डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -48)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

वो कुछ पल सुख में खोई रही।

तब तक सपना ने डिनर लगा लिया।  नैना भी बच्चे को गोद से उतार कर बाथरूम में जा हाथ मुंह धो कर फ्रेश हो गई।

दोनों बातें करती हुई डिनर में मशगूल हो गई हैं।

” नैना , तुम्हें नाटकों में रुचि है। “

” हां “

“मेरा मतलब, तुम शोभित के कहने पर

नाटकों में प्ले करोगी”

“हां,  क्यों कि यह अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और पैसे भी अच्छे मिल जाते हैं।

मुझे इस समय पैसे की जरुरत है।

घर में पिता रिटायर होने वाले हैं तथा विनोद भाई की नौकरी में पर्याप्त पैसे नहीं मिल रहे हैं “

“अगर मैंने कल तुम्हें फोन नहीं किया होता तो तुम शायद आती नहीं”

” अच्छा आज तुम मेरे साथ मेरे बेडरूम में सो जाओगी  ?”

देवेन्द्र को गये हुए अभी दो ही दिन ही हुए हैं।  इस बीच मुझे सिर्फ दो- दो घंटे ही नींद आई है।

फिर  बच्चे की तरफ देखती हुई ,

“अगर ये तंग करें तो दूसरे कमरे में चली जाना “

नैना मुस्कुराई, फिर हां में सिर हिला दिया।

” तुम मुस्कुरा क्यों रही हो नैना ?

”  किस्मत! पर कि कहीं मेरी लाइफ में दूसरे के बेडरूम में सोना ही तो नहीं लिखा है “

” आए … हाए … जी छोटा मत करो, 

सपना खिलखिलाई, “

” जब तुम्हारा डबल बेड होगा ना तुम्हारे उनके की गैरहाजिरी में तुम्हारे पलंग पर  सोने आ जाऊंगी “

कहती हुई सपना ने उसे  प्यार से अपने पास खींच लिया।

उसने ऊपर की लाइट औफ करके साइड लैंप जला दिया।  जिससे अंतरंग सा माहौल बन रहा है।

” नैना तुम्हारे जीवन में भी इस पति नाम के जीव  का आगमन जरूरी होता जा रहा है “

सपना का स्वर हस्की हो चला है।

” जानती है , जब कभी देवेन्द्र बाहर जाता है।मुझे रात भर नींद नहीं आती है। 

पता नहीं मैंने अब तक उसके बिना इतने बरस कैसे बिताए हैं जब कि ” ,

” वी डोंट मेक लव एवरी नाइट , बस बिस्तर पर उसकी मौजूदगी और उसकी सांसों का अहसास हो तो मुझे फ़ौरन नींद आ जाती है।

शायद इसी को भावनात्मक सुरक्षा या प्रेम कहते हैं  “

नैना मुस्कुराई ,

प्रेम की यह परिभाषा अभी तक उसकी डिक्शनरी में ऐड नहीं है। नई परिभाषा उसे लुभा गई।

उसके थोड़े करीब आती हुई सपना पूछ पड़ी,

” हिमांशु के साथ तेरा कैसा चल रहा है ?

तुम्हारी जैसी संवेदनशील  लड़की के लिए यह विवाह वाला अनुभव तुम्हारी  छवि पर अनोखा निखार लाएगा “

नैना तड़प कर रह गई ,

” हिमांशु के साथ बहुत उतार- चढ़ाव वाला संबंध चल रहा है “

” तुम इस रिश्ते को कैसे निभाने की मतलब इसकी परिणति  किस रूप में देख रही हो ? “

” अभी कुछ नहीं कह सकती हूं सपना , सब कुछ धुंधला और अनसुलझा सा दीख रहा है “

कुछ क्षण की चुप्पी  के बाद सपना उठ कर कोहनी के बल लेट गई।

” उस दिन, मैं अपनी शादी वाले दिन हिमांशु से मिली थी। मुझे तो वह बहुत मूडी और कन्फ्यूजन में  रहने वाला लगा “

नैना के मन में कुछ कचक सा गया। चमकती आंखें बुझ गई।

उसने गहरी सांस भरी थी।

आगे …

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