सपनों का घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

राजेन्द्र और उनकी पत्नी इंदु की उनके दोनों बेटे मनीष और आशीष से बहस चल रही थी पर नतीजा कुछ भी नहीं निकल रहा था। बात घर को लेकर हो रही थी।इंदु जी के दोनों बेटे कह रहे थे कि मम्मी पापा इस घर को बेच दो और किसी अच्छी कालोनी में दूसरा अच्छा सा … Read more

दोनो बेटे मां को भीख मांगने स्टेशन पर छोड़ आयें…. – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

भगवान के नाम पर कुछ दे दें बेटी! दो दिन से कुछ नहीं खाया है, विभा की नजर उस बूढ़ी अम्मा पर पड़ी तो वो सिहर गई, इस उम्र में भी उनको भीख मांगनी पड़ रही है, वो अपना पर्स खोलती कि इससे पहले ही ट्रेन चल पड़ी, लोकल ट्रेन से वो रोज इसी रास्ते … Read more

यहाँ-वहाँ हर कहीं – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi

उस दिन शाम को पाँच बजे ही संजीव ऑफिस से वापस आ गया था। लिफ्ट से ऊपर जाकर उसने अपार्टमेंट की घंटी बजाई तो रोज की तरह दरवाजा नहीं खुला। वह बाहर खड़ा इंतजार करता रहा। फिर दूसरी और तीसरी बार भी बजाई तो दरवाजा वैसे ही बंद रहा। तब उसे लगा कि उसके पापा … Read more

एक नया जीवन – हरीश श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

एक नवम्बर को महेश नारायण रिटायर हो गए और घर आ गए।दस नवम्बर को दीपावली थी और अबकी बार तीनों बच्चे साथ आए।देखकर खुशी के साथ साथ आश्चर्य भी हुआ।अपनी पत्नी कमला से बोले कि जरूर कोई बात है जो बिटिया भी पांच साल बाद आई है। घबराइए नहीं सब पता कर लिया है।फिर वह … Read more

मैं तुम्हारी माँ के बंधन मे और नहीं रह सकती – मंजू सक्सेना : Moral Stories in Hindi

  “मैं तुम्हारी माँ के बंधन मे और नहीं रह सकती …मुझे अलग घर चाहिए जहाँ मैं खुल के साँस ले सकूँ”,पलक रवि को देखते ही ज़ोर से चिल्ला उठी। बात बस इतनी थी कि सुलभा ने रवि और पलक को पार्टी मे जाता देख कर इतना कहा था कि वो रात दस बजे तक घर … Read more

प्यारा सा झूठ – भगवती सक्सेना गौड़ : Moral Stories in Hindi

रवीना बिस्तर पर निढाल पड़ी थी। उसकी तबियत कुछ खराब सी लग रही थी। वह चार कमरों के अपने छोटे से घर में अकेली रहती थी। घर का काम करने वाली मेड और कुक अपनी-अपनी शिफ्ट पूरी करके लौट जाते थे। उसका एकमात्र सहारा था उसका भाई, जो कुछ दूर एक छोटे से कस्बे में … Read more

मेरी बहन – एम.पी.सिंह : Moral Stories in Hindi

रचना और खुश्बू बहनें थीं, लेकिन दोनों की जिंदगी की राहें बहुत अलग थीं। रचना, जो घर में सबसे बड़ी थी, एक बेहतरीन कुक थी। उसके हाथों का बना हुआ खाना लोगों को खास बना देता था। वहीं, खुश्बू को खाना बनाना बहुत कठिन लगता था। वह कभी भी रसोई में ज्यादा समय नहीं बिताती … Read more

*पुत्रवती* – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

डिम्पल जल्दी-जल्दी किचन में हाथ चला रही थी अभी सुबह के 7 ही बजे थे, 8ः30 बजे उसे तथा अवनीश को निकलना था दोनों शहर की एक फार्मास्यूटिकल् कम्पनी में काम करते स्वयं का वाहन होने के कारण आधे घंटे में कम्पनी पहुंच जाते थे। घर में उनके अतिरिक्त अवनीश के माता-पिता तथा लगभग 5 … Read more

बहु की शादी – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

आज रमाकांत की बहू की शादी थी… आपने सही सुना, बहू की शादी थी… ये शब्द जैसे पूरे मोहल्ले में गूंज गए थे। लोग हैरान थे, खुश थे, और एक नई मिसाल की तारीफ कर रहे थे। यही वह पल था, जब रमाकांत जी ने दुनिया को एक ऐसी बात दिखाई थी, जिसे शायद बहुत … Read more

मेरी बहु मेरे घर का हिस्सा है – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

तनु… कहां है ओहो, वहां किचन में क्या कर रही है? दो दिनों के लिए मायके आई है, चैन से बैठ ले। आ, मेरे पास बैठ। तब तक बहू गाजर हलवा बना कर यहीं ले आएगी। रागिनी जी ने जोर से आवाज लगाई, अपनी बेटी को ढूंढते हुए। रागिनी जी की आवाज में एक गहरी … Read more

error: Content is Copyright protected !!