सच्चा सुख – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    छाया के बीए के इम्तिहान का आज आखिरी पर्चा था।उसने मेज पर से पेंसिलबाॅक्स उठाया और दुपट्टा डालती हुई बोली,” माँ..मैं जा रही हूँ…।”वो बाहर निकलने लगी तभी उसकी दादी ने आकर उसके माथे पर तिलक लगाकर उसे आशीर्वाद दिया और चाची चम्मच से दही-चीनी खिलाने लगीं तो वो चिढ़ गई,” क्या चाची..आप लोगों की … Read more

 घर है या चिड़ियाघर? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

अरे जीजी! सुना है गुड़िया का रिश्ता तय कर दिया है और उसका परिवार संयुक्त है? जीजी! आज के ज़माने में संयुक्त परिवार में कौन अपनी बेटी देता है? बेचारी का पूरा जीवन रसोई में ही बीत जाएगा, एकांत को तरसेगी बेचारी, प्रभा जी ने अपनी बड़ी बहन शोभा जी से कहा  शोभा जी:  देख … Read more

 संयुक्त परिवार_ फायदे या नुकसान – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

“अरे दीदी इस समय कैसे टाइम मिला अपनी बहन से बात करने का  ये तो तुम्हारे रसोई में रहने का टाइम है” सुधा ने बड़ी बहन प्रभा से कहा (जब कई दिनों बाद उसका फोन आया और जब फोन आता तो दोनों बहन का एक घंटा कब निकल जाता पता ही नहीं चलता) “अरे आज … Read more

 संयुक्त परिवार का साथ – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

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 अशोक और आशा जी अपनी बेटी शगुन की शादी के लिए बहुत चिंतित थे। अब तक जो भी रिश्ते आए थे वह उन्हें जँच नहीं रहे थे। अबकी बार जो रिश्ता आया था उसे परिवार में सब कुछ अच्छा था और लड़का शुभम तो बहुत ही बढ़िया था।अशोक जी जब से उससे मिलकर आए थे … Read more

 खुशियों की कुंजी संयुक्त परिवार – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

 ये लड़की भी न बहुत जिद्दी हो गई है अपनी मन की करनी है  इसे बस और कुछ नहीं, एक तो आपने भी ना इसको ज्यादा ही छूट दे रखी है । रमा देवी अपने पति सोमेश से बोली अब देखो, अच्छा भला लडका, सुन्दर है अच्छी नौकरी शिक्षित परिवार और क्या चाहिए ..? मैं … Read more

अम्मा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

    भैया देख ना , फ्रिज में ताला लगा है…. पक्का मां मिठाई मंगवाई होगी…. मामा , मामी आने वाले होंगे…. तन्वी ने तरुण का हाथ पकड़ कर फ्रिज के सामने लाकर खड़ा कर दिया… तरुण ने भी फ्रिज का हैंडल अपनी ओर खींचते हुए कहा…. हां तन्वी ये तो बंद है….।        बस फिर क्या था…. … Read more

 सास का सबक…. – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

सुबह के दस बजे चुके थे, तभी वहां नेहा कपडों का ढेर लगाकर रखती है। उसी समय संध्या भी गंदे कपड़े की गड्डी लेकर आ जाती है,अरे नेहा तूने कपडों का ढेर क्यों लगाकर रखा है? आज मुझे कपड़े मशीन में लगाने है, ये संध्या अपनी देवरानी नेहा से कहती है, तब नेहा कहती- भाभी … Read more

 अपनापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

          मनीष आज मानसिक रूप से बेहद परेशान था,आत्मविश्लेषण करने में परेशानी तो होती ही है।आज स्कूल से आते ही उसके बेटे बबलू ने पूछा पापा ये ताऊ जी क्या होते हैं,किन्हें ताऊ जी कहते हैं? इस अजीब से प्रश्न को सुनकर मनीष ने सोचा कि स्कूल में किसी बच्चे ने अपने ताऊ जी का जिक्र … Read more

 मिला-जुला परिवार – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

कितनी खुश थी कुहू आज, आखिर उसकी शादी उसके मनपसंद साथी आखर से हो रही थी। शादी कर ससुराल आई, तो सबसे पहले पग- पडा़ई के रस्म में उसे परिवार के सभी सदस्यों से मिलवाया गया। सबसे पहले ददिया सास-ससुर, फिर उसके सास ससुर, फिर जेठ जी और जेठानी जी और उनके साथ ही थे … Read more

 संयुक्त परिवार – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

अंजू की शादी संयुक्त परिवार में हुई थी। परिवार में पति के अलावे सास-ससुर,एक जेठ ,दो देवर और एक ननद थी। ससुराल के और परिवार भी पास में ही रहते थे।सभी का आना-जाना लगा ही रहता था।अंजू के पति की नौकरी भी उसी शहर में थी। आरंभ में इतने बड़े परिवार में एडजस्ट होने में … Read more

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