वो मुलाक़ात मेरे लिए आख़री थी (भाग -4 )- अनु माथुर  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :

अब तक आपने पढ़ा –

आनंद के प्यार को अपनाने के बाद भी आरती उसे छोड़ कर चली जाती है..

अब आगे

मेरी आँखों से लगातार आँसू बहे जा रहे थे.. आनंद को यूँ छोड़ कर जाने मुझसे का  सहा नही जा रहा है ….  अम्मा ने मुझे ऐसे देखा तो तो बोली बिटिया – उनका इतना कहना था कि मैं उन से लिपट गयी और ज़ोर से रोने लगी……हम जानते  है बिटिया तुम्हें ये फैसला लेने में कितनी तकलीफ़ हुयी… आनंद बाबू के बारे में तुमने अच्छा सोच कर फैसला लिया है… तो देखना आगे भी सब अच्छा ही होगा | 

बाक़ी हमें तो ये लगता हैं कि आनंद बाबू को भगवान् ने तुम्हारे लिए ही बनाया है शायद वो तुम्हारे प्यार की  परीक्षा ले रहा है और देख रहा है कि तुम कितनी मजबूत हो | ये बात अम्मा अपने मन में ही कह रहीं थी |

उधर आनंद रोड पर दौड़ते हुए रुक गया वो खड़े हो कर जिस तरफ टैक्सी गई थी उस तरफ देख रहा था.. उसने अपने पॉकेट से फोन निकला और आरती का नंबर dial किया…. आरती का फोन switch off  था …..आनंद ने ज़ोर से पुकारा …आरती…..ऐसा क्यों किया आपने … ऐसा क्यों किया… कहते – कहते उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े थे |

उसने खुद को संभाला बहते आँसूंओ को पोंछा … कॉलेज जा कर  उसने pricipal के रूम में knock किया |

Come in… Principal मैम ने बोला

आनंद…. आये बैठे… कहे क्या बात है ?

आनंद का चेहरा सब बता रहा था उसने बोला….मैम घुमा फिरा के नही पूछूँगा मैं आपको तो पता होगा आरती मैम कहाँ गयी है  ?

वो अपना resignation दे कर गयी है आनंद…

मैंने आपसे ये पूछा वो कहाँ गयी है…? आनंद की आवाज़ में गुस्सा झलक रहा था |

आनंद …ये मैं आपको नहीं बता सकती

क्यों…. ?

क्यों का जवाब नही है मेरे पास… जो भी हुआ.. आरती के लिए थोड़ा मुश्किल है……आप समझने की कोशिश करें |

नहीं समझना मुझे कुछ भी

आप बस ये बताएं कि वो कहाँ गयी है?

इसका जवाब नही है मेरे पास

है नही ..या आप देना नही चाहती ?

आनंद…. किसी की भी personal information मैं किसी को नहीं दे  सकती  |

मतलब आपको पता है वो कहाँ गयी हैं ?

Principal मैम इस उसकी इस बात पर ख़ामोश हो गयी |

ठीक है तो मैं उनके ऑफिस में जा कर चेक कर लेता हूँ.. कुछ तो पता चलेगा |

आनंद.. आप ऐसा नहीं कर सकते pricipal मैम के ये बोलने तक आनंद उनके ऑफिस से निकल चुका था

Principal मैम भी आनंद के पीछे – पीछे उसको आवाज़ देते हुए जा रहीं थी |

आनंद आरती के रूम में जा कर उसकी टेबल पर रखी हुयी फाइल देखने लगा…

एक के बाद एक उसने चार पाँच फाइल इधर से उधर कर दी … टेबल की drawer check की… ऑफिस में रखी हुयी अलमारी की सारी किताबें वो गिरा रहा था

तब तक अतुल सर और peon भी उस रूम में आ गए थे |

Principal मैम एक तरफ हाथों को बांधे हुए खड़ी हुयी थी |

अतुल सर ने आनंद को जब ये सब करते देखा तो वो आनंद के पास गए और बोले

आनंद… आनंद आप ये क्या कर रहे हैं?

क्यों इस तरह behave कर रहे हैं?

आनंद ने कोई जवाब नही दिया वो बस फाइल देख – देख ज़मीन पर डाले जा रहा था |

तभी principal मैम ने कहा – अतुल सर रहने दें आप … कर लेने दें जो आनंद करना चाहते हैं |

कुछ देर बाद आनंद ने पूरे रूम की एक एक चीज़ देख ली लेकिन उसे आरती के बारे में कुछ भी लिखा हो ऐसा कुछ भी नही मिला |

उसने ज़ोर से अपने दोनों हाथ टेबल पर मारे और बोला क्यों.. क्यों… क्यों?

