अगली सुबह नैना की नींद नौ बजे खुली थी। उनींदी सी उसने देखा सपना नहा कर फ्रेश हो नीचे लाॅन में घूम रही है।
नैना ने मुन्नी को आवाज दी ,
” सपना दीदी ने चाय पी ली ?
” नहीं उन्होंने आपके उठने पर बनाने को कहा है “
” झटपट चाय और ब्रेकफास्ट तैयार कर लो मुझे आज औफिस के लिए जल्दी निकलना है “
थोड़ी देर बाद दोनों एक साथ बैठकर चाय पी रही थीं,
” सपना! मैंने ब्रोकर से खुद के लिए घर देखने को कहा है, देखने चलोगी मेरे साथ ?”
” हां ! अभी तुम्हारे पास कितने पैसे हैं ?”
नैना हिसाब लगाती हुई ,
“नाटकों के सफल मंचन से इतने तो जमा हो ही गए हैं कि इस प्रोजेक्ट में पैसे लगा सकूं “
एक बहुत अच्छा फ्लैट मिला है। जिसे शोभित ने अपने पास से कुछ पैसे चुका कर होल्ड पर रख दिया है “
“अच्छी प्लानिंग है! “
अगले दिन … ब्रोकर के साथ फ्लैट देखने जाने की बात तय हुई थी।
दिन के लगभग एक बजे ,
” यही बिल्डिंग है “
गली मे कार के घुसते ही ब्रोकर ने आगे की तरफ इशारा किया।
सामने बड़ी सी तख्ती पर लिखा है,
” ए ड्रीम प्रोजेक्ट गोल्फ बिल्डर्स ऑफ ग्रुप “
आठ मंजिला बिल्कुल नयी चमचमाती स्लेटी रंग की बिल्डिंग खड़ी है।
ब्रोकर … ,
” आइए मैडम! पूरी बिल्डिंग में बस यही एक फ्लैट बची है ” कहता हुआ लिफ्ट को आठवीं मंजिल के लिए दबा दिया।
आठवीं मिले पर पहुंच कर ब्रोकर फ्लैट की चाबी नैना के हवाले कर दूसरी तरफ हो गया।
हिचकिचाती हुई नैना ने अंदर आ कर चारो तरफ नजर घुमाई । लंबे पैसेज के एक किनारे बड़ी सी रसोई फिर लंबे डाइनिंग हाॅल जिसमें बड़ी – बड़ी दो खिड़कियां, बाईं ओर लंबी बाॅलकनी।
आगे छोटे से पैसेज के दाहिने ओर स्टोर रूम फिर बाथरूम और दो बड़े खुले हुए से बेडरूम जिसमें खुली खिड़कियों के साथ अलग- अलग बालकॅनी भी है। फ्लैट के साथ ही लगा हुआ मंझले साइज का टैरेस भी है।
ब्रोकर ने उससे मुखातिब होते हुए,
” मैडम ,पूरी दिल्ली में ऐसा फ्लैट नहीं मिलेगा “
” नैना , फ्लैट तो बहुत सुंदर है कैसा लगा तुम्हें ?
” बिल्कुल तुम्हारे जैसा, मीन्स सुनहरे ड्रीम जैसा “
नैना अपनी उड़ती हुई लटें संभालती हुई बोली।
” मौसी! मैं तो यहां ही रहूंगा ” बेटू उसकी उंगलियां खींचते हुए कहा।
उस दिन रात में बेड पर जाने से पहले नैना ने कहा था,
” डर लग रहा है, इतना उधार ले ली हूं । समय से चुका पाऊंगी भी या नहीं ?”
” चुका लोगी “
सपना मुस्कुराई। वह तुमने बताया है ना शोभित के साथ नाटकों में मंचन की बात।
नैना उसे अपने घर की सारी बातें बता चुकी है।
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डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -62)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi