एक प्यार ऐसा भी …(भाग -46) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू का मेंस का पेपर क्लीयर हो गया है …. वो और रोहित सर छत पर बैठे बातें कर रहे है ….. रोहित सर अपनी दास्तां सुना रहे है कि जब मैं तेरी उमर का था राजू….. तब एक लड़की….

इधर भावना मैडम को अचानक से हार्ट अटैक आ गया है …. उन्हे  अस्पताल में एडमिट करवाया गया है …

अब आगे….

रोहित सर आगे बोलते है ….

राजू… एक लड़की से तेरा सर रोहित बहुत प्यार करता था …

अच्छा सर…. क्या नाम था उनका…. आपने शादी नही की उनसे…..

राजू उत्सुकतावश पूछता है ……

हर किसी को मुकम्मल जहां नही मिलता राजू…….

ज़िसे अपना प्यार मिल ज़ाये वो बड़ा किस्मत वाला होता है ….

मैं कोई हमेशा से शहर में रहता नही था …. तेरी तरह गांव का फक्कड़ रोहित था …. वहीं सामने रहने वाली दीपिका से इश्क हो गया था ……

घंटो खेतों पर हाथ में हाथ डाले हम दोनों बैठे रहते थे …. प्यार के खुशनुमा लम्हे गुजारते थे …. प्यार तो बहुत करती थी दीपिका… पर पता नहीं ….

रोहित सर अपनी बात पूरी करते उससे पहले ही राजू बिना सोचे समझे बोल पड़ा …

फिर क्या हुआ सर….?? बताइये आगे……

अच्छा ये आपका एक पैर हमेशा से ऐसा है सर ….

नहीं राजू…. ये लड़कियों को समझना हर किसी के बस की बात नहीं …… जीने मरने की कसमें खाती थी मेरे साथ …. मैं शहर क्या आया पढ़ने तेरी तरह … भाग गयी किसी अमीरजादे के साथ….

फ़ोन था नहीं उस समय… जो बात करता रहता….

गाँव गया तो पता चला मेरी दीपिका अपने किसी प्रेमी के साथ भाग गयी…. इतना टूट गया था मैं राजू… उसके धोखे के बावजूद उसे शहर में पागलों की तरह ढूँढ़ता था …… नशे का आदी हो गया था …. गम में उमर भी  निकल गयी थी आईएएस के पेपर की…. एक दिन नशे में धुत गाड़ी से स्पीड में जा रहा था … टकरा गया ट्रक से…. सोचा था मर जाऊंगा… पर ये कम्बखत मौत भी इतनी आसानी से कहां आती है …. बस एक पैर से अपाहिज हो गया…. पढ़ने में होशियार था … कमाने के लिए ऑनलाइन क्लासेस लेने लगा….. इतना नाम हो गया कि आज ये कोठी , ये गाड़ी सब बना लिया तेरे सर ने….

पर सर इतना सब कुछ होने के बाद आपने शादी क्यूँ नहीं की…. दीपिका जी आगे बढ़ गयी तो आप क्यूँ नहीं बढ़े …??

राजू पूछता है ….

नहीं भुला पाया रे राजू उसे… उसकी यादों, उसकी यादों के सहारे ही जी रहा हूँ…

और एक अपाहिज से कोई लड़की शादी क्यूँ करेंगी …..

अकेले ही ठीक हूँ ….

रोहित सर बोले…

सर… बुरा ना माने तो क्या आप मुझे दीपिका जी की फोटो दिखा सकते हैं …..

हाँ ले देख ना राजू… है ना खूबसूरत मेरी दीपिका….

सर ये… ये  दीपिका जी तो….मैने ….

तू जानता है क्या राजू दीपिका को…

तूने देखा है ??

हाँ सर…

राजू आगे कुछ बोलता उससे पहले भावना मैडम के पापा का फ़ोन आ गया राजू के पास…

हेलो सर… नमस्ते ….

इतनी रात को फ़ोन किया आपने… सब ठीक तो है ??

