कमी अपनी परवरिश में – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

मालती ने आज पूरा घर फिर सर पर उठा रखा था। ससुर जी के खत्म हो जाने के पश्चात यह अब आम बात हो गई थी। मालती की सास दयावती खून का घूंट भरकर रह जाती। मालती अपनी छोटी बहन को पढ़ाई करने के लिए अपने साथ रहना चाहती थी लेकिन घर पर जगह उपलब्ध … Read more

पश्चाताप या आत्मग्लानि : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : टीशा जैसे ही कॉलेज से आई, उसने देखा ड्राइंग रूम में कुछ गेस्ट बैठे हुए है। वह नमस्ते करके अंदर घर में दाखिल हुई और सबसे प्रश्न सूचक निगाहों से पूछने का प्रयास करती है कि कौन लोग हैं? उसकी चाची मंद-मंद मुस्कुरा कर कहती है, “बेटा अब कॉलेज-वालेज छोड़ो … Read more

रिश्तो में सामंजस्य – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

निहारिका की शादी खूब धूमधाम से हुई। वह बहुत खुश है। ससुराल में उसे खूब अच्छा लाड प्यार मिल रहा है। पग फेरे (गौने)की रस्म के लिए आज वह मायके आई हुई है। सुबह से ही चहक रही है। सभी को अपने ससुराल के किस्से बताने में लगी हुई है। शाम को उसके ससुराल से … Read more

संस्कार – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नंदिनी घर का काम जल्दी से निपटा कर अपने बेटे माधव की स्कूल पी.टी.एम में गई। जाते ही माधव टीचर को राधे-राधे बोल कर जैसे ही क्लास टीचर के पैर छूने लगा। टीचर गुस्से से अंग्रेजी झाड़कर फिर हिंदी में नंदिनी से कहती हैं, ” यह इंग्लिश मीडियम स्कूल है। यहां पर गुड मॉर्निंग बोला … Read more

वक्त जवाब देता है – प्राची लेखिका : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्रुति स्कूल से लौटी ही थी। पड़ोस वाली करुणा आंटी (जो हर घर की खबर रखती थी) को उसने अपने घर में बैठा पाया। श्रुति नमस्ते करके निकालना ही चाह रही थी कि आंटी ने उसको चालाकी से अपने पास बिठा लिया। श्रुति पढ़ने लिखने में साधारण थी। घर के … Read more

मतलब_परस्त_लोग – प्राची_लेखिका : Moral Stories in Hindi

 संडे को क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल था। शुभ्रा,राहुल और बच्चे उत्साहित थे भारत की जीत को लेकर। अचानक से राहुल के किसी मित्र का अपनी पत्नी के साथ आने का प्रोग्राम बन जाता है। शुभ्रा सुबह से ही काम में लगी हुई थी अचानक से आने वाले मेहमानों के आगमन की तैयारी में। सारी साफ … Read more

फेर समय का – प्राची अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज नव्या एक उच्च अधिकारी है और मनीष उसी के ऑफिस में बाबू पद पर कार्यरत है। मनीष को नव्या मैडम के सामने सम्मानजनक व्यवहार प्रस्तुत करना होता था। उससे बड़ी कोफ्त महसूस होती है जब वह नव्या के केविन में किसी औपचारिक कार्य से जाता। उसका इगो बार-बार हर्ट … Read more

ज़िंदगी जरूरी है या स्पीड – प्राची अग्रवाल   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अनिल शहर के एक बड़े बिजनेसमैन हैं। भगवान की कृपा से उनके घर में लक्ष्मी साक्षात विराजमान है। जिस किसी चीज में भी हाथ डालते वहीं सोना बन जाती। कहते हैं ना जैसे-जैसे धन बढ़ता है वैसे वैसे व्यक्ति का दंभ बढ़ता जाता है। रहीसाई बढ़ने के साथ-साथ शौक भी … Read more

मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं है। – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

चंद्र प्रकाश जी अपने मित्र रमेश की पौत्री का रिश्ता कराने के लिए भागम भाग कर रहे थे। लड़का उनकी जानकारी में था। दोनों पक्षों में उनकी उठ-बैठ थी। रिश्ता कराने के चक्कर में कई बार उन्हें यात्रा भी करनी पड़ी। अपने घर पर भी उनको बातें सुननी पड़ती थी कि बे फालतू के कामों … Read more

औकात भूलना – प्राची लेखिका : Moral Stories in Hindi

शहर की धनाड्य महिलाओं में शामिल लक्ष्मी जी के इकलौते बेटे मेहुल का विवाह है। डेस्टिनेशन वेडिंग हो रही है। सारे कार्यक्रमों के लिए रिसोर्ट बुक हो चुके हैं। अमीर रिश्तेदारों को न्यौते भेजे जा चुके हैं। आम मिलने झुलने वाले और साधारण रिश्तेदारों के लिए अपने ही शहर में एक साधारण भोज का इंतजाम … Read more

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