ग़ुरूर – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“हेलो मैम! ऑर यू अपेक्षा मॉम???” “एस! पायलट” “अपेक्षा इस माई को-पायलट। शी इस वेरी नाइस एंड गुड पर्सन।” “ओह! हाय! हाउ ऑर यू??” “फ़ाइन। यू लुक लाइक अपेक्षा!” “एस! बट शी लुक लाइक मी या मी लाइक अपेक्षा??” कहने को तो अपेक्षा की माँ ने कह दिया कि- “अपेक्षा मेरी जैसी है या मैं( … Read more

रिश्तों की डोरी टूटे ना -संध्या सिन्हा Moral Stories in Hindi

अचानक  से नींद खुली तो देखा सुबह के पाँच बज रहे थे…फ़ोन चार्जिंग के लिए उठाया तो एक मेसेज और कई मिस कॉल दिखी…अरे! ये तो मेरी सहेली गीता की बेटी की कॉल और मेसेज था, मेसेज पढ़ा तो.. दिल को धक्का लगा कि.. गीता के पति नहीं रहे, कल रात में सीने में अचानक … Read more

हमसफ़र – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

क़रीब तीन  बरस  बीत गए मृदुल को मेरे जीवन से गए. किंतु मैं तो आज भी उसी मोड़ पर खड़ी हूं, जहां वो मुझे छोड़ कर चला गया था. गहरे अवसाद में चली गई थी मैं. पर किसी के जाने से जीवन रुक नहीं जाता जीना तो पड़ता ही है. द शो मस्ट गो ऑन…” … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने- संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

हमारे पड़ोस में रहने वाली सरला जी छोटा सा परिवार  था, सरला जी एक   इंटर कॉलेज में हिन्दी की टीचर थी  और उनके पति ए.जी. ऑफिस में सेक्शन ऑफिसर। बड़ा बेटा बैंक में पीं.ओ. है और बहू कॉन्वेंट स्कूल में टीचर, बेटी भी एमबीए कर चुकी हैं… उसी की शादी के लिए लड़का देख … Read more

विधवा-संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

निशा की कालिमा ने अपने पैर पसार लिए थे ।सभी सोने चले गए थे , दादी भी सो गई पक्की नींद में । दस बरस की छोटी सी सुगन ने अपनी कोठरी का दरवाज़ा बंद किया और दीये की रोशनी में अपने पुराने सन्दूक को धीरे से खोला ।उसे दो रंग की ओढ़नी ही तो … Read more

दिन में तारें दिखायी देना -संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

अभी खाना डाइनिंग टेबल पर लगाया ही था कि.. डोरबेल  “ डिंग-डाँग..”  मैं देखती हूँ.. कह कर मैंने मेन डोर खोला तो… “ब्लिंकिट” का डिलीवरी बॉय था.. “ जी मेम आपका सामान.. “इधर रख दो “ मैंने सोफ़े के पास रखने को कहा.. “ क्या माँ…  तुम्हारा कितना ऑर्डर आता हैं…कभी bbnew . कभी blinkit, … Read more

दिन में तारें दिखायी देना-संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

अभी खाना डाइनिंग टेबल पर लगाया ही था कि.. डोरबेल  “ डिंग-डाँग..”  मैं देखती हूँ.. कह कर मैंने मेन डोर खोला तो… “ब्लिंकिट” का डिलीवरी बॉय था.. “ जी मेम आपका सामान.. “इधर रख दो “ मैंने सोफ़े के पास रखने को कहा.. “ क्या माँ…  तुम्हारा कितना ऑर्डर आता हैं…कभी bbnew . कभी blinkit, … Read more

अनजानों से दिल का रिश्ता कैसे-संध्या सिन्हा । Moral stories in hindi

इस बार मैं अपने बेटे  सागर के साथ  क़रीब सात साल बाद भारत आई थी.  पतिदेव जी तो नहीं आ पाए थे.  बेटी सागरिका को मैं घर पर ही लंदन में छोड़ आई थी, ताकि वह कम से कम अपने  पापा को खाना तो समय पर  खिला देगी. पिछली बार जब मैं दिल्ली आई थी … Read more

दिल का रिश्ता- संध्या सिन्हा । Moral stories in hindi

“# दिल का रिश्ता”  दो लोगों के बीच मौजूद गहरे और भावनात्मक संबंध को संदर्भित करता है। तह रिश्ता… प्रेमी-प्रेमिका, कोई  ख़ास क़रीबी , खून का रिश्ता ना होबे पर भी एक प्यारा अनमोल रिश्ता… जो  हमे अपनी जान से भी प्यारा होता हैं। रमा जी से  शशि की  मुलाक़ात एक हॉस्पिटल में हुई थी। … Read more

हर बीमारी का इलाज दवा नहीं होती!- संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

आज बहुत थक गई थी … अभी बेड पर लेटी ही थी कि… मोबाइल बज उठा… आज तीनों बालकनी में जाली लगवायी थी इधर दो महीने से कबूतरों ने घोंसला और अंडे देकर परेशान कर रखा था। फ़ाइनली आज जाली वाला जाली लगा ही गया सो सारी बॉलकनी साफ़ करनी पड़ी ख़ुद से… क्योकि मेड़ … Read more

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