सुबह का भूला (भाग 3)- नीलम सौरभ

___”कुछ कीजिए न मम्मीजी, पापाजी…इनको कुछ भी हुआ तो मैं भी जिन्दा नहीं बचूँगी मम्मीजी…कुछ करो न छोटी…सिद्धांत भइया को फोन करो ना जल्दी..!” घर का बड़ा बेटा सुदर्शन यानी सिद्धांत का बड़ा भाई आज पुश्तैनी गाँव के लिए निकला हुआ था। हमेशा की तरह अपने फार्महाउस के बहुत सारे कामों को देखने के लिए। … Read more

सुबह का भूला (भाग 2)- नीलम सौरभ

शुरू-शुरू में उससे बार-बार गलतियाँ हो जातीं और उसे सासू माँ के कोप का भाजन बनना पड़ता। साड़ी पहन कर काम करना उसके लिए संसार के सबसे कठिन कामों में से एक था, अतः वह सलवार कमीज पहन कर सिर पर दुपट्टा लपेट लेती। अनुराधा जी को यह भी बहुत नागवार गुजरता। सिर से पल्ला … Read more

सुबह का भूला (भाग 1)- नीलम सौरभ

“नहीं मम्मीजी, ऐसा तो अब कहीं नहीं होता…और होता भी होगा तो मुझसे नहीं हो पायेगा!” आज यह पहली बार था कि परिवार की छः माह पुरानी छोटी बहू स्तुति सास की असंगत बात सह नहीं सकी थी तो उलट कर बोल पड़ी थी। वह अब तक विदाई के समय माँ, ताई जी व बड़ी … Read more

माँ तेरे रूप कितने! : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “बहू होना भी किसी गुनाह की सज़ा से कम नहीं है! शादी ही नहीं करनी चाहिए! बँधुआ मजदूरी का ही एक अलग तरीक़ा है ये भी…बस मेरा और काम भी क्या है…दिन भर रंग-रंग के व्यंजन बना कर चराती रहूँ सबको। अपनी ख़ुशी के लिए अपने मन का कुछ करने … Read more

जाके पाँव न फटी बिवाई – नीलम सौरभ

‘चौधरी जी का बाड़ा’…यही नाम है हमारे शहर की पुरानी बस्ती के बीच बसे उस चॉल का। ‘यू’ आकार में बनी उस तीन मंजिला रिहायशी इमारत में 36 खोलियाँ हैं अर्थात 36 परिवारों का निवास स्थान है चौधरी बाड़ा। बाड़े के मालिक अवध नारायण चौधरी परिवार सहित पॉश इलाके के अपने बड़े बंगले में रहते … Read more

ये इश्क़ हाये! – नीलम सौरभ

एयरपोर्ट में फ्लाइट का इंतज़ार करते हुए थोड़ा बोर हो रहा हूँ मैं। साथ वाले सभी उन दो नन्हें खिलौनों से खेलते आपस में इतने मशगूल हैं, कि किसी का भी ध्यान मेरी तरफ नहीं है अब। चलिए, बोरियत दूर करने के लिए मैं चितरंजन आप सबको एक कहानी सुनाता हूँ। ये कहानी तब शुरू … Read more

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