डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -26)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

— जया

मैं छह  माह की गर्भवती थी। लेकिन नादानियां करने से बाज़ नहीं आती थी । एक दिन  उपर की क्लास ले कर नीचे उतर रही थी।

कि एक सीढ़ी छूटी और आंखों के सामने अंधेरा छा गया।

शायद ज़िन्दगी की मुश्किलें शुरू होने को थीं।

जब आंख खुली तो बिस्तर पर थी।‌‌‌‌

और सामने रोहन एक कोने में चुपचाप अपने को समेटे हुए खड़े थे।

मैं ने घबड़ा कर अपने पेट पर हाथ फेरा कमरे में ही मौजूद नर्स मेरी परेशानी समझ गई। उसने आंखों से ही बच्चे की सलामती के इशारे किए।

लेकिन अब घर में सासु मां की तरफ से सावधानी बरतने का फतवा जारी कर दिया गया था।

नौकरी पर जाना मेरी जिद थी।

भले ही इसमें रोहन की सहमति हो। लेकिन बच्चे से बढ़कर अभी किसी के लिए कुछ नहीं था।

किसी तरह राम- राम करके आठ महीने बीत गए।

एक दिन सुबह से मुझे बड़ी अजीब सी घबराहट लग रही थी।

ऐसा लग रहा था जैसे कुछ खोने वाला है, कुछ बहुत बुरा होने वाला है।  कुछ नीचे की ओर खिसक रहा है । पूरे घर में अफरा-तफरी मच गई थी।

करीब दो महीने पहले गिरने का दर्द अब मेरी चीख के रूप में उभर रहा था।

फ़ौरन डाॅक्टर को घर पर ही बुलाया गया था। और पूरे घर में मातम पसर गया।

बच्चा पैदा होने के पहले ही मर चुका था।

उसके साथ में ही हमारे परिवार की उम्मीद और आशाएं भी।

जो जीव,  एक महीने के पश्चात् मेरी गोद में हंसने खेलने वाला था, जिसकी पैरों की मार को भी मैं बड़े प्यार से सहलाती थी।

अब वह आठ महीने का गर्भ बन कर रह गया था।

” आठ महीने का गर्भ ? “

भले ही वह दुनिया के लिए गर्भ रहा हो अजन्मा गर्भ लेकिन मेरे लिए तो वह आठ महीने का बच्चा था। जो हर घड़ी हर पल मेरे साथ – साथ बढ़ रहा था।

और मुझे भी परिपक्व बना रहा था …

एक बच्चे का उसकी मां से रिश्ता पूरी दुनिया से ही नहीं बल्कि उसके पिता से भी नौ महीने पुराना होता है।

कच्ची मिट्टी के घड़े सा उसे पकाती है जिसकी आंच वह स्वयं महसूस करती है।

सारे परिवार वाले तो दुखी थे ।

पर मेरा ग़म सबसे अलग , सबसे जुदा था।

मां- पिताजी को भी खबर भेज दी गई थी।

मुझे कई  घंटे बाद होश आया था। बाद में रोहन ने बताया ,

” तुम्हारा चेहरा किसी मुर्दे जैसा लग रहा था “

मेरी इच्छा थी।

नैना को बुलाने की इस समय मुझे उसकी कमी बहुत महसूस हो रही थी। उसकी इंटर की परीक्षा भी हो चुकी होगी।

यह अवसर था।  जब वह घर और उस शहर से बाहर निकल सकती थी।

मैंने रोहन से इस बावत बात की और ऐजयूज्व्ल इसकी खबर भी सबसे पहले मां तक पहुंची थी।

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