ससुराल की अहमियत (भाग 1) – स्वाती जैंन : Moral stories in hindi
बुढ़िया , तेरी हिम्मत कैसे हुई रोटी पर घी लगाकर खाने की ?? तेरे लिए दो सुखी रोटी जान बूझकर ही रखी हैं मैंने , रोटी के साथ दाल दे रही हुं , यह काफी नहीं हैं क्या तेरे लिए जो अब घी भी लगाकर खाएगी तु रोटी पर ?? बड़ी बहु सुधा अपनी सास … Read more