राजू बोला…

राजू… मेरी भावना मौत के मुंह में है … ज़िन्दगी और मौत से लड़ रही है  …. उसे हार्ट अटैक आया है …..

सर रुआंसे से बोले….

ओह सर….ये क्या हो गया….

आप परेशान ना हो… आप वहीं रहिये…. मैं निकलता हूँ….

राजू घबराया हुआ बोला…..

सर … भावना मैम….

हाँ राजू… मैने सुन लिया…

जल्दी चल…..

रोहित सर और राजू रात को ही गाड़ी से निकल आये….

दोनों होस्पिटल आ चुके थे …..

राजू भागता हुआ रिसेप्शन से  रूम नंबर पूछ भावना मैडम के पापा के पास आया…

सर….. मैम कैसी है ??

वेंटिलेटर पर है राजू…….. मेरी बच्ची कितनी तकलीफ में है ….

भावना मैडम के पापा फफककर रो पड़े….

राजू की आँखें भी नम थी ….

रोहित सर भी आ चुके थे ….

रोहित तुम यहां रूम के पास रुके… मुझे राजू से एक ज़रूरी बात करनी है …..

भावना मैडम के पापा राजू को रेस्ट रूम में लेकर आये…

जी कहिये सर…. मेरे लायक जो काम हो बतायें ….

राजू… अब तुम ही मेरी भावना को बचा सकते हो….

मैं कैसे सर…..?? हाँ मैं हनुमान बाबा से उनके ठीक होने की कामना कर सकता हूँ… और जबसे आपने बताया मैम के बारे में तब से ही कर रहा हूँ….

राजू….. एक बाप तुमसे कुछ मांगू तो दोगे??

मना मत कर …

सर बोले…

जी सर… राजू क्या दे सकता है आपको…

आपके पास तो सब कुछ है ….

तुम ही दे सकते हो राजू…..

सर…. मैं समझा नहीं क्या मांग रहे सर आप…. सर अगर होगा मुझ पर तो ज़रूर दूँगा….

राजू….. भावना तुमसे बेइंतहा प्यार करती है … अभी से नहीं… जबसे तुम उसकी दुर्गा कोचिंग में पढ़ने आये हो तबसे …. वो अपनी फीलिंग तुमसे किस तरह छुपा रही है मैं ही जानता हूँ… तुम्हे अफसर बनते देखना उसका सपना है ….. वो तुझसे राजू निहस्वार्थ प्यार करती है …. उसे उसका प्यार दे दो राजू…. उसे राजू चाहिए… और कुछ नहीं … उससे शादी कर ले राजू…

सर जी बोले…

राजू तो जैसे बुत सा बन गया….

ये क्या कह रहे है सर आप… कहां मैँ और कहां भावना मैम… मैने उन्हे कभी इस नजर से नहीं देखा… वो मेरी गुरु है …. गुरु और शिष्य के रिश्ते को ऐसे बदनाम ना करें सर…

आप जो मांग रहे वो राजू  कभी नहीं दे सकता…

राजू… एक बेबस बाप अपनी बेटी की जान की भीख मांग रहा है तुमसे….. भावना के इतने सालों की फीस और एहसान का ही बदला चुका दो राजू…

तेरे हाथ जोड़ता हूँ….

सर राजू के सामने आँखों में आंसू लिए गिड़गिड़ा रहे थे …

सर… ये क्या बोल रहे है आप…. आप नहीं जानते कि राजू…

राजू बोलते हुए रुक गया….

सर…. मैम को कोई अच्छा जीवनसाथी मिलेगा….

राजू ने बात को अलग तरह से बोला…

तो ठीक है राजू…

अगर भावना को कुछ हुआ तो उसका ज़िम्मेदार तुम्ही होगे….

सर जी बोले…

बेचारा राजू दुविधा में फंसा था ….

