मायके से ज्यादा प्यारा है ससुराल – संगीता अग्रवाल

” बेटा ये भारी भरकम कपड़े उतार कर ये सूट पहन लो !” अपने कमरे में सकुचाई बैठी कुछ घंटों पहले की दुल्हन शीना को उसकी सास कामिनी जी एक सूट पकड़ाते हुए बोली।

” मम्मी जी ये मैं कैसे !!” शीना असमंजस में बोली। उसे मम्मी की कही बात याद आई कि ससुराल में ये जींस टॉप तो क्या सूट भी नही पहनने देगा कोई जब साड़ी पहननी होगी तब पता लगेगा।

” क्यों बेटा तुम्हारा मन नही कर रहा ये भारी कपड़े उतार फेंकने का और कुछ आरामदायक पहनने का ?” कामिनी जी मुस्कुरा कर बोली।

” वो तो कर रहा है मम्मी जी पर घर में इतने मेहमान है क्या सोचेंगे सब !” शीना बोली।

” बेटा अभी तुम अपने कमरे में आराम करोगी मेहमानों से रूबरू शाम को मुंह दिखाई के वक्त होंगी तब तक तुम आराम करोगी और आराम इन कपड़ों में तो होगा नही इसलिए ये पहन कर आराम करो मैं तुम्हारी ननद को बोल दूंगी वो बीच बीच मे तुमसे पूछ लेगी तुम्हे कुछ चाहिए हो तो बेझिझक उसे बता देना !” कामिनी जी शीना के चेहरे पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोली।

” जी मम्मी जी शुक्रिया आपका!” शीना मुस्कुराते हुए बोली।

” पगली मां को भी शुक्रिया बोलते हैं क्या !” कामिनी जी हंसते हुए बोली और चली गई।



” मम्मी जी सास जब मां सा स्नेह करे तो शुक्रिया भी कम होता ।” शीना खुद से बोली और सूट बदल कर लेट गई।

” भाभी लीजिए ये फल खा लीजिए फिर पता नही मुंह दिखाई की रस्म में कितना टाइम लग जाए !” थोड़ी देर बाद ननद रिया एक प्लेट में ढेर सारे कटे फल लेकर आई।

” दीदी आपको कैसे पता मुझे ये फल पसंद हैं ?” शीना प्लेट में अपनी पसंद के फल देख बोली। उसे मम्मी की कही दूसरी बात याद आई कि ससुराल में कोई तेरी पसंद नापसंद नही देखेगा बल्कि तुझे सबकी पसंद अपनानी होगी।

” ओहो मेरी प्यारी भाभी जान पहली बात तो मैं कोई दीदी वीदी नही हूं रिया हूं आप रिया कहो मुझे क्योकी मैं भैया से छोटी हूं दूसरी बात आपकी दूसरी मम्मी यानी सासुमा ने आपकी पहली मम्मी से ये पूछ लिया था कि आपकी क्या पसंद है क्या नही !” रिया हंसते हुए बोली।

” दी… नही नही रिया आप भी बैठो ना मेरे पास !” शीना रिया का हाथ पकड़ कर बोली।

” भाभी अभी मुंह दिखाई की रस्म की तैयारी करनी है वरना मैं जरूर बैठती आप फल खाइए मैं काम निपटा कर अभी आई फिर आपको तैयार भी तो करना है मुंह दिखाई के लिए!” रिया शीना के हाथ को सहलाते हुए बोली और मुस्कुरा कर चली गई।

शीना सोचने लगी मम्मी की बात सही है या जो हो रहा वो …क्या ये नए नए का प्यार है? लेकिन मम्मी जी की आंखों में तो मां सी ममता थी और रिया एक ननद कम दोस्त ज्यादा नजर आ रही। बहरहाल शीना ने ये सब सोचना उचित ना समझा और फल खाकर लेट गई । थोड़ी देर बाद उसकी आंख लग गई।



” शीना बेटा उठो तुम्हे तैयार होना है अब !” कामिनी जी की आवाज से शीना की नींद खुली।

” सॉरी मम्मी जी वो आंख लग गई थी !” शीना सकपका कर उठते हुए बोली।

” कोई बात नही बेटा थकी हुई हो तो नींद लाजमी है अभी सब आते होंगे मुंह दिखाई को इसलिए तुम तैयार हो जाओ ये कपड़े गहने है तुम्हारे रिया अभी आती होगी तुम्हारी मदद को !” कामिनी जी बोली। तभी रिया आ गई और कामिनी जी चली गई।

” वाह! मेरी भाभी जान कितनी सुंदर हो आप किसी की नजर न लगे स्पेशली भैया की। कसम से भाभी में लड़का होती तो आपको भगा ले जाती !” रिया भाभी को तैयार कर उसको देखते हुए बोली। 

” धत!” शीना शरमाते हुए बोली उसको मां की कही तीसरी बात याद आई ननदें हमेशा भाभी को खुद से नीचे समझती हैं फिर बात रूप की हो या काम काज की तो तुम ध्यान रखना!

