डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -23)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

— नैना

ने भाई के साथ हुई बातचीत को उसे सिलसिलेवार ढंग से कह सुनाया

मैं भाई से ,

” टू बी ऑर नॉट टू बी , दैट इज ए क्वेश्चन ”  कह कर आई हूं।

नैना की आंखें गीली हो गई। कांपते हुए ,

” शोभित तुमने जो रास्ता मुझे दिखाया है उसे छोड़ने के लिए मत कहना “

उसकी आंखों में जो भाव थे। उससे शोभित भावुक हो गया उसके हाथों को अपने हाथ में दबा कर बोला ,

” छोटे शहरों में अक्सर अभिभावक ऐसा रुख अपना लेते हैं। पर तुम अपने मन को अच्छी तरह टटोल कर ही कोई भी कदम उठाना,

अगर आगे दिल्ली जा कर पढ़ाई जारी रखने की इच्छा हो तो भी हमारी मित्रता में कोई फर्क नहीं पड़ेगा  “

” वहां मेरी कुछ जान पहचान है उनसे कह कर तुम्हारे लिए कुछ व्यवस्था करवा सकता हूं “

लेकिन नैना!  अभी मुझे जाना पड़ेगा।

मेरे कुछ दोस्त मिलकर आगरे में एक बड़े ड्रामा कार्निवल में भाग लेने की सोच रहे हैं “

नैना  विचलित हो गयी उसने दीवार से टेक लगा ली। माथे पर पसीने की नमी आ गई।

फिर थोड़ा रुक कर अपनी आरोप से भरी आंखे उस पर गड़ाती हुई ,

” जब इस तरह छोड़ कर जाना था तो पास क्यों आने दिया ? “

” ठीक है , आपका जितना समय नष्ट किया  उसके लिए मुझे क्षमा करेंगे  “

” लेकिन जितनी भी हिम्मत तुमने मुझे दी है उसके लिए मैं  सदा के लिए तुम्हारी आभारी रहूंगी “

” मैं छोड़ कर कहां जा रहा हूं ?

” देखो तुम अच्छे नम्बर  ला कर दिल्ली में ऐडमिशन लेने की कोशिश करना। जिसमें तुम्हें स्कालरशिप भी मिल पाए।

वहां मैं और मेरे दोस्तों का पूरी जमात रहेगी।

तुम्हें उन सबके साथ भी अच्छा लगेगा।

नैना यकायक उठ खड़ी हुई।  शोभित ने रोकने की कोशिश की, पर वह रुकी नहीं। उसने शाम में मिलने को कहा,

” देखूंगी “

नैना ने अपने मन को कड़ा किया ,

” मुझे अपनी सारी कोशिशें खुद करनी होगी ”  आत्मलीन नैना वहां से निकल आई।

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