केक – पूनम अरोड़ा : Moral Stories in Hindi
रोज की तरह आज फिर स्कूल से मिनी को घर लाते समय वो हाथ छुड़ाकर आनंद बेकरी के बाहर शीशे से चिपट कर खड़ी हो गई और केक , पेस्ट्री को बाहर से ही ललचाई नज़रों से तकने लगी ।पता था ये सब “मां की ममता की परिधि” के वश में नहीं इसलिए जिद भी … Read more