बेटी ही क्यों दे त्याग – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : काव्या जो ज़िंदगी को बिंदास होकर जीती थी । जिसने कभी भी ना झुकना सीखा , ना ही कभी ग़लत का साथ दिया । काव्या अपने पिता का मान है या यूँ कहे उनके जीवन का पूरा सारांश है तो गलत नहीं होगा । क्योंकि राम किशोर जी ने उसकी … Read more

बचपन की कुंठा – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रॉय साहब के घर बहुत सालों बाद बेटी पैदा हुई थी । पिछली चार पुश्तों से उनके घर लड़के ही पैदा हो रहे थे । इसलिए जब उनके घर बेटी हुई तो उसके होने की ख़ुशी पूरे परिवार ने बड़ी धूम धाम से मनाई । जब भी चारुलता अपनी बेटी … Read more

सोचा ना था – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज सचिन का कॉलेज ख़त्म हो रहा था और एक नए सफर की शुरुआत हो रही थी । अपने सभी दोस्तों से मिलनें के बाद वो अपने घर के लिए निकल पड़ा । जो की दिल्ली से बहुत दूर पहाड़ों में है । अपने घर जाते हुए वो रास्ते में … Read more

कुछ करने की चाह – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

आरव बहुत कश्मकश में था । इसलिए शाम को जैसे ही जय ऑफ़िस से आया तो आरव पानी का गिलास लेकर गया और अपने पापा के पास बैठ गया । क्या बात है आरव कुछ कहना है …… हाँ जी , पापा इस साल मुझे इंटर्न शिप करनी है । तो आप मुझे बता दीजिए … Read more

शहर भ्रमण – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

जल्दी जल्दी हाथ चलाओ आज हमारे जज साहब के बाबू जी आ रहें हैं । कहीं भी कोई गंदगी ना हो और सब चीजें अपनी जगह पर सुव्यवस्थित तरीके से हो । क्यों मधु बाबू वो कोई आर्मी में थे ?? नहीं , वो एक रिटायर अध्यापक है । लेकिन उन्हें गंदगी और समान का … Read more

ज़िंदगी है फिर भी कम है – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मोहन नाम से लगता है कि इनकी ज़िंदगी कितनी रंगीन होगी । लेकिन असल ज़िंदगी में इनकी ना तो कोई राधा हैं , ना ही रुक्मणी , ना ही मीरा । अपनी पत्नी के जाने के बाद उन्होंने कई बार सोचा पर अपने बच्चों के कारण कभी दूसरी शादी नहीं … Read more

उम्मीद पे दुनिया क़ायम – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

सलीम को बचपन से ही अमीर बनने का शौक़ था । इसलिए अपने अरमा पूरे करने के लिए रोज लॉटरी टिकट ख़रीदता रहता था । पर क़िस्मत में कुछ सौ रूपयों के अलावा कभी कुछ नहीं निकला । घर का बड़ा बेटा होने के कारण हकीम साहब की सब उम्मीदें उसी से थी । लेकिन … Read more

संस्कारो पे धब्बा – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

प्यार तो पहले हुआ करता था । आज के दौर में प्यार के मायने ही बदल गए है । प्यार प्यार ना रह बस एक खिंचाव , एक फ़ैशनेबल हौड की तरह हों गया है । जहां लड़के-लड़कियाँ बॉय फ़्रेंड गर्ल फ़्रेंड कहलवाना ज़्यादा पसंद करते है । मेट्रो जो एक सार्वजनिक परिवहन का साधन … Read more

अरमानों की उड़ान – स्नेह ज्योति: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ओ मुनिया ! कहाँ गई ?? एक काम करने को कह दो इसे …मजाल जो जल्दी से सुन लें । कहाँ हैं ?? सुन रही है !! …..आती हूँ माँ बस थोड़ी देर ऑर रॉकेट आसमान में उड़ा दूँ । रॉकेट उड़ा कर तू ही बनेगी अगली वैज्ञानिक ! घर … Read more

वादा – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

जोर-जोर से शोर मच रहा था….. वोट ४ हरिया का उद्घोष हों रहा था । प्रचार में कोई कमी ना आए , इसलिए हरिया घर-घर जा कर अपना पर्चा बाँट रहा था । जैसें मैंने अब तक आपका ध्यान रखा है आगे भी रखूँगा । इसलिए अपना क़ीमती वोट मुझें ही दे । सत्ता धारी … Read more

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