दिल का रिश्ता- संध्या सिन्हा । Moral stories in hindi

“# दिल का रिश्ता”  दो लोगों के बीच मौजूद गहरे और भावनात्मक संबंध को संदर्भित करता है। तह रिश्ता… प्रेमी-प्रेमिका, कोई  ख़ास क़रीबी , खून का रिश्ता ना होबे पर भी एक प्यारा अनमोल रिश्ता… जो  हमे अपनी जान से भी प्यारा होता हैं।

रमा जी से  शशि की  मुलाक़ात एक हॉस्पिटल में हुई थी।   शशि की बेटी जाह्नवी अपनी फ्रेंड्स के साथ  अपना  18वाँ जन्मदिन मनाने  एक लंबी राइड पर गई थीं। दिल्ली से जयपुर जाते हुवे “ यमुना-हाई-वे पर  उसकी कार का एक ट्रक से टकराने  से बहुत बड़ा हादसा हो गया , तीन दिनों तक आईसीयू में इलाज के बाद उसे ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया। ऐसे में …

 शशि ने  “MOHAN FOUNDATION “ जैसी एक डोनेट लाइफ एनजीओ की एक टीम की  मेंबरशिप  से जुड़े रहने  के कारण.. अपनी बेटी   जाह्नवी का दिल, किडनी, लीवर और कॉर्निया दान करने का फैसला क‍िया। तभी… उसे पता चला कि… रमा जी के बेटे रोहन के हार्ट में छेद हैं और डॉक्टर ने उन्हें  शीध्र ही    हार्ट-ट्रान्सप्लांट के कहा.. ना तो रमा के पास इतना पैसा था और ना समय… पति की दो  बरस पहले “लिवर में इन्फेक्शन” से मृत्यु हो गई थी। पति के बाद उनकी जगह रमा की नौकरी लग गई तो.. उसका जीवन-यापन हो रहा था इंशोरेंस  के पैसे  पति की बीमारी  में  लिए छुवे क़र्ज़े और बेटे की इस बीमारी में खर्च हो गये थे।तभी… डॉक्टर शेखर  ने कहने पर  रमा ने डरते-डरते शशि से बात की।  आपसी परामर्श के बाद  शशि ने बेटी का दिल, किडनी, लीवर और कॉर्निया दान करने का फैसला क‍िया। शशि ने अपनी बेटी जाह्नवी का पूरा अंग  दान कर दिया… किसी को  बेटी का दिल,  किसी को किडनी, किसी को लीवर और किसी को कॉर्निया।

बेटी जाह्नवी को खोने के बाद परेशान  और दुःखी शशि इस बात को दिल से मानती हैं कि  उसकी बेटी जाह्नवी इन सब में किसी ना किसी रूप में जीवित हैं और जब भी उसे जाह्नवी की बहुत याद आयी तो.. इन सब को फ़ोन कर बात कर लेगी। एक प्यारी बेटी के दिल के सिवा मां की भावनाओं को और कौन समझेगा?

        अब शशि और रमा के बीच एक ‘दिल का रिश्ता’ है।  शशि  रोहन को अपना बेटा मानती हैं।  क्योकि…   रमा   के  बेटे  को शशि   की बेटी का  द‍िल ऐसे समय पर म‍िला जब वह मौत के मुहाने पर  खड़ा था, क्‍योंक‍ि  रोहन के सभी जरूरी अंग फेल हो गए थे। इस एक फैसले ने दो  ही नहीं .. यूँ कहे कई अजनबियों को इस तरह से जोड़ दिया कि  रमा और  शशि  और अन्य लोग जीवन भर के लिए परिवार बन गए।

रमा को भी  शशि के साथ -साथ … एक नहीं कई परिवार मिल गये थे अब।

 रमा और  शशि की कहानी इस बात को   दर्शाती है कि…  अंग दान …  अजनबी परिवारों और जीवन को कैसे जोड़ सकता है।

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