औलाद की खातिर सब सह गई – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi
ये क्या मम्मी ये आप अपना बैग और सामान लेकर कहां जा रही है ,मैं जा रही हूं बेटा यहां से , मगर कहां जा रही है, वृद्धाश्रम, वृद्धाश्रम पर क्यों ?अब बाकी की जिंदगी में वही गुजार लूंगी ।अब यहां रहकर बहू का अपमान और तेरा सब नजरंदाज करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा … Read more