ईश्वर जो करता है, अच्छा ही करता है-करुणा मलिक । Moral stories in hindi

जब भी दिवाली आती मीनू के ज़ेहन में अनगिनत सवाल लाती। एक अजीब सी खामोशी और अशांति से मीनू घिर जाती । सभी कहते हैं कि भगवान जो भी करता है, अच्छा ही करता है पर मेरी माँ के जाने में क्या अच्छाई छिपी है ? यह बात मीनू की समझ से बाहर थी । … Read more

हर बीमारी का इलाज सिर्फ दवा नहीं होती – करुणा मलिक । Moral stories in hindi

जागृति! क्या हुआ बेटा … एकदम पीली-पीली हो गई….. कब आई ससुराल से ? मम्मी घर में हैं क्या ? नमस्ते आँटी  , हाँ जी …मम्मी घर में ही हैं । मैं तो कल शाम ही आई हूँ…. आप और बाक़ी सब कैसे हैं घर में । सब बढ़िया है । शादी के बाद तो … Read more

बड़प्पन -करुणा मलिक Moral stories in hindi

कहाँ हो भाभी  , आज जा रही हूँ , सोचा …… चलो मिल आऊँ बताओ  मंजू भाभी , मैं तो कमला भाभी के यहाँ बेटे की शादी में इतना ख़र्च करके  आई  , पर बदले में कुछ भी ना मिला .. हाय क्या कह रही हो जिज्जी, सुना तो था  सुबह रोटी बनाने वाली से … Read more

अटूट बंधन – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

अरी विमला ! दिन चढ़ आया आज उठना नहीं क्या ? पता नहीं , कैसी बहू पल्ले पड़ी है । लोगों के घर में खाना भी तैयार हो गया । एक हमारा घर है जो अभी तक बासी पड़ा है । दादी की आवाज़ पड़ोसियों को भी सुनाई दे गई ।  सुबह के पाँच बजे … Read more

विचारों का मेल – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

अम्मी ! मैं परेशान हो चुकी हूँ, रोशन की यह समाज सेवा की आदत….. उफ़्फ़…… कहाँ और किससे हमारा निकाह कर दिया ….  क्या मसला है… नीलू …. तुम दोनों अच्छे डॉक्टर हो … तुम्हारी फूफी का बेटा है रोशन ….. तुम दोनों एक-दूसरे को जानते हो ……फूफा-फूफी का जमा जमाया क्लीनिक……थोड़ी बहुत ख़ैरात दे … Read more

कभी-कभी समझने में गलती हो जाती है – करुणा मालिक : Moral stories in hindi

माँ , कहाँ हो आप। …. कब से फ़ोन कर रही हूँ, उठा क्यों नहीं रही थी…. पता है क्या-क्या दिमाग़ में चल रहा था….. मैं अभी दस मिनट में स्टेशन पहुँचती हूँ….. हाँ-हाँ…. उसी जूस की दुकान के पास वाले गेट के पास खड़ी रहना । सौम्या ने अपनी माँ से बात की और … Read more

अच्छे घर की लड़कियाँ – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

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स्वीटी ! कैसे मुँह फाड़-फाड़ कर हँसती हो ? अच्छे घर की लड़कियाँ धीरे मुसकराती हैं । स्वीटी ! कैसे हाथी की तरह धम्म-धम्म करके चलती हो ? अच्छी लड़कियाँ धीरे-धीरे चलती हैं । स्वीटी ! कैसे चप्प-चप्प करके खाती हो ? अच्छी लड़कियाँ मुँह बंद करके खाती हैं । स्वीटी ! कैसे लड़कों जैसे … Read more

ग़लतियाँ इंसानों से ही होती है – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

ऐसे कैसे मेरे बेटे को कोई फँसा सकता है….. मैं अभी एडवोकेट सिन्हा को फ़ोन करता हूँ । बहू … तुम परेशान मत होना । रिटायर्ड जज कर्मवीर सिंह जी बौखलाए से बोले । उन्होंने तुरंत अपने शागिर्द रहे आनंद सिन्हा को फ़ोन मिलाया पर फ़ोन नहीं उठाया गया । दो/ तीन बार रिंग करने … Read more

अंदाज अपना-अपना – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

आज पूरे छह महीने के बाद घर में एकदम से सन्नाटा सा पसरा था । नीरा को रह रहकर मिनी और अपने पोते ध्रुव की याद आ रही थी । आज सुबह बेटे मोहित , बहु मिनी और नन्हे से ध्रुव के जाने के बाद से ही मन बड़ा उदास था । जब छह महीने … Read more

शीतल छाया – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

पम्मी, कुछ दिनों के लिए इंडिया जाना चाहती हूँ । मेरी टिकट बुक करवा दे पुत्तर । मम्मा, अभी तो मुझे छुट्टी नहीं मिल सकती । फिर बच्चों के पेपर आ जाएँगे । अभी कैसे…… मैं अकेले चली जाऊँगी । कुछ दिन आराम से रहना चाहती हूँ । जल्दी-जल्दी में जाना – आना , मन … Read more

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