह रही थी मां

हम सब को मिलकर काम करना चाहिए भाई का भी कहीं ऐसा ना हो की भाई का फर्ज ही नही हक भी भाभी का रह जाए ।

पूजा मुस्कुराती हुई वापस आ गई वो तो ऐसा नहीं चाहती थी पर उसे समझ आ गया की ससुराल से अलग होने मै हर बार गलती लड़की की नहीं होती।।

बेटियां 6 जन्मोत्सव

कहानी 3

 

स्वरचित

अंजना ठाकुर

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