दूध – गुरविन्दर टूटेजा

अनय व दिव्या की शादी को तीन साल हो गये थे…दोनो नौकरी करते थे व सैलरी भी अच्छी थी….अभी दो महीने पहले ही उन्हे एक बेटा हुआ है…!!!!! शहर में दो दलों में झगड़े के बाद कर्फ्यू लगा दिया था और आज पाँचवा दिन था….बहुत परेशानी आ रही थी….सबसे ज्यादा छोटे बच्चे को…क्योंकि घर पर … Read more

दस्तूर – अरुण कुमार अविनाश

” रमेश बाबू और कितना समय लगेगा ?” – गोविंद जी असहाय भाव से बोले। ” बड़े बाबू आप खुद सिस्टम का हिस्सा रहें है – आपसे क्या छुपा है ! – सरकारी दफ्तर में आवेदन देना – खस्सी को वध स्थल पर पहुचानें जैसा काम है – खस्सी जाना नहीं चाहता और कसाई खींच-खींच … Read more

हमारे पापा – मीनाक्षी सौरभ

मोहल्ले की सारी लड़कियों के हाथ पीले होकर गोद में बच्चा लाने की तैयारी होने लगी थी और हमारे पापा को हम अभी भी बच्ची लग रहे थे। ना,ना… ठहरिए, दिमाग के घोड़े ना दौड़ाइए। ऐसा नहीं है कि हम उम्र में बड़े हो गए थे, बल्कि बाकियों की शादियाँ जल्दी हो गई थी। वो … Read more

मातृभाषा – तरन्नुम तन्हा

लंदन वाली ननद, मोना, के आने के एक हफ्ते पहले ही घर में तैयारियाँ शुरु हो गईं थी। वह हमारी शादी में तो आई नहीं थी, क्योंकि हमने सीधी-सादी कोर्ट-मैरिज की थी। हालाँकि शैलेश, मेरे पति, ने घर के लॉन में रिसेप्शन की छोटी सी पार्टी दी थी, जिसमें सभी आए थे। शैलेश ने ही … Read more

सबूत – प्रीती सक्सेना

मम्मी पापा का फ़ोन,,, रिंकी चिल्लाई, आ रही हूं, क्या बात  है,, फ़ोन कैसे किया, अरे वर्मा ने नई गाड़ी ली है, बोल रहा है, शीतला माता वाटर फाल चलें सब, एक ही गाड़ी से, पिकनिक जैसा हो जाएगा, क्या कहती हो, बिल्कुल चलेंगे, मैं गीता से बात कर लेती हूं, कुछ हल्का फुल्का बनाकर … Read more

काश –डा. मधु आंधीवाल

नाव्या तुम बहुत भाग्यशाली हो तुमको इतनी अच्छी ससुराल और पति मिलें हैं। नाव्या की सारी सहेलियां आज करीब 20 साल बाद आपस में बात करके एक जगह  दो दिन के लिये एकत्रित हुई थी । नाव्या बहुत समझ दार थी क्योंकि वह एक गरीब परिवार से थी । उसको बस ईश्वर ने सुन्दरता देने … Read more

एक कोना अपना सा – उमा वर्मा

रिनी का ब्याह बहुत बड़े घर में हुआ था ।माँ, बाबूजी  बहुत खुश हुए ।अब तो रिनी राज करेगी ।परिवारभी  छोटा सा था ।सास ससुर और दो ननद, पति दो भाई ।दोनों ननद और जेठ जी की शादी हो चुकी थी ।सब कुछ ठीक चलने लगा ।छोटी ननद जरा तेज स्वभाव की थी ।किसी से  … Read more

वो जब याद आये तो बहुत याद आये – नूतन गर्ग

किरन के पापा जो उसके सबसे करीब रहे। उनके साथ बिताए आखिरी लम्हे, जो वह कभी भुला नही पाएगी। आज़ भी जब वो मंजर उसकी आंखों के सामने से गुजरता है, तब उसकी आंखों से पानी की बूंदें गालों पर ऐसे पड़ जाती हैं जैसे मोती की बूंदें। वे तो अब इस दुनिया में नहीं … Read more

*संघर्ष अभी शेष है* -सरला मेहता 

” माँ माँ ! अब पापा तो वापस नहीं आएँगे, आप कितने भी आँसू बहाओ। चलिए कुछ खाकर दवाई  ले लीजिए। ” गर्विता, माँ वसुधा को दिलासा देते हुए कहती है।  अभी अभी दोनों लौटी हैं गणतंत्र दिवस  समारोह से। आज गर्विता क पिता शहीद मेजर पुनीत मेहरा जी को मरणोपरांत परमवीर चक्र सम्मान से … Read more

बस्ता – गुरविन्दर टूटेजा

रवि अपने बस्तें में किताबे डाल रहा था पर किताबे कही ना कही से वापस बाहर आ रही थी….ये देख क्लास मे सभी उसकी हँसी उड़ाने लगे तो उसने जैसे-तैसे बस्ता संभाला और घर की तरफ निकल गया…!!!! पर घर जाकर उसने चुपचाप बस्ता ले जाकर एक कोने में रखने लगा तो कला ने देख … Read more

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