पछतावे के आंसू – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अभी नींद लगी भी नहीं होंगी की मोबाइल की रिंग टोन ने जगा दिया। रंजना ने उठ कर पहले लाइट जलाई देखा रात के 12:00 बजे थे। इस समय किसका कॉल है ? पर पैशा ही ऐसा है। कॉल रिसीव किया। हेल्लो मैडम एक महिला का एक्सिडेंट हो गया है। बहुत खून बह रहा है? … Read more

समझदारी से स्नेह की बुनाई – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

इस छोकरी को कितना समझाया कि इन किताबों को छोड़। थोड़ा घर का काम धंधा सीख। पर कोई अच्छी बात पल्ले पड़े तब ना।‌ और जुबान तो कैंची की तरह चले है इसकी। न छोटे का पता है, न बड़े का।‌ मेरे को पहले ही पता था कि सासरे में ये पक्का नाक कटवाएगी।‌ पता … Read more

“ हां… मुझे कोई शिकायत नहीं है” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देखो उमेश..मुझसे नहीं होगा, मैंने बहुत बर्दाश्त किया है आज तक किंतु अब भी तुम चाहते हो मैं तुम्हारी मां की सेवा करने के लिए उनके पास चली जाऊं या उन्हें यहां बुला लूं तो यह मुझसे नहीं होगा, तुम उनके बेटे हो इसलिए तुम मेरे साथ हुए सारे अत्याचार भूल सकते हो किंतु मैं … Read more

अतीत को भूल वर्तमान अपनाये – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” दिशा क्या बात है उदास क्यो है इतनी ?”  रेणुका ने ऑफिस मे अपनी दोस्त और सहकर्मी से पूछा। ” बस यार ऐसे ही !” दिशा ने टालना चाहा। ” नही दिशा कोई बात तो है अभी तेरी शादी छह महीने हुए है बस पर ना चेहरे पर नई शादी की उमंग ना कोई … Read more

धरना – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

गिरिराज, सरपंच का बेटा, बचपन से ही पढ़ाई लिखाई से दूर भागता था, जैसे तैसे कक्षा 7 तक पहुंच कर पढ़ाई छोड़ दी। उसे प्यार था तो बस लड़ाई झगड़े ओर मार पीट से। समय के साथ साथ उसकी दादागिरि बढ़ती गई। एक बार चुनाव के दौरान अपने नेेताजी गांव में आये तो सरपंच ने … Read more

पछतावे के आसू – खुशी : Moral Stories in Hindi

रती और निधि दोनों देवरानी जेठानी थी।रती एक बातूनी और मिलनसार औरत थीं जो किसी का भी काम करती थी और सबकी चहेती थी। सास ससुर सबके लबों पर सिर्फ रती रती ही रहता। निधि कम बोलती अपने काम से मतलब रखती।उसे बड़ा बुरा लगता सब रती रती करते तो उसके पति अनिल भी कहते … Read more

खूबसूरत पछतावा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 देखो भाग्यवान …..अब तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं रहती , निर्जला व्रत रखने की आवश्यकता नहीं है , कुछ फलाहारी वगैरह ले लेना  । मैं तो कहता हूं अब व्रत रखना ही बंद  कर दो  । मुंगेरीलाल ने पत्नी विधि से कहा।        अच्छा , तो अब तुम मुझसे वो अधिकार भी छिनना चाहते हो , जो … Read more

साथ निभाऊंगा प्रिया – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तुम अब ज्यादा दुखी मत  हुआ करो प्रिया, मां को तो कुछ ना कुछ कहने की आदत है ही, तुम्हारी अब वह हालत नहीं की ज्यादा सोचो। प्रवीण ने प्रिया को संभालते हुए कहा तो प्रिया जो अभी तक अपनी मोटी मोटी आंखों में बड़े बड़े आंसुओं को रोक रही थी ,प्रवीण की इन बातों … Read more

मेरी भाभी – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

ग्रेजुएशन के लिए जब मैं 12वीं के बाद कॉलेज में आई तो पहले ही दिन सुगंधा ने मुस्कुराते हुए मुझे मेरे सामने अपने हाथ फैला कर कहा “मैं सुगंधा और तुम?” “ नेहा !”मैं ने अपना परिचय देते हुए कहा। उसकी मुस्कुराहट बड़ी ही प्यारी लगी थी।मैं थोड़ा घबराई हुई थी क्योंकि स्कूल से निकलकर … Read more

मेरी भाभी हैं – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  मालती एक शांत स्वभाव और सादगी पसंद लड़की थी।बचपन से वो देखती आई थी कि चाचाजी और बुआजी जब भी माँ को भाभी कहकर पुकारते तो उनके चेहरे पर एक चमक आ जाती थी।उनका कोई भी काम हो, माँ मन लगाकर करतीं थीं।कई बार तो उसके पापा अपने भाई-बहन को डाँट भी लगा देते थें, … Read more

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