जिंदगी की गाड़ी समय पर ही पकड़ लेनी चाहिए , छूटनी नहीं चाहिए – राजश्री जैन : Moral Stories in Hindi

प्रिया दो तीन दिनों से छुट्टी पर थी आज जब काम पर गयी तो भी चुप सी थी गरिमा ने पूछा क्या हुआ तो पहले तो कुछ नहीं कहा फिर रोती हुई बोली –दीदी दो दिनों से मेरा पति रमेश मुझसे बहुत झगड़ा कर रहा है किसी न किसी बात को ले कर कल तो … Read more

पश्चताप – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

जब अपने बेटों ने माँ को अपने साथ रखने से मना कर दिया तब यशोधरा जी के पास वृद्धाश्रम जाने के अलावे कोई रास्ता नहीं बचा था। हर सप्ताह रविवार को सुबोध यानि यशोधरा जी के जेठ जेठानी का बेटा वृद्धाश्रम मे दान करने के लिए आता था जब अपनी काकी  को वहाँ देखा तो … Read more

दो बच्चों की माँ – सुनीता मिश्रा : Moral Stories in Hindi

नयी बहू की मुँह दिखाई का कार्यक्रम चल रहा था, मधुर, ससुराल में रिश्तेदारों से घिरी हुई थी,तभी उसके मोबाईल की रिंगटोन बजी। “भाभी मोबाईल उठा लीजिए , शायद आपकी मम्मी का फोन हो।”ननद ने फोन उसके हाथ में दे दिया।”हाँ बहुरिया, बात कर लो। माँ को फिकर होगी।”ददिया सास ने मधुर के सिर पर … Read more

विश्वासघात – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

रवि और ज्योति की शादी लव मैरिज थी। दोनों एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते थे और जीवन में साथ आगे बढ़ने के कई सपने देखे थे। लेकिन, रवि के परिवार, खासकर उसकी मां और बहन को यह शादी मंजूर नहीं थी। माँ ने बेटे की खुशी के लिए शादी की इजाजत दे दी, लेकिन उन्होंने … Read more

सफर की मंजिल – प्रतिभा परांजपे : Moral Stories in Hindi

रघुनाथ जैसे ही स्लिपरकोच में चढे ,उन्होंने देखा, डिब्बे मे काफी भीड थी।अपनी बर्थ नंबर 24 देखी उस पर पहले से ही दो सज्जन  बैठे थे। अपनी छोटी बैग रख उन्होंने उन दोनों पर नजर डाली । “आप की सीट है क्या ?बैठो बैठो” कहते हुए वे दोनों थोड़े-थोड़े  सरक कर बैठ गए । रघुनाथ … Read more

“बचा हुआ दहेज” – सेतु कुमार : Moral Stories in Hindi

गायत्री देवी की ट्रेन का समय हो चला था . उन्होंने अपनी हैंड बैग की बेल्ट कंधे पर डाल ली थी.बेटी राधा  भी मां को विदा करने के लिए खड़ी हो चुकी थीं.जाने देने का मन कहां था उसका पर वो जानती थी कि पांच बजे वाली ट्रेन के बाद देर रात तक सूरजपुर जाने … Read more

स्वार्थी रिश्ते – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

राधा चुपचाप बैठी हुई थी, लेकिन उसके मन में पुरानी यादों की एक सूनामी उमड़ रही थी। उसके चेहरे पर गहरी सोच के साथ-साथ कुछ दर्द के भाव थे, जो अतीत की उन चुनौतियों और जिम्मेदारियों की याद दिला रहे थे, जिनसे वह वर्षों से जूझती आई थी। करीब बीस साल पहले की बात है। … Read more

संगत का असर – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

नीला अपने कमरे में बैठी हुई साड़ी अलमारी से निकाल रही थी कि तभी रमा दरवाजे पर आ खड़ी हुई। “नीला दीदी, ये साड़ी तो बहुत सुंदर है, मुझे दे दो, मैं इसे पहनकर पूजा में जाऊँगी,” रमा ने आँखों में चमक लिए कहा। नीला ने मुस्कुराते हुए साड़ी उसकी ओर बढ़ा दी। “ठीक है … Read more

माँ, मैंने कुछ गलत नहीं किया : Moral Stories in Hindi

नीला रसोई में चाय बना रही थी। दोपहर का समय था और हर दिन की तरह वह अपने घर के कामों में लगी हुई थी। तभी अचानक बाहर से तेज़ आवाज़ में चीख सुनाई दी। नीला घबराई हुई दौड़कर बाहर आई और देखा कि उसकी सास पुष्पा देवी, चेहरे पर चिंता की लकीरें और गुस्से … Read more

“बंधन प्यार का” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

सत्यवती जी का घर हमेशा स्नेह और प्रेम से भरा रहता था। उनका परिवार संयुक्त था और आपस में एकता की मिसाल था। उनके दो बेटे थे, और दोनों ही अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ साथ में रहते थे। बड़ी बहू का नाम सुनीता था और छोटी बहू का नाम राधा। सुनीता शांत और … Read more

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