नियति नही बदल सकते हालात तो बदल सकते है !!- अंजना ठाकुर

ये क्या कह रहा है बेटा अपने घर की इज्जत अब काम करने जायेगी लोग क्या कहेंगे की अपनी बेटी को खिला नही पा रहे तो उसको कमाने भेज दिया शायद हमारे घर की नियति ही यही है की बेटी का घर बसना नही लिखा पहले तेरी बहन जल्दी विधवा हो गई और मायके रह … Read more

रोशनी – Short Inspiring Story In Hindi

  ” साॅरी मिस्टर टंडन,आपकी बच्ची की आँखों के कुछ टिशुस अविकसित ही रह गयें जिसके कारण वह…”     ” वह क्या… डाॅक्टर साहब” प्रमोद डाॅक्टर साहब पर चीख पड़े।   ” वह कभी देख नहीं सकती..” कहकर डाॅक्टर अपने केबिन में चले गये और प्रमोद…, उनके तो जैसे पूरा शरीर ही सुन्न पड़ गया हो।अभी कुछ देर … Read more

शक्ति – Short Inspiring Story In Hindi

“वो देख आ रहा है साहिल हाय कितना हैंडसम है? “ क्लास में स्वाति की दोस्त पल्लवी ने उसके चयूंटि काटते हुआ बोला “हाँ तो आने दे कहाँ का राजकुमार है ? तू भी ज्यादा आयें मत भरा कर उसे देखकर “ तभी क्लास में सर की एंट्री हुयी और साहिल को जगह न मिलने … Read more

नानी का घर –  Short Hindi Moral Story

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नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए “नानी तेरी मोरनी को, मोर ले गए,   बाकी जो बचा था ,काले चोर ले गए” आज रेडियो एफ एम पर अरसे बाद यह गीत सुना।मयूरी अपने हांथ से सब्जियां और चाकू रखकर, इत्मीनान से गाना सुनने लगी।कितनी सारी यादों ने इस गीत को सुनकर,मचलना शुरू कर दिया।मयूरी की … Read more

बूढ़े माता-पिता अच्छे नहीं लगते – शुभ्रा बैनर्जी | motivation story in hindi

रागिनी अपनी ननद के बेटे के उपनयन संस्कार में दिल्ली आई थी। सास-ससुर एक महीने पहले ही आ चुके थे।सास को इस अनुष्ठान के विधि-विधान का अच्छा अनुभव था, इसलिए ननद ने जल्दी बुलवा लिया था।दस साल पहले रिटायर हो चुके ससुर के पास जमा-पूंजी के नाम पर कुछ विशेष नहीं बचा था।उनके घर का … Read more

मां तुम तो वट वृक्ष हो हमारी – शुभ्रा बैनर्जी | best hindi kahani

इस लड़की का मैं क्या करूं?कभी सुनती ही नहीं मेरी।सुधा पहले से ही जानती थी कि उसकी बेटी यशा मानेगी नहीं।शादी की बातचीत जब से शुरू हुई थी,तब से सुधा का मन इसी आशंका से आहत हो रहा था।पक्की बात करने जब वैभव और उसके माता-पिता आए,तभी यशा ने सहज तरीके से उन्हें समझाया था … Read more

काश!!!मैंने अपने दिल की सुनी होती – शुभ्रा बैनर्जी | Real Life Love Story In Hindi

शुभा जब भी बाहर निकलती,हर अपरिचित से संवाद करना आरंभ कर देती थी।इस स्वभाव से कभी नुकसान पहुंचा हो ऐसा भी नहीं,पर परिवार में उसकी इस आदत से सभी उस पर हंसते थे। सब्ज़ी वाला,ऑटो वाला,रेहड़ी वाला,अखबार देने वाला या ब्रेड बेचने वाला ,हर किसी से सुख -दुख की बात कर लेती थी वह।सब्जी वाला … Read more

मृगतृष्णा – आरती झा”आद्या”

सुहानी शाम की बयार बह रही थी और माँ का रक्तचाप और मधुमेह नियन्त्रित रहे, इसलिए सुहानी पिता को घर पर चाय बना कर देकर माँ के साथ घर के बगल वाले पार्क में टहलने जाती थी। टहलने के बाद माँ के साथ वही बेंच पर बैठ गई और पड़ोस की एक बुजुर्ग महिला के … Read more

पछतावा ( लिव इन रिलेशन )  –  संगीता अग्रवाल

” नियति ये क्या तुम अपना सामान क्यो बांध रही हो …कहीं जा रही हो क्या ?” अर्पिता जैसे ही ऑफिस से वापिस लौटी अपने साथ पीजी का कमरा शेयर करने वाली नियति को सामान बांधते देख बोली। ” अर्पिता आ गई तुम मैं तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही थी …मैं रोहान के साथ रहने … Read more

बदसूरती का दिखावा – शुभ्रा बैनर्जी 

आज तक यही सुना और देखा था मधु ने ,कि लोग अपनी सुंदरता,शिक्षा,पद और प्रतिष्ठा का झूठा दिखावा करते हैं।दिखावे के नाम पर शादी-ब्याह,पूजा -पाठ और रिश्तेदारी में अनगिनत झूठ के आवरण देखें थे मधु ने। आज अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था रंजना को देखकर।रंजना की मां गुलाबो कॉलोनी में लोगों … Read more

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