ममता का अधिकार – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आशा के 9 वर्षीय बेटी रुनझुन और 7 वर्षीय बेटा राहुल थे। उन दोनों की आज स्कूल की छुट्टी थी। आशा ने सोचा कि बच्चे सब्जियां खाने में बहुत नखरे दिखाते हैं इसीलिए आज काले छोले और पीले चावल बना लेती हूं। वह खाना बनाने रसोई में गई, थोड़ी देर … Read more

बीच वाला पन्ना – गीता वाधवानी : Short Stories in Hindi

आज फिर सुषमा जी कमरे में अपने पति के सामानों को फैला कर बैठी थी। पिछले 3 महीनों से, जबसे उसके पति सुमेश गुजरे थे उनका यही हाल था। हर बात में उनका जिक्र करना, पल-पल उन्हें याद करके रोते रहना, उनके सामानों को बार बार देखना, उन्हें स्पर्श करते हुए महसूस करना, यही उनकी … Read more

घमंड टूट गया – गीता वाधवानी

शालीमार बाग़ में आशा के घर के सामने वाला घर, सोनिया ने खरीदा था। यह एक दिल्ली का पॉश इलाका माना जाता है। सोनिया ने आशा के घर की घंटी बजाई। आशा ने जब दरवाजा खोला तो देखा कि सामने एक सुंदर किंतु साधारण, बालों में तेल लगा हुआ और एक चोटी बनाई हुई, महिला … Read more

एक गलत फैसला – गीता वाधवानी

आज मैं आपको एक कहानी सुनाती हूं। शायद यह कहानी सुनकर कोई और लड़की मेरी गलती से सबक ले सकें। जी क्या कहा आपने, मैं कौन हूं? आप मुझे नहीं जानते।  हां सही कहा आपने, कैसे जानेंगे मुझे। मैं कोई मशहूर हस्ती या सेलिब्रिटी तो हूं नहीं। मैं हूं एक आम लड़की, नाम टीशा।  एक … Read more

अधिकारों को आग लगा दी है – गीता वाधवानी

नई नवेली बहू सुरभि घर में आ चुकी थी। आशा जी का बेटा सौरभ उसे ब्याह कर लाया था। सुरभि और सौरभ एक ही ऑफिस में साथ काम करते थे।       आशा जी एक शांत, गहरे व्यक्तित्व की स्वामिनी थी। माथे पर बिंदी, बालों का जूड़ा, दोनों हाथों में सिर्फ एक एक सोने की चूड़ी, गले … Read more

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