अहमियत – वीणा सिंह: Moral stories in hindi

आज लंबे अंतराल के बाद राज से एक कांफ्रेंस के दौरान मिलना हुआ… सुखद आश्चर्य के साथ एक टीस सी दिल में उठी… उफ्फ……              

              नर्सरी से हमारा साथ था… स्कूल कॉलेज में हम साथ साथ पढ़े.

हम दोनो अपने विषय के टॉपर थे.. मुझे ज्यूडिशियरी में जाने की बहुत इच्छा थी, पर जबसे तुमने कहा मैं टीचिंग लाइन में जाना चाहता हूं मैने भी अपना इरादा बदल लिया..

राज ने बहुत समझाया पर…

राज के घरवाले भी मुझे बहुत पसंद करते थे.. राज की बहन रागिनी और छोटा भाई रघु जब भी मुझे और राज को एक साथ देख लेते भाभी कह के मुझे छेड़ते.. राज की मम्मी पापा भी मुझे मन हीं मन अपना चुके थे…

कॉलेज में हमारी जोड़ी को माधुरी दीक्षित और आमिर खान का नाम मिला था.. राज सुलझा हुआ बेहद गंभीर लड़का था..

पीजी के एग्जाम की तैयारी में हम दोनो जी जान से लगे थे.. उसके बाद यूजीसी नेट की परीक्षा भी देनी थी…

एग्जाम अच्छे हुए.. रिजल्ट की बेसब्री से प्रतीक्षा थी..

नियत समय पर रिजल्ट आया.. हम दोनो अपने विषय में यूनिवर्सिटी में टॉप किए थे…

तुमने अपनी पसंद के गुलाब के बुके और मेरी पसंद के रजनीगंधा के फूलों के साथ कॉफी शॉप में आए….

मैं खुशी से अभिभूत थी….

                    फिर हम अगले एग्जाम की तैयारी में जुट गए…

                    समय गुजरता गया… तुम यूजीसी नेट परीक्षा क्वालीफाई कर गए पर मैं रह गई… तुम बेहद उदास और दुखी थे.. मैंने कहा कोई बात नही अगली बार निकाल लूंगी…

                 और अगली बार जब मेरा भी एग्जाम निकल गया तब तुमने सेलिब्रेट किया…

                तुम इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए… जितनी खुश थी तुम्हारी नौकरी लगने पर उतना हीं दुख था तुमसे दूर होने का…

तुमने कितना समझाया  कुहू तुम मेरी प्रेरणा हो मेरी जिंदगी हो मुझे हिम्मत दो की मैं थोड़े समय के लिए तुम्हारे बिना रह सकूं… और मैं अपने आसूं अपनी व्यथा सब को दिल में दफन कर मुस्कुरा के तुमको विदा किया…

और मैं भी झांसी के एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई… तुम छुट्टी लेकर आए मेरी खुशी सेलीब्रेट करने…

 

                  जाते जाते वादा कर गए कि अगली बार शादी की बात फाइनल करने मेरे पापा मम्मी तेरे घर जायेंगे…

               मैं सपनो की दुनिया में थी.. सतरंगे ख्वाब मेरी आंखों में हिलोरे ले रहे थे.. शादी के बाद की जिंदगी की कल्पना अहा…

              अचानक मेरी खुशियों को मेरी हीं नजर लग गई.. मनहूस खबर आई राज का एक्सीडेंट हो गया है.. मैं तो जैसे पागल सी हो गई..

दो महीने तुम हॉस्पिटल में रहे, मैने एक पल भी तुम्हारा साथ नही छोड़ा… विजिटिंग आवर खतम होने पर भी बाहर बैठी रहती.. तुम्हारे पापा मम्मी स्नेह और आशीर्वाद का हाथ अक्सर मेरे सर पर रखते… बिना बोले उनकी आंखें कितना कुछ कह जाती…

                         तीन मार्च को तुम बिलकुल ठीक होकर डिचार्ज होने वाले थे, मेरे पांव जमीं पर नहीं थे…

        डॉक्टर तुमसे कुछ बात करना चाहते थे अकेले में.. मैं बाहर आ गई…

डिस्चार्ज होने के बाद तुम खुश नही लग रहे थे… बहुत कुरेदा पर तुम टाल गए…

   और फिर तुम और तुम्हारा पूरा परिवार शादी के लिए इनकार कर दिया…

तुमने कहा अगर तुमने मुझसे जरा भी प्यार किया है तो मेरे इंकार की वजह मत पूछना.. तुम शादी कर लेना.. बिना अपराध जाने इतनी बड़ी सजा! इससे अच्छा था मौत हीं दे देते.. पर मैं चुप थी क्योंकि राज ने कसम दिया था और मैने राज से बेइंतहा प्यार किया था… पल भर में सब कुछ तहस नहस हो गया..

एक सप्ताह की छुट्टी लेकर वाराणसी चली आई.. अस्सी घाट में पागलों सा भटकती.. कभी मणिकर्णिका  घाट पर घंटों बैठी जलती चिताओं को देखती.. 

                   और आज मेरी उम्र पैंतालिस साल की हो गई है पर देखने से चालीस से कम की हीं लगती हूं… कितने ऑफर आए शादी के.. पर मन मंदिर में तो किसी और को स्थापित कर लिया था…

           कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद तुम मुझे कॉफी शॉप क्यों ले के जा रहे हो.. यंत्रवत मैं खींची तुम्हारे पीछे पीछे गाड़ी तक आ गई हूं… बैठो कुहू…

               तुम्हारा पहला सवाल शादी क्यों नहीं की? मैंने कहा मैं शादी कर के किसी निर्दोष इंसान के साथ न्याय नहीं कर पाती इसलिए..

और राज तुमने शादी की…

थोड़ी देर चुप रहने के बाद राज ने कहा तुम्हे याद है कुहू डॉक्टर मुझसे अकेले में बात करना चाहता था… मैं उस दुर्घटना के बाद कभी पिता नही बन सकता था… इसलिए और राज के शब्द आसुओं में डूब गए..

मैंने कहा राज तुम्हे अपनी कुहू पर भरोसा नहीं था..बच्चे तो हम गोद  भी ले सकते थे… काश राज तुम एक औरत के दिल को समझ पाते… काश कि एक औरत के पहले  प्यार  की #अहमियत # को समझा होता. हमारे प्यार में बच्चों की कमी कभी आड़े नहीं आती…. क्योंकि प्यार अपने आप में संपूर्ण होता है.. 

       और फिर दोनो परिवारों और नजदीकी रिश्तेदारों परिचितों की मौजूदगी में हम सात जन्मों के बंधन में बंध गए… प्यार  की #अहमियत # राज को समझ में आ चुकी थी।  देर आए दुरुस्त आए…

#अहमियत #

❤️❤️✍️🙏🙏

          Veena singh..

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