बंदनीया – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सुहाना एक व्यापारी की बेटी थी। पिताजी का अपना व्यापार था। तीन भाइयों के बीच अकेली बहन थी। पढ़ने लिखने में औसतन, फिर भी उसे कुछ कर दिखाने की चाहत थी।  एक दिन मां से बोली- मुझे अध्यापिका बनना है। मां ने सहमति में अपना सिर हिला दिया और कहा- बेटा,अपने कैरियर का बहुत सोच … Read more

नमक मिर्च लगाना : Moral Stories in Hindi

स्कूल की छुट्टी की घंटी बज चुकी थी। लेकिन आज सभी टीचर्स और स्टॉफ असेंबली हॉल में रुके हुए थे। आज प्रमोशन का रिजल्ट घोषित होने वाला था।  सभी आपस में एक दूसरे को अपने अपने अनुमान बता रहे थे। शीतल मैम, इस बार तो आपकी तरफ से दावत पक्की…इस बार तो आपको दो दो … Read more

भटकता प्रेम – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

राह चलते यूं ही उससे आंखें क्या मिलीं जैसे कयामत आ गई उसी क्षण। वह भी तो सीधे इधर ही देख रहा था । दोनों की आंखें टकरा गईं और यह दास्तान इतनी लंबी हुई कि आज भी विश्वास नहीं होता कि यह नयनों की कारगुजारी थी वह भी राह चलते-चलते। उससे आंखें मिलते ही … Read more

पुनर्मिलन – वीणा कुमारी : Moral Stories in Hindi

सुन शुभा– जितनी जल्दी हो सके तुम मोना की शादी कर दे. अभी तुम्हारी उम्र ही कितनी हुई है, मोना की शादी करने के बाद तुम अपनी भी शादी की सोचना –शुभा की मां ने धीमे से फुसफुसाते हुए कहा.मोहन के नहीं रहने से तुम भी कितने दिन अकेली रहेगी? पर मां, मोना तो अभी … Read more

नन्ही भावना – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

दस रुपए में कितना सच जानना चाहते हैं साहब….? क्या बोली बेटा….?  तू तो बहुत ज्यादा जबान चलाती है..! बच्ची है , पर बच्ची की तरह तो बिल्कुल व्यवहार नहीं है तेरा….देख बेटा , क्या है ना…. तेरा ये  स्पष्टवादिता होना कई बार तेरे लिए मुसीबत भी बन सकती है…. और कई बार बहुत सहायक … Read more

स्वार्थी संसार – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

     सीमा बहुत परेशान थी कि राजन अभी तक घर नहीं पहुंचा । कहाँ रह गए वह सोच रही थी फोन भी नहीं लग रहा था ।  मायूस होकर जैसे ही बैठी थी कि दरवाजे की घंटी बजी । दौड़कर सीमा ने दरवाजा खोला सामने राजन चिंतित खड़ा था । क्या हुआ राजन तुम इतने परेशान … Read more

स्वार्थी संसार – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

मनुष्य की लोलुप इच्छाऍं दिन-प्रतिदन सुरसा की भाॅंति मुॅंह बाए फैलती ही जा रहीं हैं।उन असीमित इच्छाओं की पूर्ति के लिए स्वार्थ उसपर इस कदर हावी होता जा रहा है कि इंसानियत ही दम तोड़ती नजर आने लगी है।इन इच्छाओं की पूर्ति के लिए वह अनेक अनैतिक हथकंडों को अपनाता रहता है। जल्द -से-जल्द अमीर … Read more

दिखावे की जिंदगी – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

प्रिया बहुत ही ज्यादा समझदार लड़की थी । अपने पूरे परिवार में सबसे अधिक पढ़ी लिखी होने के कारण सब लोग उसका बहुत मान सम्मान करते थे। आज प्रिया बहुत ही खुश थी, क्योकि उसकी नौकरी एक मल्टीनेशनल कंपनी में लग गयी थी। प्रिया के मम्मी पापा का सपना पूरा हो गया हो गया, वो … Read more

स्वार्थी संसार… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

खटाल के भीतर और बाहर कई लोग जमा थे… किशोरी लाल बारी बारी से गाय भैंसों का दूध निकाल रहा था… और सब में बांटता जा रहा था… उसके पास ही खड़ा उसका बेटा बबलू… हर आने जाने वाले को ललचायी आंखों से देखता रहता…  किशोरी लाल जब तक डब्बा भरता वह लड़का नजर गड़ाए … Read more

नमक मिर्च लगाना – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

जबसे सुमन ब्याह कर आई थी, परिवार के किसी भी सदस्य से उसका जुड़ाव नहीं हो पा रहा था… और इसका सबसे अहम कारण था सुमन का स्पष्ट व्यवहार… उसे घुमावदार बातें करनी आती हीं नहीं थी… बातों में नमक मिर्च लगाकर उसे चापलूसी की चाशनी में लपेट कर कहने का हूनर उसने सीखा हीं … Read more

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