औलाद की खातिर सब सह गई – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये क्या मम्मी ये आप अपना बैग और सामान लेकर कहां जा रही है ,मैं जा रही हूं बेटा यहां से , मगर कहां जा रही है, वृद्धाश्रम, वृद्धाश्रम पर क्यों ?अब बाकी की जिंदगी में वही गुजार लूंगी ।अब यहां रहकर बहू का अपमान और तेरा सब नजरंदाज करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा … Read more

निर्मोही मोह – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

 गुलाबो नाम था उसका।पति कॉलरी में नौकरी करते थे,पर पत्नी से अलग मां के साथ रहते थे।जवानी में पत्नी पर बहुत अत्याचार किए थे उसने,तो जब बच्चे थोड़े बड़े हुए ,बगल में अलग कमरा किराया लेकर रहने लगी थी गुलाबो।सालों से लोगों के घरों में काम करती थी।खाली घर में सोने के भी पैसे लेती … Read more

मैं नहीं सहूँगी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” बस आलोक..खबरदार जो तूने अलका पर हाथ उठाया..क्रोध में तू ये भी भूल गया कि वो तेरे बेटे की माँ है..तेरे सुख के लिये वो दिन-रात खटती है और तू उसी पर…।” बेटे का हाथ रोकते हुए आनंदी लगभग चीखते हुए बोली।तब आलोक भी उन पर चीखा,” आज मेरा हाथ तो रोक लिया..उस वक्त … Read more

*माँ की तपस्या* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

सीधी, सहज, सरल, सुशील, सुन्दर सुलभा ने कभी सोचा भी नहीं था, कि उसके बचपन की एक जिद उसे अपने जीवन में कितनी भारी पड़ेगी। सुलभा सर्वगुण सम्पन्न थी, गृहस्थी के कार्य हो या रिश्तों को निभाने की बात वह सब बखूबी करती थी। मगर ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी।वह सिर्फ पॉंचवी कक्षा पास थी। … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई…. – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

 मंजू पढ़ी-लिखी होशियार …अचानक  मां बाप के पास एक अच्छा रिश्ता आया …अच्छे घर से और उन्होंने कुंडली मिलान की कुंडली मिल गई… यही सोचकर मंजू की शादी एक अच्छे घर में कर दी गई। जो ऊपर से लिखवा कर आए हैं वह तो हमें सहना ही पड़ता है यह बात मंजू के साथ लागू … Read more

अपनी औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

कुलक्षणी जाने किसका पाप रखी है तू अपने पेट में…  अभी मैं तेरी और इस पाप के औलाद की सारी कहानी खत्म कर दूंगा..  इतना कहकर बलराम ने रमा पर जैसे हीं अपना हाथ उठाया रमा ने उसका हाथ पकड़ लिया। और बोली-बस अब और नहीं बहुत सह लिया मैंने,मैं अपने लिए सब-कुछ सुन सकती … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

  मदन एक छोटा-मोटा किसान था। उस शहर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर उसका गांव था। उसके पास थोड़ी सी जमीन थी, उसमें खेती बाड़ी का काम करता था। इसके साथ ही उसको चार-पाँच  गायें भी थी।जिसका दूध वह बेचता था। उससे भी कुछ आय हो जाती थी।    उसके दो पुत्र रविंद्र और संतोष … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब कुछ सह गई – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

उफ्फ सुबह सुबह भाई ने ये बुरी खबर दी… दुर्गा चाची एक महीने से सदर अस्पताल में भर्ती थी… आज सुबह चार बजे उनका देहांत हो गया… मैं दुःखी हो गई… चाय का कप किचेन में रखकर बालकनी में आकर बैठ गई… तभी मां का फोन आया… बिट्टी मन दुःखी मत करो… दुर्गा बहन जी … Read more

औलाद का मोह! – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

सुष्मिता प्राइवेट कंपनी में मैनेजर थी और 1 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। शादी के 1 साल बाद ही —–सुष्मिता के एक प्यारा सा बेटा आशु होता है घर में खुशियां ही खुशियां आ जाती हैं सभी लोग बहुत खुश होते हैं!—– सुष्मिता और समर प्यारे से बेटे को पाकर बहुत खुश होते … Read more

औलाद के मोह के कारण वह सब सह गई! – विजय लक्ष्मी अवस्थी : Moral Stories in Hindi

रजनी बैठी सोच रही थी, की क्या से क्या हो गया! जब शादी हुई तो खुशी से दिल उछलने लगा, और जब ससुराल में कदम रखा! मैं सबको खुश रखूंगी, और तन मन धन से पति के साथ मिलकर सारी जिम्मेदारी पूरी करूंगी! समय बिता दो बच्चों को जन्म देकर उनका पालन पोषण करने लगी … Read more

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