नियति

 रवि मैं सोच रही थी कि बच्चें बाहर चले गए हैं तो क्यों ना हम ऊपर वाला फ्लोर किराये पर दे देते है…!!!!

  सारिका सही कह रही हो तुम घर में रौनक हो जाएगी…मैं बैंक में बात करके बोल दूँगा तो वहाँ पर कोई नया आया तो हमारा घर भी दिखा दें किराये के लिए यही सही रहेगा…!!!!

  दो-ढाई महीने बाद एक नौजवान पच्चीस-छब्बीस साल का था उसने घंटी बजाई तो सारिका ने दरवाजा खोला…वो कुछ समझती उसने झुक कर उसके पैर छूये…!!!!

  अरे क्या कर रहे हो बेटा..कौन हो तुम…??

   आन्टी आपको मकान किराये पर देना है ना तो मैंने बैंक में जाईन किया है वही से यहाँ का पता मिला…!!!!

  अच्छा…अच्छा उसने रवि को आवाज लगाकर बुलाया और बताया कि वो बात कर लें…!!!!

   रवि ने कहा क्या नाम है बेटा तुम्हारा व बैंक में किस पोस्ट पर आये हो..??

  अंकल मेरा नाम रौनक है और मैं मैनेजर की पोस्ट पर आया हूँ…!!!!

    आओ तुम घर देख लो..अकेले ही रहोगे…??

  जी अंकल अभी तो अकेला ही हूँ पर घर वाले लगे है जल्दी ही मेरी शादी करा देगें…!!!!

  रवि को उसकी बाते सुनकर अच्छा लग रहा था अपने नाम के अनुसार वो सच में रौनक ही था…!!!!

     सब बातें हो गई उसने कहा…चलिए अंकल मैं एक तारीख को आता हूँ…!!!!

  अरे तुम अभी आ जाओ और जब तक अकेले हो खाना हमारे साथ ही खाते रहना…!!!!

  जी अंकल मैं चलता हूँ और उसने झुककर पैर छुये तो रवि ने गले से लगा लिया…!!!!

  रौनक सामान लेकर आ गया और वो रवि व सारिका के साथ घुल-मिल गया घर के सदस्य जैसा ही हो गया हर बात बताता था यहाँ तक की लड़की देखने गया तो भी पहले उनको फोटो दिखाई और उन्होंने कहा अच्छी है तो देखने गया…!!!!

  जल्दी ही शादी भी हो गई…वो भी गये थे बहुत मान-सम्मान दिया उसने व उसके घरवालों ने बहुत अच्छा लगा…!!!!

  जब शादी से वापस आये तो रौनक के बिना उनको अपना घर ही अच्छा नहीं लग रहा था…आज बीस दिन बाद वो आ रहा था सारिका ने घर की सफाई कराकर उसे सजा दिया था और दोनों ने उसके स्वागत की बहुत शानदार तैयारी की थी…सारिका ने बहू को आरती करके गृहप्रवेश कराया…!!!!

   रौनक के मम्मी-पापा दोनो बहुत खुश थे ये देखकर बोले हम तो ऐसे ही आ गए आपने तो हमारे रौनक को बेटे जैसे ही रखा है…!!!!

  रौनक के साथ अब मिहिका के साथ भी उन्हें बहुत अच्छा लगता था बहुत प्यारी थी वो भी…यहाँ आने के दो महीने बाद आज वो अपने मायके जा रही थी तो हम रौनक को छेड़ रहे थे कि पन्द्रह दिन अकेले रह लोगे…वो जोर-जोर से हँस दिया…!!!!

   मिहिका के जाने के बाद जो रविवार आया उस दिन रौनक का ऑफिस वालों के साथ घूमने जाने का प्रोग्राम बना वो पास में ही एक घाट पर जायेंगे और फिर रास्ते में ही खाना खाकर आयेंगे…!!!!

रवि ने उसे समझाते हुए कहा कि ज्यादा गहरे पानी में मत जाना ध्यान रखना…!!!!

वो हँसते हुए बोला…अरे अंकल जी मुझे किसी ने बोला है कि मेरी मौत पानी में होगी वैसे मैं ये सब मानता नहीं हूँ पर मुझे तो पानी से वैसे ही डर लगता है तो मैं पानी में उतरूँगा ही नहीं..बस दूर से ही देखूँगा…चलिए मैं चलता हूँ…!!!!

   एक बजे वो गया और साढ़े तीन बजे  रौनक के पापा का फोन आया रवि के पास कि उसके ऑफिस से किसी का फोन आया है कि उसके साथ हादसा हो गया है आप जल्दी जाकर देखिए ना कि क्या हुआ है…हम भी निकल रहे है…!!!!

  सुनकर रवि का दिल धक से रह गया वो और सारिका दोनो निकल गये और जल्दी ही वहाँ पहुँच गये…जाकर मालूम पड़ा कि वो डूब गया है और उसे ढूँढ रहें है..!!!!

  रवि गुस्से से चिल्लाकर बोला कि उसको पानी से डर लगता था फिर वो  पानी के पास गया कैसे..??

 उसके साथी सिर झुकाये खड़े थे वही पर चाय के दुकान वाले ने बताया कि वो नहीं जा रहा था पर उसके दोस्त जबरदस्ती उसको खींचकर पानी में ले गए कि हम सब साथ है तुम्हें कुछ नहीं होगा…!!!!

  वो कुछ बोलते उससे पहले रौनक की लाश सामने पड़ी थी जिसे देख सारिका चक्कर खाकर गिर पड़ी…!!!!

  रौनक के मम्मी-पापा , बहन व मिहिका भी अपनी मम्मी-पापा के साथ आ गई…आगे शब्द नहीं है..!!!!

  आज उसके उठावने में आये तो इज़ाजत माँगकर रवि बोले कि…इतना हँस-मुख बच्चा आज नियति की भेंट चढ़ गया माना कि जो होना है वो होकर रहेगा पर किसी के साथ जबरदस्ती मत करों और ऐसा कोई मजाक मत करो कि उसकी कीमत  किसी को अपनी ज़िन्दगी देकर चुकानी पड़े…!!!!

#नियति 

मौलिक व स्वरचित©®

गुरविंदर टूटेजा 

उज्जैन (म.प्र.)

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