अतुल सर आनंद के पास गए और उसके कंधे पर हाथ रख कर बोले –

शांत हो जाओ आनंद

Pricipal मैम ने कहा… आनंद कुछ फैसले जिंदगी में ऐसे लेने पड़ते है जो हम कभी लेना नहीं चाहते.. लेकिन लेने पड़ते हैं |

आनंद ने कहा अतुल सर आपको तो पता होगा ना कि कहाँ गयी है आरती

Please आप मुझे बताएं

अतुल सर उसकी इस बात पर ख़ामोश हो गए |

तो आप भी नही बतायेंगे… मैं बाक़ी स्टाफ से पूछ लेता हूँ |

आनंद ये क्या करने जा रहें हैं आप… आप तो प्यार करते हैं ना आरती से… तो इस तरह आरती की image को दाग़ दार करना चाहते है… वो idol है सबके लिए तो रहने दें उसे वैसे ही उसका मान रखे please मेरी बात पर ध्यान दें आप | principal मैम ने कहा

आनंद कमरे से जाते – जाते रुक गया

तो आप बताए ना कि कहाँ गयी है वो  ?

तभी आनंद का फोन बजा

Screen पर भाभी नाम लिखा आ रहा था

आनंद ने फोन पिक किया और बोला – हैलो

उधर से आवाज़ आयी – हैलो आनंद…कैसे है आप  ? हम अपने बहुत नाराज़ है…..आप ने तो हमें बताया ही नही कुछ भी……कल माँ ने बताया हमको कि आपने हमारे लिए देवरानी खोज ली है |

कैसी है हमारी देवरानी… Photo भेजिए ज़रा… हम भी तो देखें |

भाभी….

अरे भाभी के देवर जी शर्माओ मत… मुझे तो बड़ी खुशी हो रही है…. मेरा बस चले तो मैं उड़ के आ जाऊँ अपनी देवरानी से मिलने 

वैसे ये गलत बात है… अपने माँ को बताया लेकिन हमें नही |

भाभी मैं करता हूँ फोन आपको

ओह … अरे मैं तो भूल ही गयी.. आप तो कॉलेज में होंगे ना … शाम को बात करती हूँ | वैसे आपने मेरा दिल खुश कर दिया मेरे प्यारे देवर जी |

ये सुमन थी आनंद की भाभी

आनंद ने फोन अपनी पॉकेट में रखा और principal मैम की तरफ देख कर बोला please मैम आप बताए ना कि कहाँ गयी हैं वो please ऐसा कह कर उसने अपने दोनों हाथ जोड़ लिए |

आनंद… आप बैठे पहले पानी लाओ ज़रा principal मैम ने peon को बोला

नही चाहिए मुझे पानी

आनंद….

ठीक है आप नही बताना चाहती और आप भी नही अतुल सर?

उन दोनों की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पर आनंद उठा और तेज़ कदमों से बाहर निकल गया |

Pricipal मैम ने peon से कहा ये रूम ठीक करो.. और ये बात किसी को पता नही चलानी चाहिए |  peon अपनी गर्दन हिला कर हाँ में जवाब दिया  |

अतुल सर आनंद के पीछे उसको आवाज़ देते हुए जाने लगे तो principal मैम ने उन्हें रोका…. जाने दें आप आनंद को मत रोकिए..

लेकिन मैम वो कुछ ना बैठे.. नहीं ऐसा कुछ नही करेगा वो आप जाने दें उसे और रहने दे कुछ डर अकेला | आप आनंद के class के लिए किसी टीचर को को लेने के लिए बोल दें…..

जी ठीक है कह कर अतुल सर चले गए |

आनंद कॉलेज से निकल कर सीधे आरती के घर पहुँचा…. आरती के घर की डोरबेल बजायी  …. अंदर से किसी ने दरवाज़ा खोला… उसने आनंद को देख कर पूछा

आप घर देखने आए है  अभी सफाई चल रही है… वैसे देख सकते है आप |

जो यहाँ रहती थी वो..

वो तो चली गयी…

कहाँ…

ये हमें नहीं पता वो कॉलेज में पढ़ती थी आप वहीं पता कर ले |

आनंद ने कुछ नही कहा.. और  सामने वाली खाली सड़क को देखने लगा….

उसे आरती के fracture वाले दिन से लेकर कल जो हुआ उसके पल याद आने लगे | उसकी आँखें भीग गयी |

उसने फिर एक बार आरती का नम्बर dial किया….फोन switch off था….ये अपने अच्छा नहीं किया उसने अपने मन में ही कहा |थके कदमों से आरती के घर से आनंद सीधा अपने घर गया… फोन को एक तरफ फेका और जा कर बेड पर लेट गया |

उधर आरती अब थोड़ा शांत थी… उसने अपना सिर seat के पीछे टिकाया…और आँखों को बंद कर लिया…अम्मा ने उसका हाथ अभी भी पकड़ा हुआ था |

आरती और आनंद दोनों के दिलों में एक दूसरे के लिए मुहब्बत थी .. अब देखना ये था कि समय  क्या करेगा  …क्या मोड लेगी यहाँ से इन दोनों की जिंदगी |

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा | अगले भाग के साथ फिर मिलूँगी |

तीसरे भाग का लिंक

वो मुलाक़ात मेरे लिए आख़री थी (भाग -3 )- अनु माथुर  : Moral stories in hindi

पाँचवे भाग का लिंक 

वो मुलाक़ात मेरे लिए आख़री थी (भाग -5 )- अनु माथुर  : Moral stories in hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

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