आठवां वचन – Short Story in hindi

मानव एक कॉल सेंटर में जॉब के साथ अपना मैरिज ब्यूरो भी चलाता था जिसमें उसने बहुत सारे पसंद के लोगों को एक दूसरे से मिलवाया भी था। मानव की खुद उम्र ज्यादा नहीं थी वो खुद अभी तीस बत्तीस साल का ही था पर उसने खुद शादी नहीं की थी।  वैसे भी एक शादी … Read more

नियति

 रवि मैं सोच रही थी कि बच्चें बाहर चले गए हैं तो क्यों ना हम ऊपर वाला फ्लोर किराये पर दे देते है…!!!!   सारिका सही कह रही हो तुम घर में रौनक हो जाएगी…मैं बैंक में बात करके बोल दूँगा तो वहाँ पर कोई नया आया तो हमारा घर भी दिखा दें किराये के लिए … Read more

आपकी बहू तो बन सकती है, पर मेरी पत्नी नहीं: family story in hindi

प्रखर ने घर आते ही अपनी पैंट की जेब से उस कागज़ के टुकड़े को निकाला।”अनुभा” नाम उसके दिल और दिमाग में उथल-पुथल मचा रहा था। रह-रहकर उसका अतीत उसकी आंखों के सामने घूम रहा था।ओह!!तो मेरा मन सच ही बोल‌ रहा था,अनुभा इसी शहर में है।मेरे आस-पास ही है।आखिर इतनी दूर क्यों चली गई … Read more

जमी हुई तपिश – सुरभि शर्मा ‘जिंदगी’

कितना शौक था मुझे बारिश में भीगने का, कितने हसीन सपने देखे हुए थे कि शादी के बाद बारिश के खूबसूरत मौसम में अपनी पत्नि के साथ भींग कर खूब रोमांस करुँगा , हल्के मीठे संगीत की धुन और बरसती पानी की बूँदों के साथ साथ उसे अपने प्यार की बारिश से भी सरोबार कर … Read more

उम्र तो सिर्फ एक नंबर है

बिल्कुल सच बात है कि इंसान नियति के हाथों का खिलौना है।नियति के हाथों इंसान कभी-कभी मजबूर हो जाता है,चाहे राजा हो या रंक।मनुष्य अपना कर्म तो लगन से करता है,परन्तु कभी-कभार नियति उसके साथ ऐसा क्रूर मजाक करती है कि विश्वास करना कठिन हो जाता है।नियति के खेल को समझते हुए  ही तुलसीदास जी … Read more

नियति तेरे करतब कमाल..

…..all the world is a stage and every man and woman is merely player…. कितना सही लिखा है ग्रेट शेक्सपियर ने ….इस संसार रूपी रंगमंच पर हर व्यक्ति को नियति द्वारा निर्धारित अलग अलग भूमिकाएं रोल दिए गए हैं अलग अलग किरदार हैं…. पर्दा खुलता है अभिनय शुरू हो जाता है ….चलता रहता है अभिनय  … Read more

यही मेरी नियति है – Parivarik kahani

उस दिन बहुत बारिश पड़ रही थी इसलिए गली में बहुत सा कीचड़ हो गया था राशि यानी मैं जैसे ही दूध लेने गई तो स्कूटी अंदर ले जाने में मिट्टी में फस रही थी इसलिए मैं अपनी स्कूटी को बाहर ही खड़ी कर कर पैदल अंदर दूध लेने चली गई जहां पर दूध रखा … Read more

नियति का न्याय : Motivational Story in Hindi 

 कांता रोती जा रही थी, और अपने बेटे रघु को घुटने की चोट पर हल्दी लगाते हुए डांट रही थी,   “तुझे कितनी बार समझाया… उधर कॉलोनी में खेलने मत जाया कर इतनी मार भी खाता है,..और फिर वहीं जाता है, भला उन लोगों का और हमारा क्या मेल…!  पर तुझे तो समझ में ही … Read more

 किस्मत के रंग – प्राची लेखिका

छाया अपनी आलीशान गाड़ी में बैठकर मंदिर जा रही थी। गाड़ी से उतर कर वह मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ी। तभी वह मंदिर के पास लगी दुकानों से फूल खरीदने के लिए रुक जाती है। ‘बहन जी पूजा के लिए फूल देना‌’ उसने फूल बेचने वाली साधारण सी महिला से कहा। लेकिन जैसे ही उसकी … Read more

बोनस – दीपा माथुर

पिताजी के गुजरने के बाद घर की स्थिति खराब ही चल रही थी। तभी तो शिवि ने पढ़ाई छोड़ प्राइवेट नौकरी शुरू कर दी। मकान की किश्त ,छोटे भाई की स्कूल ,और दाल रोटी को व्यवस्था इतना आसान नहीं था। साइंस से 91 प्रतिशत लाने वाली पापा की परी शिवि का सपना डॉक्टर बनने का … Read more

error: Content is Copyright protected !!