एक प्यार ऐसा भी …(भाग -43) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू अपने मेंस की तैयारी रोहित सर के समझाने पर  डटकर कर रहा है ….. पर आज निम्मी और सचिन की सगाई है तो उसका मन बेचैन है… सुबह से ना तो राजू ने कुछ खाया है ना पिया है ….. भावना मैम जले पर नमक छिड़कने के लिए उसे निम्मी और सचिन की सगाई दिखाने के लिये वीडियो कॉल करती हैँ  …. पर राजू फ़ोन स्विच ऑफ़ कर  लेता है ….. तभी रोहित सर आते है ….. वो राजू को वीडियो कॉल पर निम्मी और सचिन को दिखाते है जो स्टेज पर बैठे हुए है …..

अब आगे….

राजू सर तो ऊपर करो …. कुछ दिख ही नहीं रहा होगा तुम्हे ….. रोहित सर राजू का सर ऊपर करते है….

नो सर… प्लीज … आई कांट ……

राजू मुंह फेर लेता है ….

हे राजू… प्लीज सी हियर …. सी हाउ एम लुकिंग… एंड आल्सो गिव अ लुक ऑन निम्मी एंड सचिन…. हाउ प्रिटी दे आर…

हे निम्मी ….

देखो ना तुम्हारा बेस्ट फ्रेंड देख ही नहीं रहा तुम्हारी तरफ……

तुम ही कुछ बोलो…

आया नहीं तुम्हारी एंगेज़मेंट में थोड़ा गुस्सा ही दिखा दो…..

निम्मी ने आँखें ऊपर कर फ़ोन की ओर देखा….. 

ए राजू… देख ना मेरी तरफ….. बता ना कैसी लग रही हूँ??

निम्मी ने धीरे से बोला…

निम्मी की आवाज सुन राजू पर ना रहा गया…

उसने अपनी आँखें ऊपर कर निम्मी की ओर देखा…

बहुत सुन्दर लग रही है तू निम्मी … खुश रह….

राजू बस इतना ही बोल पाया…..

राजू की आँखें बस बरसने ही वाली थी…. उसमें इतना सैलाब था जो सिर्फ  वहीं समझ सकता था ….

अच्छा निम्मी रखता हूँ फ़ोन….

पढ़ना  है …..बेस्ट विशेश …..

राजू फ़ोन काटता ,,,उससे पहले निम्मी बोली….

ए राजू अच्छे से पढ़ाई कर …. दो दिन बाद तेरा पेपर है ना …. तुझे भी बेस्ट विशेश ……

निम्मी को याद है मेरा पेपर कब है …..

राजू मन ही मन सोचा….

राजू ने बिना कुछ बोले फ़ोन काट दिया……

भावना मैडम बोलती ही रह गयी… मेरे बारे में तो कुछ बोलो……..

गुस्से से भावना मैडम तिलमिला रही थी…

पर मन ही मन खुश भी थी कि अब तो राजू उन्ही का है …..

निम्मी तुम्हारी आँखों में आंसू है ??

निम्मी के पास बैठा सचिन निम्मी के लुढ़कते आंसुओं को अपने हाथों में लेते हुए बोला…

जी नहीं… वो तो बस मेक अप की वजह से….

निम्मी ने धीरे से अपने आंसू पोंछ लिए…..

राजू फ़ोन रखते ही चिल्लाकर रो पड़ा …. है तो इंसान ही वो भी …

ओह राजू…. अगर मैं सही समझ रहा हूँ तो ये फ़ोन पर जो निम्मी थी कहीं इसी से तुम ???

राजू कुछ ना बोला… रोहित सर के गले से लग गया…

ओह माय गॉड … ये क्या कर दिया मैने…

वैसे ही तू बिन पानी मछली की तरह तड़प रहा था राजू… मैने तो तुझे रेत में ही डाल दिया…..

रियली वेरी सोरी राजू…… आई अंडरस्टैंड योर पेन…..

बहुत कुछ समझना चाहता  हूँ… पर अभी ये सही समय नहीं है …..

राजू उठ… चल मेरे साथ …..

कहां सर…..???

मुझे कहीं नहीं जाना……

मैं यहीं सही हूँ….

मुझे मेरे हाल पर छोड़ दीजिये …

कल ठीक रहूँगा ….. प्रोमिस. . . . . .

नो ..नो …..

ज्यादा बोलने वाले मुझे पसंद नहीं…..

चल रहा है य़ा इसी लाठी से एक लगाऊँ ….

रोहित सर राजू को लेकर मॉल आ गये….

वहां उसे कई तरह के गेम खिलवाये….

खाना खाया दोनों ने मिलकर….

फिर राजू को लेकर पार्क में आकर बैठ गये….

अब कुछ ठीक फील कर रहे हो राजू…. ??

रोहित सर राजू के कंधे पर हाथ रखते हुए बोले…..

यस सर…. घर चले…. एक टेस्ट और हो जायें ….

राजू उठा……

और रोहित सर को साथ चलने को बोलने लगा…

दैट्स द स्पिरिट राजू….. लेट्स गो …..

निम्मी और सचिन की सगाई हो चुकी थी…..

राजू बस अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर था …..

आज राजू का मेंस का पेपर है …

नहा धोकर तैयार हो उसने पूजा की….

रोहित सर के पैर छुये …..

विजयी भव राजू…..

सर ने राजू को टीका लगाया….

फ़ोन यहीं रख जाओ……..

ओके सर…

राजू अपनी अल्मारी में फ़ोन रखता है तभी फ़ोन पर मेसेज आया…..

ए रे राजू…. अच्छे से पेपर देना…..

राजू ने….

आगे की कहानी कल….आज के छोटे पार्ट के लिए माफ कीजियेगा …कल बड़ा भाग आयेगा…..

तब तक के लिये जय श्री राम

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एक प्यार ऐसा भी …(भाग -44) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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