दूध – गुरविन्दर टूटेजा

अनय व दिव्या की शादी को तीन साल हो गये थे…दोनो नौकरी करते थे व सैलरी भी अच्छी थी….अभी दो महीने पहले ही उन्हे एक बेटा हुआ है…!!!!!

शहर में दो दलों में झगड़े के बाद कर्फ्यू लगा दिया था और आज पाँचवा दिन था….बहुत परेशानी आ रही थी….सबसे ज्यादा छोटे बच्चे को…क्योंकि घर पर जो मिल्क पॉऊडर था वो भी खत्म हो गया था बच्चा भूख से बिलख रहा था तो अनय ने कहा…दिव्या मैं नीचे देखता हूँ कोई इंतजाम होता हो तो…!!!!

अनय नीचे आया तो चौकीदार से पूछा कि क्या हालात है…???

उसने कहा…सर बहुत सख्ती है बाहर…कोई नही जा सकता…!!!

अनय ने कहा तुम मुझे कही से भी करके दूध लाकर दे सकते हो क्या…!!!!

चौकीदार बोला क्या बात कर रहे हो साहब…कौन अपनी जान जोखिम में डालेगा…मेरा भी छोटा सा बच्चा है…!!!!

अनय वापस लौट गया..!!!

चौकीदार अंदर गया तो उसकी पत्नी ने कहा…क्या हुआ..??

अरे वो अनय साहब थे…बच्चा भूखा है…पर क्या कर सकते है…!!!

पत्नी बोली…क्या बोले वो दिव्या मैडम उनका फिगर खराब ना हो जाये तो बच्चे को अपना दूध नही पिलाती है…नही तो आज ये नौबत नही आती…बेचारा बच्चा भूखा तो नही होता…!!!!


चौकीदार ने अपनी पत्नी को बोला…तू अपना दूध पिला दे तो..!!!

पागल है क्या…वो सर-मेैडम मानेगे क्या….!!!!

पर तू मेैडम से बात तो कर…मुझे तो बच्चे की चिन्ता हो रही है…!!!

ठीक है…मैं पूछ के देखती है…!!!

उसने फ्लैट की घंटी बजाई…अंदर से बच्चे के रोने की आवाज बाहर तक आ रही थी…अनय ने दरवाजा खोला…वो बोली…मेैडम..!!!

हाँ…दिव्या…दुलारी आई है…!!!

बच्चे को उठाये हुये दिव्या बाहर आई…बच्चा भूख से बिलख रहा था…दुलारी बोली मेैडम….बच्चा भूखा है…क्या मैं दूध पिला दूँ…??

दिव्या अवाक सी उसका मुँह देख रही थी…फिर उसने अनय को देखा तो उसने भी सहमति दे हाँ में सिर हिला दिया….!!

दिव्या दुलारी को कमरे में ले गयी….भूख से बिलख रहा बच्चा अब सूकुन की नींद सो रहा था….खामोशी से नजरे झुकाकर अनय व दिव्या ने दुलारी का शुक्रिया अदा किया…दुलारी के चेहरे पर संतोष भरी मुस्कान थी…!!

गुरविन्दर टूटेजा

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