सुबह का भूला (आखिरी भाग )- नीलम सौरभ

स्तुति ने पूरी तत्परता से न सिर्फ अपने जेठ को सही समय पर अस्पताल पहुँचाया बल्कि वहाँ के लापरवाह स्टाफ से लड़-भिड़ कर उन्हें तत्काल एडमिट भी करवाया। वहाँ उपस्थित अस्पताल के छोटे कर्मचारी जब आदत से मजबूर आनाकानी कर रहे थे, स्तुति दनदनाती हुई मुख्य चिकित्सक के ऑफिस में घुस गयी। उसने जब अपने … Read more

सुबह का भूला (भाग 3)- नीलम सौरभ

___”कुछ कीजिए न मम्मीजी, पापाजी…इनको कुछ भी हुआ तो मैं भी जिन्दा नहीं बचूँगी मम्मीजी…कुछ करो न छोटी…सिद्धांत भइया को फोन करो ना जल्दी..!” घर का बड़ा बेटा सुदर्शन यानी सिद्धांत का बड़ा भाई आज पुश्तैनी गाँव के लिए निकला हुआ था। हमेशा की तरह अपने फार्महाउस के बहुत सारे कामों को देखने के लिए। … Read more

सुबह का भूला (भाग 2)- नीलम सौरभ

शुरू-शुरू में उससे बार-बार गलतियाँ हो जातीं और उसे सासू माँ के कोप का भाजन बनना पड़ता। साड़ी पहन कर काम करना उसके लिए संसार के सबसे कठिन कामों में से एक था, अतः वह सलवार कमीज पहन कर सिर पर दुपट्टा लपेट लेती। अनुराधा जी को यह भी बहुत नागवार गुजरता। सिर से पल्ला … Read more

सुबह का भूला (भाग 1)- नीलम सौरभ

“नहीं मम्मीजी, ऐसा तो अब कहीं नहीं होता…और होता भी होगा तो मुझसे नहीं हो पायेगा!” आज यह पहली बार था कि परिवार की छः माह पुरानी छोटी बहू स्तुति सास की असंगत बात सह नहीं सकी थी तो उलट कर बोल पड़ी थी। वह अब तक विदाई के समय माँ, ताई जी व बड़ी … Read more

error: Content is Copyright protected !!