समझौता अब नहीं – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

            मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली लड़की जिसने ख्वावों में भी नही सोचा था कि मैं कभी दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों को देखूंगी और वहां अपने जीवन के कुछ साल गुजारूंगी   उसकी किस्मत देखिए कि पतिदेव का ट्रांसफर धौलपुर जैसे छोटे नगर से सीधे मुंबई जैसे महानगर हो गया । और जिस दिन … Read more

नई  दिशा – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

रीना के बेटे ने आज ऐसे खुशखबरी दी थी कि रीना के पैर  धरती पर नहीं पड़ रहे थे । मारे खुशी के आज तो नींद भी नहीं आ रही थी ।  रीना के गले में उसका बेटा रोहित बाहें डालकर कहा था मुझे आपको कुछ बताना है माँ और यह कहते हुए उसका गोरा … Read more

कच्चा चिट्ठा खोलना – निमिषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

अरे रे रे रे ये क्या कर रही है मेरी राजकुमारी सरोज ने अपने बेटे को देखकर बहू रेनू के सिर पर बड़े प्यार से हाथ रखकर कहा तुझे इतना काम करने की जरूरत नहीं है अभी तो तेरे हाथों की मेंहदी भी नहीं छूटी अभी तो मेरी बहुरानी के आराम करने के दिन है।रेनू … Read more

समझौता अब और नहीं – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मालिनी चाय का कप लेकर अपने घर की बालकनी में आ बैठी,चाय सिप करते करते देखा कि हर कोई बस भागा चला जा रहा है,जैसे कोई ट्रेन पकड़नी हो,फिर खुद ही मुस्करा दी। पिछले पन्द्रह दिनों से वह भी तो भाग हीरही थी।पिछले कुछ दिनों से लाइफ में इतनी भगदड़ की मची रही कि सुकून … Read more

अब समझौता नहीं हो सकता। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

 राधा जी के मोबाइल में उनकी नातिन शुभ्रा की सगाई का कार्ड व्हाट्सएप के द्वारा आया था।  शुभ्रा की सगाई का कार्ड देख कर वह समझ रही थी कि उनकी बेटी जया चाहती है कि मायके से उसके संबंध सुधर जाए परंतु वह जानती थी कि अब कोई समझौता नहीं हो  सकता।      राधा जी अपनी … Read more

पुनर्जन्म – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

“काव्या ,ओ काव्या !अरे कहां हो तुम?देखो अभी एक और ऑर्डर आया है लंच का।छत से उतरोगी कब तुम?अभी बता दो क्या -क्या करना है मुझे?बाजार जाना है क्या?रविशंकर जी पत्नी काव्या के छत से नीचे आने की प्रतीक्षा लगभग घंटे भर से कर रहे थे। बालों का जूड़ा बनाते हुए,माथे का पसीने पोंछते हुए … Read more

क्यों हो जाते हैं लोग इतने स्वार्थी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अपने आप बिस्तर से न उठ पाने की स्थिति में नर्मदा जी की बार बेटे को और पति को आवाज दे चुकी थी बाथरूम जाने के लिए लेकिन कोई सुन ही न रहा था । अपनी बेबसी पर खीज जाती नर्मदा जी और कह उठती है भगवान उठा क्यों नहीं लेता मुझे , बुला क्यों … Read more

मुस्कान – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

      “दीप्ति! क्या तू मेरे घर आ सकती है? मुझे तुझसे कुछ कानूनी परामर्श लेना है।” पूजा थोड़ा गुस्से में थी।             “क्या हुआ? दीप्ति ने सशंकित भाव से पूछा।             “तू पहले घर आ,तब बताऊँगी।” कहकर पूजा ने फोन रख दिया।              शाम के समय दीप्ति कचहरी से सीधे पूजा के घर  पहुँची। पूजा की सास ने दोनों … Read more

तुक्का – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

भैया ए भैया रुको ना मुझे भी बाइक पर बिठा लो पिंकी ने सागर को देखते ही कहा जो अपनी नई नई बाइक निकालकर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा था। जा जा बड़ी आई बाइक में बैठने वाली मुंह देखा है अपना।मेरी बाइक का मुंह देख कैसा चमचमा रहा है चल चल हाथ मत … Read more

“समझौता अब नहीं” – समिधा नवीन वर्मा : Moral Stories in Hindi

बाजार में अचानक अपने बचपन की सहेली को देख मुझसे रहा नही गया । मैने उसे आवाज़ लगाई। उसने मुड़कर देखा भी ,पर न जाने क्यूं मुझे अनसुना कर वो तेजी से आगे बढ़ गई । मुझे लगा वो मुझे नज़रअन्दाज़ कर रही है । बारहवीं तक मै और विशाखा साथ साथ पढ़े थे ।स्वभाव … Read more

error: Content is Copyright protected !!