जीवन शैली में बदलाव – पुष्पा जोशी : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : विवेक आज पूरे बारह वर्षों के बाद अपने पैतृक गाँव में वापस आया। स्टेशन पर पैर रखते ही एक अजीब सी मिठास उसके मन में समाहित हो गई, उसे आनन्द की अनुभूति हो रही थी ।वह सोच रहा था कि इतने वर्षों के बाद, वह अपने दोस्तों से मिल कर … Read more

शक का बीज – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : रेवा सीधी सादी ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी, समझदार, बहुत ही सुन्दर लड़की थी।वह बारहवीं कक्षा तक पढ़ी थी। गॉंव में कॉलेज नहीं था, आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ता था। बारहवीं के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। घर पर उसकी माँ के साथ रहकर उसने गृहस्थी के … Read more

अब बताइये संस्कारहीन कौन है? – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : आज सुभद्रा जी का गुस्सा सातवे आसमान पर था। जबसे उसके लाड़ले बेटे रजत का फोन आया है तबसे, वे मन ही मन में भुनभुना रही है, समझती क्या है वो अपने आप को, अभी दो महिने ही हुए है,मेरे बेटे को मुझसे दूर हुए। क्या सोचकर भेजा था, मैंने … Read more

‘जीवनधारा में बदलाव – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : जिन चिमनलालजी के ओहदे और रूतबे की धाक पूरी कॉलोनी में थी, तथा जिस धन और ऐश्वर्य के नशे में चूर होकर वे इन्सान को इन्सान नहीं समझते थे, वे ही आज किसी से नजर नहीं मिला पा रहै थे। बिल्कुल अकेले रह गए थे। चिमनलालजी फुड ऑफीसर थे। खूब … Read more

आशा की किरण – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

पूरे जीवन काल में कठिन परिश्रम करने वाली, कभी नहीं थकने वाली, हमेशा हॅंसकर हर बाधाओं को पार करने वाली, पार्वती की  ऑंखों में, आज पहली बार ऑंसुओं का सैलाब उमड़ रहा था।उसे लग रहा था, कोई नहीं है जिसे वह अपना कह सके। भरी जवानी में पति का स्वर्गवास हो गया। बेटे चन्दू के … Read more

ससुराल और मायका – पुष्पा जोशी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :सौरभ अपनी बहिन प्राची से बहुत प्रेम करता था। वह एक दिन के लिए भी उससे दूर चली जाती, तो उसका मन नहीं लगता था। प्राची बी.ए. द्वितीय वर्ष  में पढ़ रही थी। सौरभ की नौकरी बैंक में लग गई थी। उसके विवाह की तैयारी चल रही थी। सौम्या दीनदयाल जी … Read more

बस थोड़ा सा प्यार, विश्वास और सहयोग – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ‘पलाश बेटा! तुम खड़ी और गेरू लाए या नहीं, बहू की इस घर में पहली दीपावली है, उसे घर की देहरी सजाना है। वह घर की लक्ष्मी है और यह कार्य गृहलक्ष्मी का ही है।’ सुहासिनी जी ने अपने बेटे पलाश से कहा। सुहासिनी जी का स्वास्थ बहुत खराब हो गया … Read more

आपसी तालमेल और सामंजस्य : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ‘राज क्या बात है? मैं दो दिन से देख रही हूँ आप बहुत परेशान दिख रहे हो। न ठीक से सो पा रहे हो, न खा पा रहै हो। बताओ ना क्या बात है?’ तुम तो जानती हो सुमी सौलह दिन बाद रज्जो की सगाई है। आफिस में काम का … Read more

खुशियों की दस्तक  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अक्सर दो बजे चाय की घुमटी पर विजया की नजर उस बच्चे पर पड़ती जो सहमा हुआ अपनी दादी के ऑंचल में सिमटा बैठा रहता। कभी दादी उसे चाय पिलाती तो कभी उसके बालों को सहलाती रहती। नीली कंचे सी ऑंखों से कभी टुकुर- टुकुर वह विजया की ओर देखता … Read more

परिवार की एकता – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  विनोद बड़बड़ाते हुए घर के बाहर चला गया कि ‘भाभी को अभी तक भोजन बनाना नहीं आया, सब्जी में कितना नमक डाल दिया कोई खाए तो कैसे खाए,पता नहीं कब अकल आएगी इन्हें।’ प्रभा जी बहुत अच्छा भोजन बनाती थी, मगर विनोद की आदत पड़ गई थी नुक्ता चीनी निकालने … Read more

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