गुल खिलाना – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

गाड़ी में बैठकर अनूप ने सीट बेल्ट बांधा और गाड़ी हवा से बातें करने लगी.. मुझे हर हाल में तुहिना के पहले एयरपोर्ट पहुंचना होगा ड्राइवर को निर्देश दे परेशान अनूप इष्टदेव को याद करने लगा.. एयर पोर्ट शहर से बहुत दूर था, बिल्कुल एक छोर पर.. तुहिना से पहले पहुंचना होगा वरना..

जब से तुहिना की रिपोर्ट आई है वह कभी मां नही बन सकती तब से परेशान और चिंतित रहती है.. कितना समझाया तुम्हारे जन्मदिन पर एक बच्चा गोद ले लेंगे.. और तुम्हारी जिद्द तुम दूसरी शादी कर लो जिसे मैंने सख्ती से मानने से इंकार कर दिया.. और अपनी कसम भी दे दी.. वो तो भला हो कामवाली बाई शीला का जिसने फोन पर तुम्हारी और मां की बात सुन ली थी मां ने कितना बड़ा #बखेड़ा खड़ा कर दिया #था…

मां तुम्हे मां नही बनने पर शायद कोस रही थी और गांव से लेकर शहर तक के जमीन जायदाद के वारिस नही मिलने का कारण तुम्हे बता रही थी और तुम रो कर कह रही थी मैने अनूप को दूसरी शादी के लिए बहुत मनाया पर मानते हीं नहीं, पता नही मां ने क्या कहा और तुम हमेशा के लिए घर और मुझे छोड़ कर जाने के लिए तैयार हो गई.. मां  मेरे पीठ पीछे #गुल खिला चुकी थी

#ऑफिस के काम से दो दिनों के लिए बाहर क्या गया मेरी दुनिया हीं उजड़ने के कगार पर आ गई.. वो तो शीला ने एक सांस में सब कुछ बता दिया और तुहिना के घर छोड़ने और एयरपोर्ट जाने की बात भी.. जल्दी करो मैंने ड्राईवर को कहा.. बस अब हम पहुंचने वाले हीं हैं.. अरे तुहिना…. मैने चिल्लाते हुए तुहिना की तरफ दौड़ा.. पागलों सा लोगों को धक्के देता.. और तुहिना से लिपट के रो पड़ा.. तुहिना की सूजी आंखे और निस्तेज चेहरा सब कुछ बता रहा था.. हम एयरपोर्ट के बगल में एक रेस्टोरेंट में गए..

तुहिना ने बोलना चाहा, मैने उसके होठों पर उंगली रख दी.. तुहिना मेरा विश्वास मेरी मुहब्बत मेरी जिंदगी सबकुछ तुम हो ,चार साल तक हमने एक दूसरे से प्यार किया एक दूसरे को समझा फिर शादी की.. और आज एक बच्चे के लिए तुम मुझे छोड़ कर जा रही थी मेरे प्यार पर मुझ पर तुमको भरोसा नहीं रहा.. मेरी आंखें भर आई.. तुहिना बोली तुम अपनी मां के एकलौते बेटे हो ..

उनका भी अरमान है अपने पोते पोतियों को अपने घर आंगन में किलकारियां बिखेरते  देखना अपना लाड़ दुलार उनपर लुटाना.. कौन चाहता है उसकी बहु बांझ हो.. मैने तुहिना के मुंह पर हाथ रख दिया.. मुहल्ले के छोटे छोटे गरीब बच्चों को तुम पढ़ाती हो उनकी पसंद की चीजें बनाकर खिलाती हो उनका कितना ख्याल रखती हो.. बच्चे तुम्हे कितना प्यार करते हैं और उनके माता पिता तुम्हे कितनी दुआएं देते हैं ये मुझसे छुपा है!

मैने सोचा था तेरे जन्मदिन पर बच्चा गोद लेंगे पर आज और अभी अनाथालय चलते हैं प्रक्रिया पूरा करने में भी समय लगेगा ..

दो महीने बाद तुहीना की बेटी तनुश्री घर आ गई.. प्यारी सी गुड़िया पर तुहिना ने अपनी पूरी ममता न्यौछावर कर दिया.. भरी आंखों से अनूप तुहिना को देख रहा था.. तुहिना अब मैंने तुम्हे ऐसे बंधन में बांध दिया है कि तुम मुझे छोड़ कर कहीं नहीं जा सकती.. धीरे धीरे इस प्यारी सी गुड़िया को देखकर मां भी पिघल जाएंगी और उस दिन होगा खूब बड़ा जश्न..

✍️🙏❤️

Veena singh

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