जिजीविषा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रीता अपने तीन बच्चों के साथ घर -घर काम करके गुजारा करती थी।उसका पति कमाता तो बहुत था। कारीगर था सो अच्छा पैसा मिलता था किन्तु उसका सहयोग परिवार खर्च में नगण्य था, कारण वह सब पैसा शराब पीने में उड़ा देता और कभी कभी तो रीता से उसके पैसे भी झपट लेता।न देने पर … Read more

गम – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

रामदीन जी सेवा निवृत्त अध्यापक थे उनकी पत्नी देविका जी की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी । उनका पार्थिव शरीर बड़े बेटे हर्ष के इंतज़ार में रखा हुआ था । जीवन संगिनी के जाने का गम रामदीन जी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था । घर में सभी परिवार रिश्तेदारों की … Read more

बी.ए. पास – कविता झा ‘अविका’ : Moral Stories in Hindi

“खबरदार जो मेरी बाईक को हाथ भी लगाया तो… पढ़ाई होती नहीं है लाड साहेब से और दिन भर बाईक लेकर आवारागर्दी करने अपने दोस्तों के साथ निकल जाएंगे।” रोशन ने रुपेश को अपनी बाइक से दूर करते हुए तेज आवाज में कहा तो रुपेश बोला… “भाई प्लीज़ थोड़ा धीरे बोलिए ना।”   गेट के बाहर … Read more

वरदान – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

मीरा दीदी मैं अपनी किटी पार्टी में जा रही हूं रिम्मी और सिम्मी दोनों स्कूल से आती होंगी आप उनके कपड़े चेंज करवा कर उन्हें खाना भी खिला देना और उसके बाद उनका होमवर्क भी देख लेना मुझे देर हो रही है मेरी सहेलियां इंतजार कर रही होंगी , सीमा अपनी जेठानी मीरा से बोलकर … Read more

अपमान बना वरदान – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

सुबह से मूसलाधार बारिश हो रही थी रात के  भोजन का वक्त हो चला था निशा ने अपनी मां से कहा कि मैं जाकर रोटियां सेक लेती हूं आज खाना जल्दी खा लेंगे क्योंकि मौसम भी ठीक नहीं है यह कहते हुए निशा किचन की तरफ मुड़ी ही थी कि दरवाजे की घंटी बजी, निशा … Read more

आंटी मत कहो मुझे – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रमा किचन में काम कर रही थी तभी उसे नीचे से किसी के जोर जोर से बोलने की आवाज आई।उसने बालकनी में से झांककर देखा तो उसकी बहु प्रिया,जो जिम होकर आई थी आठ दस साल के लड़के के साथ झगड़ा कर रही थी -“तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे आंटी कहने कि..? मैं तुम्हें आंटी … Read more

अपमान बना वरदान – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

बेटी पद्मजा के स्कूल में स्वागत कक्ष  में बैठा नीलेन्द्र प्रिंसिपल डा० चौधरी की प्रतीक्षा कर रहा था। अचानक चपरासी ने आकर  उसे प्रिंसिपल ऑफिस में चलने को कहा। प्रिंसिपल ऑफिस में पहुॅच कर नीलेन्द्र जैसे ही अंदर पहुॅचा, प्रिंसिपल की कुर्सी पर बैठी शख्सियत को देखकर चौंक गया ” – तुम……. मेरा मतलब…… आप।” … Read more

कभी कभी कड़वी गोली देनी पड़ती है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” बेटा आज भी नौकरी नही मिली तुझे ?” बेटे सुमित के घर मे घुसते ही माँ सीमा ने पूछा। ” नही माँ !” संक्षिप्त सा उत्तर दे सुमित कमरे मे चला गया। ” चल हाथ मुंह धोकर आजा मैं खाना लगाती हूँ !” माँ ने पीछे से आवाज़ दी।  ” कोई जरूरत नही है … Read more

जमीन आसमान का फर्क – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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वाह मामी… आपके यहां तो अलमारी के जितना बड़ा फ्रिज और सिनेमा हॉल के जैसा टेलीविजन है, इसमें सब कुछ कितना बड़ा-बड़ा दिखाई देता है आपके यहां तो गद्दा और सोफा भी कितने गुदगुदे हैं यहां तक की आपके पास तो कितने सुंदर-सुंदर पिल्ले भी हैं, हमारे गांव में तो ऐसा कुछ भी नहीं है! … Read more

अपमान बना वरदान – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

ट्रेन पटरियों पर दौड़ी जा रही थी और उसके साथ ही सपना अतीत की यादों में खोती जा रही थी । आज से 10 साल पहले का समय, गर्ल्स कॉलेज का एनुअल फंक्शन और उस फंक्शन में अपनी कविता पाठ से चार चांद लगाती सपना जोशी ‘बी.ए. हिंदी ऑनर्स फाइनल ईयर” की छात्रा।पूरे कॉलेज में … Read more

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