रुखी थाली -शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

ये लोग यहाँ कब तक रहेंगे मनीषा अपने पति परेश से बोली। ये लोग कौन लोग। जिनके बारे में तुम बात रही हो वो कोई लोग नहीं हैं वरन मेरे मम्मी पापा हैं ।उनके लिए सम्मानित शब्दों का प्रयोग करो,और रही जाने  की  बात तो वे क्यों जायेगें।अपने  बेटे-बहू के पास रहने आए हैं अब … Read more

सोने की अंगूठी -शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

हमनें अभी  नई काॅलोनी में शिफ्ट किया था।यह काॅलोनी पुरानी काॅलोनी से काफी दूर थी सो यहाँ सारी व्यवस्थाएं नये सिरे से करनी पड़ी। जैसे दूधवाला , पेपर वाला, कामवाली मेड ,प्रेसवाला सामान के लिए परचूनी की दूकान ।पेपर देने वाला लड़का जिसे हम गुप्ता जी के नाम  से बुलाते थे यही कोई तेइस-चौबीस वर्ष … Read more

रिश्तों की डोर – शिव कुमारी शुक्ला: Moral Stories in Hindi

बच्चों  के स्कूल चले जाने के पश्चात मेधा अकेली रह गई घर में। वह उदास  बैठी सोच रही थी  आज उसकी उन्नीसवीं  मेरिज एनिवर्सरी है। शायद  मेहुल को तो यह दिन याद ही नहीं होगा कि  आज के  दिन ही वह अपना घर परिवार छोड पूर्ण विश्वास के साथ मेहुल का हाथ थाम आपना नया … Read more

शुभचिंतक -शिव कुमारी शुक्ला Moral Stories in Hindi

लता जी ने काइनेटिक निकाल कर बाहर खड़ा किया जैसे ही वे गेट बन्द करने के लिए मुड़ीं  उन्हें हल्का सा सामूहिक हास्य सुनाई दिया। उनके पलटते ही चुप हो गईं। आस-पड़ोस की तीन चार महिलाएं किसी एक के गेट पर  खड़ी हो कर बतिया रहीं थी। अभी वह स्कूटर स्टार्ट कर ही रही थी  … Read more

बोया पेड़ आम का***फल कैसे मीठा न होये – शिव कुमारी शुक्ला: Moral Stories in Hindi

केतकी सुबह उठकर जैसे  ही पापा जी के कमरे की और गई तो उसने देख वे कुछ असहज लग रहे थे। पापाजी कोई परेशानी है आप इतने बैचेन  कैसे हो रहे हैं। हां बेटा मुझे बाशरूम जाना है और में उठ   नहीं पा रहा। तो इसमें इतना परेशान होने की क्या बात है चलिए में … Read more

बिखरे रिश्ते – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रिया ने चटाक एक जोरदार थप्पड़ आशु को लगा दिया। आशु जोर से रोने लगा। तभी  नीलू वहां आई और बच्चे को गोद में उठा चुप कराने लगी और प्रश्न भरी निगाहों से ननद रिया की ओर देखा। गुस्से में रिया चिल्लाकर बोली देखो भाभी आशु कितना शैतान हो गया है इसने मेरे चिन्टु को … Read more

छोटों की सीख – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

लो अब तो आदि ने टिकट भी भेज दिए अब तो चलो बैंगलौर । ये लडका भी न, समझता ही नहीं कि मुझे कहीं  आना जाना पसन्द नहीं अब टिकट भेज दिए। कहीं और थोड़े ही चल रहे हैं बेटा-बहू है अपने ही बच्चे हैं उनके घर ही तो चलना  है फिर इतने दिनों से … Read more

मयूरी और परिंदा -शिव कुमारी शुक्ला Moral stories in hindi

मयूरी एक आठ बर्षीय बच्ची सुबह के समय अपनी बालकनी मे बैठी  कामिक्स पढ़ने में तल्लीन थी। तभी एक परिन्दा घायल अवस्था में वहाँ आ गिरा। वह तड़प रहा था। उसके शरीर से खून निकल रहा था। पहले तो उसे देख वह सहम गई, फ़िर उठकर उसके लिए पानी लाई और अपने मम्मी- पापा को … Read more

हृदय परिवर्तन शिव कुमारी शुक्ला Moral stories in hindi

चारु राखी की थाली सजाये बैठी थी उसमें राखी थी, आरती का दीपक, कुंकुम चावल, मिठाई और भैया पर न्यौछावर करने के लिए रुपये रखे थे। वह घर के मन्दिर में भगवान के सामने बैठी एक टक श्री कृष्ण जी की फोटो निहारे जा रही थी जैसे कि वह मन ही मन उनसे प्रार्थना कर … Read more

अतृप्त आत्मा प्यार कि खोज में – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

आभा रो रोकर थक चुकी थी। कोई उसे सांत्वना देने वाला नहीं था। पूरा परिवार चैन की नींद सो रहा था ।उसका पति अभीर भी घोडे बेंच कर सो रहा था ।उसे होश नहीं था कि बगल में लेटी  पत्नी रो-रोकर हलकान हो रही है। आभा बैड पर से उठकर  खिड़की के पास आकर खड़ी … Read more

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