तस्वीर – गरिमा  जैन 

मामा जी की पुरानी हवेली जहां उनकी शादी की सालगिरह पर मैं गया था। मैं आज भी नहीं भूल सकता हूं उनके बैठक में लगी वह तस्वीर। उस तस्वीर को देखते ही उससे खिंचाव सा महसूस होने लगा। मैं उसे देखता तो ऐसा लगता मानो आज ही बनी हो। रानी रूपमती की तस्वीर थी ।वह … Read more

प्रणय अपहरण – रवीन्द्र कान्त त्यागी

आजकल न जाने क्यूँ बचपन की यादों के गुब्बारे रह रहकर दिमाग में फट रहे हैं। कहते तो ये हैं कि  इंसान के आखिरी समय में ऐसा होता है मगर, तुरंत तो ऐसा एहसास नहीं हो रहा है। बात पचास साल से भी अधिक पुरानी है। बचपन में हम जोधपुर में रहते थे। हमारा मकान … Read more

रोटी ~~ मधु मिश्रा

“हर्ष , रिचा… ऑर्डर करो न बेटा क्या क्या खाना है? मैं पापा को बुलाती हूँ, पता नहीं कहाँ रह गये वो! “कहते हुए नंदिता अपने पति को फ़ोन करने लगी… -“मैं मिस्सी रोटी और हर्ष तेरे लिए नान… और मम्मा  को… तो कुलचा पसंद है और पापा के लिए प्लेन रोटी  …..ठीक है न … Read more

जूही- गीता  वाधवानी

बोलो जूही, जो मैंने समझाया, वो तुम समझ रही हो ना, गुड टच और बैड टच क्या होता है? ममता अपनी 7 साल की बेटी  जूही को समझा रही थी। देखो बेटा, कोई भी आपको चॉकलेट, आइसक्रीम या किसी और चीज का लालच दे, आप उसकी बातों में मत आना और जूही भी समझने की … Read more

कागज के फूल नहीं, महकते हुए फूल – सुधा जैन

मिस्टर कपूर अपनी पत्नी और बेटे प्रियांश के साथ महाराष्ट्र के एक शहर में रहते है ।मिस्टर कपूर की इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है और शहर में ही छोटा सा  घर है ।शादी होने के बाद उनकी जीवन संगिनी संगीता ने भी उनका हर कदम पर साथ दिया। घर की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कुकिंग, … Read more

लिव इन – पिंकी नारंग

आज फिर माँ का फ़ोन आया, वही पुराना राग, शादी कब करनी है? यूएस मे कोई अच्छा भारतीय लड़का नहीं मिल रहा तो थोड़े दिन की छुट्टी ले कर इंडिया आ जाओ |माँ बोलती जा रही थी और वो सिर्फ सुन रही थी | सब कुछ बोलने के बाद माँ ठंडी सांस भरते हुए बोली … Read more

जीने की राह – सुषमा यादव

,,, मैं अपनी बेटी के पास इस समय दिल्ली में हूं ,,, मैं खाना बनाना अपने हाथ से ही पसंद करती हूं,,पर इस समय मैं कोई काम नहीं कर सकती,, इसलिए खाना बनाने वाली को रखा गया है,,, मैंने देखा कि,, वो अक्सर ही काले, सफ़ेद,सूट पहन कर आती है ,उसका नाम बेबी है और … Read more

मायके से ज्यादा प्यारा है ससुराल – संगीता अग्रवाल

” बेटा ये भारी भरकम कपड़े उतार कर ये सूट पहन लो !” अपने कमरे में सकुचाई बैठी कुछ घंटों पहले की दुल्हन शीना को उसकी सास कामिनी जी एक सूट पकड़ाते हुए बोली। ” मम्मी जी ये मैं कैसे !!” शीना असमंजस में बोली। उसे मम्मी की कही बात याद आई कि ससुराल में … Read more

चश्मा – गुरविन्दर टूटेजा

कॉलोनी में बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे व थोड़ी दूर लगी बैंच पर कुछ बुजुर्ग बैठे बातें कर रहे थे…!!! तभी अचानक से गेंद आयी और गौरव के दादाजी के चश्में पर लगी और चश्मा गिरकर टूट गया…!!! गौरव व अन्य बच्चे सहमे से खड़े होकर देखने लगे…!!!! दादाजी ने बोला…कोई बात नही बच्चों….तुमसे गलती … Read more

बहु या बेटी –  किरण केशरे 

एक प्याली चाय’ मन को  कितनी संतुष्टि प्रदान करती है ! जब हम थककर चूर हो ,सर्दियों भरे दिन हो ,बारिश का हरियाली मौसम हो और साथ मे कोई मनपसंद स्नैक्स । “बस ऐसा लगता है  ,जैसे इससे बड़ा सुख कोई नही” । लेकिन मानू को ये सब कहाँ नसीब ,सुबह से शाम कब हो … Read more

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