बहू मेरा अक्स – ऋतु अग्रवाल
“सुनो! आज मैं बच्चों के पास ही सोऊँगी। राध्या को बहुत तेज बुखार है। सारा बदन तप रहा है उसका। रात को कुछ परेशानी हुई तो किससे कहेगी वह? रोमिल तो अभी बहुत छोटा है।” सुगंधा ने अश्विन की चिरौरी करते हुए कहा। “मुझे कुछ नहीं पता। दवाई दे दी है न उसे। रात में … Read more