ठीक है सर…. वो कुछ सोचकर बोला…

भावना मैम के बहुत एहसान है मुझ पर सर …उनकी ज़िन्दगी अगर राजू के उनसे शादी करने से बचती है तो  मैं शादी कर लूँगा पर उन्हे अपना नहीं पाऊंगा कभी …. वो मेरे लिए हमेशा मेरी टीचर ही रहेंगी….

राजू बेबस था ….

तेरा बहुत बहुत धन्यवाद राजू…. चलके ये बात भावना के कानों में  भी बोल दे…. तेरा साथ पाकर शायद वो ठीक हो जायें ….

राजू आँखों में आंसू भरे मुंह पर मास्क लगाकर, बाहर जूतें उतारकर  ऑपेरेशन थियेटर में जाता है ….. वो भावना मैम का हाल देख रो पड़ता है … उनके कानों में बोलता है …

मैम… मैं राजू….

आपकी हर बात राजू को मंजूर है …

बस आप ठीक हो जाईये…..

थोड़ी देर में वो बाहर आ जाता है….

सभी लोग डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे है ….

थोड़े टाइम बाद डॉक्टर आते है …..

सर…. हाउ इज माय डाटर भावना ??

सर जी पूछते है …

शी इज नॉट वेल सर….. वेंटिलेटर से तो हटा दिया है हमने … थोड़ी देर में होश आ जायेगा… बट उनका खास ख्याल रखना होगा…. कोई भी ऐसी बात जो उन्हे दुख पहुँचाये य़ा ज्यादा ख़ुशी दे एकदम से ना बताये…..

अभी दो दिन और हम उन्हे यहां रखेंगे……

यह बोल डॉक्टर साहब चले गये….

राजू की हालत ऐसी थी कि वो समझ नहीं पा रहा था कि उसने क्या कहा … क्या कर रहा है …..

राकेश को फ़ोन लगाया उसने….

ए रे …. तू इतना शांत क्यूँ है …. फ़ोन किया है तो बात तो कर …..

राकेश बोला….

राजू …अब खामोश हो गया है राकेश…. अब किसी के हाथ की कठपुतली बन गया है राजू… वो उसे जैसे नचायेंगे … नाचना  पड़ेगा मुझे राकेश….

राजू जोर जोर से रो रहा था ….

ए रे राजू… मेरा दिल बैठा जा रहा है …. क्या हुआ बता तो सही…..

राकेश बोला…..

भावना मैडम मुझसे प्यार करती है … शादी करना चाहती है …. उनकी ज़िन्दगी का सवाल था तो मैने हाँ कर दिया रे राकेश….

राजू बोला….

क्या सच में…. जय बजरंगबली …. तूने राकेश की सुन ली…. मुझे तो भावना मैडम हमेशा से पसंद है रे राजू…

तेरी और उनकी जोड़ी बहुत अच्छी लगेगी…..

क्या बोल रहा है तू … दिमाग ठीक है तेरा…. निम्मी को टूटकर चाहता हूँ ,,,वो तो मिली नहीं…. और ज़िसको भगवान की तरह पूजता  हूँ,, उससे शादी… पता नहीं क्या लिखा है मेरी किस्मत में….. मैं उन्हे वो प्यार नहीं दे पाऊंगा राकेश जो मैं निम्मी से करता हूँ…. ये भी तो उनके साथ धोखा होगा…

राजू बोला…

ये सब फिल्मी बातें है रे राजू… जब वो सजधज के तेरी दुल्हन बनके आयेंगी… तेरे साथ रहेंगी तो प्यार हो ही जायेगा तुझे भी … घर में रहने वाले जानवर से प्यार जो जाता है रे …. भावना मैडम तो एक खूबसूरत सी अमीर घर की शहर की जानी मानी लड़की है .. ज्यादा मत सोच… अब जीवन में निम्मी से आगे बढ़ …..

राकेश राजू को समझाता है …..

तभी रोहित सर राजू के पास आते है  ….

राजू…. भावना तुझे बुला रही है ….

आगे की कहानी कल…. एक कमेंट और लाइक ज़रूर करे …..

जय संतोषी माँ

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मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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