किसी से ना कहिएगा – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : रमेश जी आप ही बताइए मैने ऐसा क्या  कहा जो मोहन जी मुझ पर बिगड़ने लग गए कल मैंने उनके बारे में सोसाइटी की मीटिंग में कोई बुराई नही की थी फिर भी वह ऐसा क्यों सोच रहे हैं !! हां हां मैं भी यही सोच रहा था राधेश्याम जी … Read more

विश्वास से ही विश्वास है..! – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : रिजल्ट आना था आज… सुधीर जी सुबह से बेटे अमन के फोन का इंतजार कर रहे थे… फिर इस बार इसका सिलेक्शन नहीं हुआ….. मैं कब तक इस पर भरोसा करता रहूं और रुपए भेजता रहूं तीन साल से कह रहा है बस पापा इस बार हो जायेगा एक मौका … Read more

जिंदगी की ताल – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : तबले पर सधी हुई उसकी उंगलियां त्रि ताल बजा रही थी पूरा हॉल मानो सुध बुध खो कर किसी और लोक में निमग्न सा हो गया था…सबके बिच बैठी. शामली जी की आंखें सामने मंच पर तबला बजाती उस किशोरी में मानो खुद अपने आपको साक्षात देख रहीं थीं…!! गोपाल … Read more

तुम्हें भी क्या करना है!!  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : नहीं अब तो कहीं बाहर जाना ही नहीं है अभी एक दिन ही तो हुआ है …मेरा नहीं पूरे कुल का नाम डुबो दिया किसी को मुंह दिखाने काबिल नहीं रह गया मैं सारा मोहल्ला थू थू कर रहा है हजार बार समझाया था तुम्हें लड़की है लड़की जैसे ही … Read more

मां के लड्डू -लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : बेटा सुन मैंने बहुत बुरा स्वप्न देखा है रात में ..मेरा दिल धड़क रहा है अभी तक तू आज मत जा बेटा कल चले जाना ….आशा बार बार अंबर से कह रही थी वास्तव में उसका दिल कुशंका से बुरी तरह धड़क रहा था मां मेरा आज ही जाना बहुत … Read more

ऑल द बेस्ट पापा..! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ..”हेलो अविनाश अरे यार मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है किसने तेरा ट्रांसफर करवा दिया … वो भी इतनी खराब जगह में…..देख ले ईमानदारी का नतीजा.. इसीलिए समझाता था बेटा थोड़ी दुनियादारी सीख ले लेन देन और चाटुकारिता  के बिना आज की दुनिया में चैन से नौकरी करना … Read more

नातों की समझ – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : किसना ओ बेटा किसना सुन तो इधर आ तो जरा….रात के बारह बज रहे थे बाबूजी की कराहती आवाज सुन पास ही लेता किसना हड़बड़ा के उठ बैठा हां बाऊजी मैं यही हूं आपके पास पानी पीना है क्या..!!पास रखी मिट्टी की  सुराही से पानी निकालने के लिए वो तत्पर … Read more

जहां सुमति तहां संपत्ति नाना…! – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  सोहन कल के उस क्लाइंट ने कितनी हरी हरी पत्तियां दीं हैं एक जरा झलक तो दिखा दे भाई… राजन ने सुबह दफ्तर आते ही उतावली से पूछा तो सोहन जम के हंस पड़ा। कल का क्लाइंट बहुत टेढ़ा था फर्जी काम करवाना चाह रहा था और  राजन राजी नहीं … Read more

खीर की कीमत – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : छोटू … कॉफी मिलेगी भाई…… जैसे ही मैं उस होटल में आकर बैठा और कॉफी मंगाने के लिए छोटू को बुलाया ही था कि .. वे सभी दस लड़के एक साथ आ धमके थे …रईसी तेवर थे सबके ….गले में सोने की चेन हाथों में सोने के कड़े और फैशनेबल … Read more

थपकी – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : चल मां अब  मेरे साथ रहना …. सबेरा होते ही ..सुधीर की जिद फिर से शुरू हो गई थी। अरे नहीं तू जा बेटा मैं तो यहीं ठीक हूं सब सुविधा है यहां पर। कौन सी सुविधा है यहां पर मां राघव की तो कोई कमाई भी नहीं है ऊपर … Read more

error: Content is Copyright protected !!