शिवानी – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

शिवानी को दिखावा इतना पसंद था कि वह चाहे कम खा सकती थी लेकिन फैशन के लिए खर्च करने को हर समय तैयार रहती । जब भी अपनी किसी सखी को किसी खास ड्रेस में देखती तो उसे तब तक चैन न आता जब तक कि उससे भी अच्छी ड्रेस वह न ले लेती । … Read more

दिखावे से दूर – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 शिल्पी, मोनिका  को फोन करके बोली, “मोनिका चल आज शाम को साथ में कॉफी पीने चलते हैं और तुझसे एक जरूरी बात भी करनी है। तो मिल रही है ना शाम को ”   मोनिका -” शिल्पी, आज तो नहीं मिल पाऊंगी कल आ सकती हूं कल मैं बिल्कुल फ्री हूं। आज शाम को मेरे पति … Read more

पछतावा – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

गंगा शांत बह रही थी | वातावरण शांत, सुखद और मनमोहक था | एक नाव गंगा की लहरों पर मंद गति से तैर रही थी | नाव पर सेठ मनोहरलाल बैठे थे | सामने अपनी पत्नी  उमा की एक बहुत सुंदर तस्वीर रखे थे | तस्वीर पर एक बहुत खूबसूरत हार चढा था और सामने … Read more

दिखावे की जिन्दगी – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

  प्रीती और सुशांत की शादी हाल ही में हुई थी। नई-नई शादी के उमंग-उत्साह में सराबोर प्रीती अपने और अपने पति के संग विभिन्न आकर्षक मुद्राओं में खींचे गए फोटोग्राफ्स को कभी फेसबुक पर तो कभी व्हाट्सऐप पर निरंतर बिना किसी दिन नागा किए हुए डालती जा रही थी। इन तस्वीरों में दोनों नवविवाहित जोड़ी … Read more

दिखावे की जिंदगी – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

रमा कान्त जी अकेले चले जा रहे थे ।मंजिल का कोई अता-पता नहीं है ।पत्नी एक महीने पहले ही गुजर गयी है ।दो बेटे हैं ।शादी शुदा ।अपनी गृहस्थी में मगन ।जब नौकरी में थे तभी पत्नी सरला के बहुत कहने पर एक छोटा सा आशियाना बना लिया था ।साधारण पोस्ट पर ही थे वह। … Read more

आइने के पीछे – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

जरा रुक मोनी रुक…. श्री की तेज आवाज से मोनी ने पलट कर देखा तो श्री अपना मोबाइल निकाल रही थी। नो श्री प्लीज अभी नहीं अभी मोबाइल पर्स में ही रहने दे अभी बहुत सारी शॉपिंग करनी है मोनी ने दबाव देकर कहा लेकिन तब तक तो श्री अपना मोबाइल निकाल कर उसमें सेल्फी … Read more

नयी फसल – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अरे,दुर्गा काका,कैसे हैं आप,कल से आपसे बात ही नही हो पायी।काका सब ठीक है ना?        हाँ-हाँ, सब ठीक है छोटे सरकार।अब तुम आ गये हो तो और सब ठीक हो जायेगा।         और सब ठीक हो जायेगा, यानि कुछ गड़बड़ है?काका बताओ ना क्या बात है?          कुछ नही बबुआ,पूरे दो साल में आये हो,आराम करो,बाते तो … Read more

दिँखावे की ज़िंदगी – करुणा मालिक : Moral Stories in Hindi

पूनम , ज़रा तैयार रहना …मैं तुम्हें लेने आ रहा हूँ, वकील की माताजी का निधन हो गया है, वहीं चलना है । वकील  की माताजी? मतलब मेहरा भाई साहब की ?  हाँ- हाँ… बस पाँच मिनट में पहुँच रहा हूँ …. उनकी बड़ी बहन पहुँचने वाली है बस उनका इंतज़ार हो रहा है । … Read more

झूठी दिखावे की जिन्दगी – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

हम इस एनीवरसरी पर बड़ा वाला टीवी ड्राइंग रूम के लिए लेंगे, अतुल ने जैसे ही कहा तो निशा को आश्चर्य हुआ। अतुल, ‘घर में वैसे ही दो टीवी पहले से है, एक हमारे कमरे में और एक बाबूजी के कमरे में, फिर और एक टीवी लेकर क्या करना है? वैसे भी टीवी इतना देखता … Read more

*दिखावे की चादर* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

   परेशान हो गई थी सौम्या इस दिखावे की जिन्दगी से। कितना कठिन होता है ,हम जो नहीं है, वह बताने का प्रयास करना। उसे समझ में नहीं आता कि जब हम मध्यमवर्गीय है, तो अपने को उच्च श्रेणी का बताने की यह कैसी जिद है कि परिवार का हर व्यक्ति अपने मे ही उलझा … Read more

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