मायका एक बेटी का – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

कविता और उसका परिवार एक बड़े और सुविधासंपन्न शहर में रहता था। उसके पति एक अच्छी नौकरी करते थे, और घर में सभी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध थीं। हर तरह के सुख-साधन होने के बावजूद कविता का मन अपने मायके के छोटे शहर में बसता था, जहाँ वह अपना बचपन बिताई थी। एक दिन जब कविता … Read more

सच्चे रिश्ते केवल बाहरी चमक-धमक से नहीं बल्कि दिल की गहराइयों से बनते हैं – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

रंजन अपने ऑफिस से थका-हारा घर पहुंचा। उसकी आँखों में हल्का सा गुस्सा और निराशा झलक रही थी। वह सीधे अपने कमरे में गया और खुद को बिस्तर पर फेंक दिया। उसकी माँ, विमला देवी, जो रंजन के चेहरे के हर भाव को समझने में माहिर थीं, तुरंत समझ गईं कि कुछ बात है जो … Read more

सास बिना ससुराल – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

नीलम एक सुंदर,प्यारी सी लडकी थी | पिता श्यामसुंदर एक बिजनेस मैन थे और माँ एक कुशल गृहणी | दो बडे भाईयों की इकलौती छोटी बहन थी वह | दोनों भाईयों की अभी शादी नहीं हुई थी |  ग्रेजुएशन पूरा करते ही उसके पिता उसकी शादी की चर्चा करने लगे | नीरज एक स्मार्ट, पढा-लिखा … Read more

घडियाली आंसू बहाना – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

लता के पति की मृत्यु करीब बारह साल पहले हो चुकी थी | उसकी दो बेटियां थी | जब उसके पति की मृत्यु हुई थी तब उसकी बड़ी बेटी रमा तेरह साल और छोटी बेटी जया दस साल की थी | उसके पति एक कंपनी में काम करते थे | पति की मृत्यु पर परिवार … Read more

अभागन तू नहीं मैं हूँ – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

रश्मि अपने पति शिवम के साथ गाड़ी से अपने मायके जा रही थी | गाड़ी तेजी से आगे जा रही थी और रश्मि का मन उतनी ही तेजी से पीछे भाग रहा था | उसे अपने बीते दिनों की बातें याद आ रही थी |                   शिवम … Read more

सपना का पश्चाताप – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

  सपना का रो रो कर बुरा हाल था | वह अस्पताल में बैठी भगवान् को याद कर रही थी | उसके पति  की गाड़ी को आफिस से घर आते हुए एक दूसरी गाड़ी ने टक्कर मार दिया था और वे धायल हो गये थे | कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया था और उनके … Read more

सच्चा हमसफर- सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

शिवम  एक सताईस वर्षीय लंबा ,स्मार्ट, हैंडसम नौजवान था | वह शिक्षा और संस्कार में भी बहुत अच्छा था | उसने बहुत मेहनत से अपनी पढ़ाई की थी और अब वह एक अच्छी कंपनी में बहुत अच्छे पद पर कार्यरत था | एक अच्छी कंपनी में वह इंजीनियर था | उसकी शादी के लिए बहुत … Read more

बहू का अनर्थ- सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

” अरी ओ बहू, ये  क्या अनर्थ कर दिया तुमने |” सास शोभा जोर से  चिल्लाकर बोली  |       ” क्या हुआ मम्मी? क्या किया मैनें |” बहू  नीता पास आते हुए हडबडाकर बोली |        ” ये मैंने तुम्हें पूजा के लिए प्रसाद बनाने को कहा था |  प्रसाद बनाकर  पूजा के लिए रखना था ना … Read more

छोटा मुॅंह बड़ी बात – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

शाम का समय था | दिप्ती अपने लिए चाय बनाने जा रही थी, तभी उसे सब्जी वाले की आवाज सुनाई दी ” सब्जी ले लो, सब्जी ले लो “| दिप्ती तुरंत बाहर आई | सब्जी वाला अपना सब्जी का ठेला लेकर अक्सर आता था | उसकी सब्जियां ताजी होती थी और वह दाम भी ठीक … Read more

पुष्पा का तनाव – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

 छह महीने से शुभम घर नहीं आया था | माँ पुष्पा देवी बहुत तनाव में  थी | शुभम उनकी इकलौती संतान था | बहुत ही होनहार, आज्ञाकारी और संस्कारी था | पढाई में तेज होने के साथ-साथ संस्कार और व्यवहार में भी अच्छा था | सभी के साथ उचित व्यवहार करता था | अपनी पढाई … Read more

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