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मुझे भी जीना है! – रीमा महेंद्र ठाकुर 
कार दरवाजे पर आकर खडी हो गयी थी, कला का मन बार बार उधर ही जा रहा था! नयी बहू आयी थी “ पर वो खुद को रोके हुए थी! वजह उसका विधवा होना, अंश उसका इकलौता बेटा था! नीचे बहू परछन की तैयारी हो रही थी! बड़ी ननद ने सारा जिम्मा लिया था और … Read more
चाय की अंतिम प्याली – अनिता वर्मा
ऐसा नही है कि पहली बार पत्नी “स्वाति”के बिना अकेले सो रहा था कई बार ऑफिस के काम से बाहर जाता था पर आज पहली बार ,अपने शयनकक्ष मे अकेले सो रहा था रात के 2 बज गए थे पर गौरव की आँखों मे नींद का पता ही नही था । सोचता रहा ना जाने … Read more
सहारा – अनुपमा
आभा का फोन बार बार बजता ही जा रहा था , मीटिंग मे थी और फोन साइलेंट पर , उसे कुछ पता ही नही चला । मीटिंग के बाद जैसे ही आभा ने अपना फोन चेक किया वो परेशान हो गई , इतने सारे मां के मिस कॉल आखिर क्या हो गया? मां को वापिस … Read more
अजन्मे बेटी का दर्द – रीता मिश्रा तिवारी
मेरा सिर थोड़ा भारी सा लग रहा है। थोड़ा आराम कर लेती हूं कह सुषमा बिस्तर पर लेट गई , लेटते ही उसे नींद आ गई। मां, पापा! मैं जन्म ले कर इस दुनियां में आना चाहती हूं। देखना चाहती हूं प्राकृतिक सुंदरता को। महसूस करना चाहती हूं तुम्हारे स्पर्श को। तुम्हारी गोद में सुकून … Read more
बच्चो को ना…ना बाबा ना – पूजा मनोज अग्रवाल
संयुक्त परिवार की बड़ी बहू हूं मैं , सास – ससुर , मैं , मेरे पति ,मेरे देवर – देवरानी और हमारे परिवार के भोले – भाले 3 बेटे और सीधी -साधी 1 बेटी …. हमारे परिवार में बहुत प्यार है, तो ये चारो बच्चे हमारे साझे के हैं । न तेरे ना मेरे ……हमारे … Read more
ननद नहीं बहन है मेरी – अनुज सारस्वत
#ननदरानी “अरे छुटकी देख बुआ हूं मैं तेरी बोल बुआ” अनामिका ने अपने छोटे भाई की नवजात बिटिया को हाथ में लेते हुए प्यार से दुलारते हुए कहा, आज अनामिका बहुत खुश थी उसके चहेते भाई के बिटिया जो हुई थी, खुशी के मारे पागल हुए जा रही थी सबको बोल रही थी, वहीं पड़ोस … Read more
बात नहीं करूँगी – सरला मेहता
ऋतु हमेशा की तरह छुट्टियों में अपने दोनों बच्चों के साथ मायके आई हुई है। भाभी नीना, ननद जी की तीमारदारी में दिन भर जुटी रहती है। अपनी तरफ़ से कोई कसर नहीं छोड़ती है। वो हर बात माँजी के मनमाफ़िक करती है। उसे तो पहले से ही हिदायतें मिल जाती है, ” बहू ! … Read more
माँ मरना मत – अनिता वर्मा
अरे नीलम तुम यहाँ, कैसे कहते हुए मिसेज सहाय नीलम के कंधे पर हाथ रखते हुए बोली l नीलम मूडकर देखते हुए हाँ एक शादी में आई थी….पर तुम बताओ यहां सबका क्या हाल – चाल है?…… अरे यही पर सब कुछ जानना चाहती हो, अभी कुछ दिन तो रुकोगी ना तो आना अपने पुराने … Read more
फ़रिश्ता तुम – दीपा साहू “प्रकृति”
कुछ लोग जीवन में अजनबी बनकर आते हैं पर बहुत महत्वपूर्ण बनकर हमारे हृदय में अपना घर बना लेते हैं।ऐसे लोग जीवन में बहुत कम ही मिलते हैं।जिन्हें हम इतनी तवज़्ज़ोह दे पाए।और मिल जाए तो उन्हें कभी खोना नहीं चाहते। ………..रात के अंधेरे में चिराग रौशन करने वाले उस फ़रिश्ते को निहारिका कभी खोना … Read more