औलाद के मोह के कारण वह सब सह गई! – विजय लक्ष्मी अवस्थी : Moral Stories in Hindi

रजनी बैठी सोच रही थी, की क्या से क्या हो गया! जब शादी हुई तो खुशी से दिल उछलने लगा, और जब ससुराल में कदम रखा! मैं सबको खुश रखूंगी, और तन मन धन से पति के साथ मिलकर सारी जिम्मेदारी पूरी करूंगी! समय बिता दो बच्चों को जन्म देकर उनका पालन पोषण करने लगी … Read more

नमक मिर्च लगाना – रितिका सोनाली : Moral Stories in Hindi

“तू अपनी है? कह कर माँ ने जोर से आरती को झटका, अपने मायके के बसे बसाये घर को उजाड़ना चाहती है और अपनेआप को अपना कहती है? छी: शर्म आती है तुझे अपना कहते हुए, तूने ऐसी नमक मिर्च लगाकर कहानी बनायीं की अब तो मुझे शक है की तू मेरी बेटी है. “तू … Read more

बड़ा घर – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

     लगभग 21 दिनों पश्चात गीता ने पुनः घर में प्रवेश किया। गीता उनकी घरेलू गृह सहायिका है। वह चेहरे से अवश्य कमजोर दिख रही थी,किंतु काम करने का उसका उत्साह पहले जैसा ही बरकरार था। दरअसल, पिछले माह वह भी ‘कोरोना’ की चपेट में आ गई थी। पहले दिन उसे हल्का बुखार तथा दूसरे दिन … Read more

आम की कहानी उसी की ज़ुबानी!! – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

सालों पुराने आम के पेड़ का नया पड़ोसी आया, एक नया खिला लाल गुलाब सुकुमार पर उदास।आकर थोड़ी देर इधर उधर नजर घुमा कर बोला आम बाबा! मेरे सारे दोस्त नर्सरी में छूट गए, बिल्कुल मन नहीं लग रहा, कोई कहानी सुनाओ न! आम बाबा मुस्कुरा कर बोले, “बेटा!ये संसार स्वार्थी है। जहां रहो अपना … Read more

सुनो तो… – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

रीति… रितिका कहां हो तुम… सुनो तो…आवाज सुनते ही रितिका थाली लगाती रुक सी गई। आ गई  बिल्लो काकी घंटे भर की फुर्सत हुई सोचते उसने भी आवाज लगाई क्या हुआ काकी आ जाओ ।आ जाओ आपकी भी थाली लगा दूं क्या अरे थाली वाली छोड़ो। कल सुनीता के शादी समारोह से जल्दी  चली आईं … Read more

घर की किस्मत – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

हर एक घर की अपनी किस्मत होती है। उसी के अनुसार घर वालों की किस्मत भी पलटती रहती है। घर बेजान तो नहीं ही होते, वह भी बोलते हैं महसूस करते हैं, बस अनाड़ी इंसान समझ नहीं पाते। उनकी ऊर्जा से ही घर महकते और चहकते हैं और उन्हीं की नकारात्मकता से ही घर बर्बाद … Read more

मायके की गलियों में – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

आरती ने जैसे हीं ये खबर सुनी वो तो वहीं अचेत हो गई। पास खड़ी सास जल्दी से आरती को पकड़ कर होश में लाने का प्रयत्न करने लगी। दुःख से तो उसका भी कलेजा फटा जा रहा था, बेटे को खोने का दुःख इतना गहरा था कि उसको तो जैसे काठ मार गया। नन्हे-नन्हे … Read more

लम्हे – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

आज जब सोचतीं हूं तो लगता है कि क्या ही पागलपन करती थी मैं? पर उस वक्त तो मैं जुनूनी थी । एक बात है घर का लाड़ला बच्चा ही ज़िद्दी होता है यह हकीकत है। क्योंकि उसकी जिद गाहे-बगाहे पूरी जो होती रहती हैं। हालांकि आजकल तो बच्चा एक ही होता है तो लाड़ला … Read more

रिश्ता वही निभता है जो बराबरी का होता है – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

मीना के पति की नौकरी दूसरे शहर में लग गई थी।वैसे वो बहुत खुश थी क्योंकि पति को बड़ी कम्पनी में नौकरी मिलने के साथ साथ बड़ा पद भी मिला था बस दुख यही था कि वो अपनों से दूर जा रही थी। मीना लंबे समय से पति व बच्चों संग अपने मायके के शहर … Read more

दिखावे की जिंदगी – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

रघुराज जी एक माने हुए वकील हैं । उनकी वकालत बहुत अच्छी चलती है । उनके पास केसो की लाइन लगी रहती है । लोगों का मानना है जो केस वह लेते हैं निश्चय ही जीते हैं । वह बहुत ही बारीकी से केस की रीडिंग करके उसका दोनों पक्षों का वादी और प्रतिवादी हल … Read more

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