डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -60)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

— सपना

” नैना तुम कुछ सोच भी पा रही हो ?

शोभित जिसके मृदु व्यवहार को तुम मित्रता का नाम दे रही हो

वो भी तुम्हें मित्र मानता है या उससे आगे बढ़ वह तुम्हारे प्रेम में है ? “

अपने मन को टटोलना नैना!

” एक ही शहर में तुम्हारे दो- दो प्रेमी ? यह सामान्य स्थिति नहीं है। मुझे तो यह आदर्श नहीं लगता है “

” आगे के लिए तुमने क्या सोचा है ?

नैना ने शंकित दृष्टि से सपना को देख कर उसकी गोद में सिर छिपा लिया।

” क्या और कैसे सोचूं ? बहुत ज्यादा सोचने पर और उलझ जाती हूं “

सपना ने झुककर उसका चेहरा उठा कर अपने दोनों हाथों में कैद कर लिया ,

” तुम्हें घर बसाने की चाह है ? “

”  है तो! पर उसके पहले मैं अपना घर लेना चाहती हूं “

नैना सीधी स्वर में बैठती हुई ढृढ़ स्वर में बोली ,

” मेरा छोटा और सुंदर सा घर होगा बहुत शांत और मनोरम “

” वहां और क्या – क्या होगा ? यह भी तसल्ली से बता दो “

नैना हंस दी। सपना मंत्र-मुग्ध सी होकर उसकी बातें सुन रही है।

” एक ओर बड़ा सा खूबसूरत  लाॅन होगा जिसमें  छोटी- छोटी क्यारियों में रंग- बिरंगे फूल और किनारे बड़े – बड़े पेड़ मसलन मोलिश्री कदंब और अशोक के बड़े- बड़े पेड़ होगें “

” अच्छा ये तो बताओ तुम कहां रहोगी ?

” आम के पेड़ से लटके झूले पर ” कहती नैना कहीं खो गई।

” अब जरा उस सुंदर घर में रहने वाली नैना रानी के भी दर्शन करवा दो “

” बड़े से बेडरूम के जिसके दरवाजे ऑटो मेटिक होंगे जिसे खोलते ही हल्की सी रोशनी हो जाएगी और बगल में लंबा आदमकद आइना लगा होगा। खिड़कियों पर फूलों की बेलें लदी होंगी।

” उरी बाबा रे … बस भी करो नैना ,  सुबह होने को है हम दोनों सारी रात बातें करते रहे हैं।  बेटू भी उठने को होगा “

सपना उसके बालों में अपनी उंगलियां उलझा कर उसे सहलाने लगी है।

सुख से विभोर हो जाने जैसी अनुभूति कहीं अंदर उमड़ी और उसे भीतर तक सुगबुगा गई।

आगे …

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