” रिया भाभी को ले नीचे आ जाओ !” तभी कामिनी जी की आवाज सुनाई दी तो दोनो ननद भाभी नीचे आ गई।

” अरे रिया तुम्हारी मम्मी बहु तो बहुत सुंदर लाई हैं देखना कभी तुम्हारे वैल्यू कम हो जाए सुंदर बहु के सामने !” मुंह दिखाई करते हुए एक पड़ोसन रिया से बोली।



” आंटी जी ये तो अच्छी बात है ना मेरी भाभी इतनी सुंदर हैं रही वैल्यू की बात तो इनकी अपनी जगह रहेगी इस घर में और हमारे दिल में और मेरी अपनी। मैं वैसे भी अपनी भाभी की दोस्त बनूंगी ननद नही !” रिया मुस्कुराते हुए शीना के गले में बाहें डाल बोली तो शीना की आंख में आंसू की बूंदे निकल आई जो की खुशी की थी।

” अरे कामिनी भाभी तुम क्या दे रही हो अपनी बहु को मुंह दिखाई में हमे भी तो दिखाओ ?” तभी कामिनी जी की ननद बोली।

” जीजी इस घर में जो कुछ भी है वो अबसे हमारे साथ साथ शीना का भी है गहने कपड़े इसके पास है ही और चाहिएंगे तो अपनी पसंद से ले लेगी !” कामिनी जी बोली।

” भाभी यूं कंजूसी ना दिखाओ सास तो बहु को मुंह दिखाई देती ही है जल्दी से अंटी ढीली करो अपनी !” बुआजी हंसते हुए बोली।

” ठीक है जीजी अगर मुझे बहु को कुछ देना ही है तो एक वायदा देती हूं कि इस घर में और मेरे दिल में जो जगह रिया की है वही जगह शीना की रहेगी वो अपनी मर्जी से खाए पिएगी अपनी मर्जी से पहने ओढ़ेगी उसे कोई नही टोकेगा ये मेरा वादा है इससे !” कामिनी जी शीना का माथा चूम बोली। शीना सास के सम्मान में झुक गई उसे मम्मी की कही बात याद आई तुझमें और तेरी ननद में वहां अंतर होगा उसकी बराबरी मत करना। वो अपनी मर्जी का पहनेगी तुम्हे ससुराल वालों की मर्जी का पहनना होगा।



” सोच लो भाभी कभी गहना बचाने के चक्कर में जो वादा दिया तुमने वो महंगा ना पड़ जाए !” बुआ जी बोली।

” मुझे अपनी बहु पर भरोसा है जीजी ! कामिनी जी बोली।

” अब शीना बहु तुम्हारी बारी है पैरों पड़ाई में तुम क्या दोगी अपनी सास को !” तभी ताई जी बोली।

” ताई जी वैसे तो मम्मी ने मम्मी जी के लिए पैरों पड़ाई में देने को ये लिफाफा दिया था पर मम्मी जी ने जो मुझे मुंह दिखाई में दिया उसके आगे इसकी कीमत बहुत कम है ये तो मम्मी जी की अमानत है ही साथ ही मैं मम्मी जी से ये वादा करती हूं कि इस घर की मान मर्यादा का मैं पूरा ख्याल रखूंगी। मम्मी जी को हमेशा एक मां का दर्जा दूंगी रिया मेरी छोटी बहन की तरह है और रहेगी। और मेरे कारण कभी इस घर के सदस्यों में कोई मन मुटाव नही होगा। मैं मम्मी जी की अच्छी वाली बेटी बनूंगी रिया की तरह !” शीना मुस्कुराते हुए बोली तो कामिनी जी ने लिफाफे को शीना पर वार दिया और उसे गले लगा लिया । रिया हंसते हुए ताली बजाने लगी उसकी देखादेख सभी औरते भी ताली बजाने लगी।

” वाह! भाभी जैसी सास वैसी बहु भगवान मेरे भाई के घर में ऐसे ही खुशियां बरसाए।

जहां कामिनी जी अपनी बहु पर वारी जा रही थी वहीं एक दिन में ही शीना को अपना ससुराल मायके से ज्यादा प्यारा लग रहा था।

दोस्तों ऐसे प्यारे परिवार की कल्पना आप हम सब करते हैं ना आपमें से कुछ खुशनसीब दोस्तों को ऐसा परिवार मिला भी होगा पर कुछ दोस्त कहेंगे ये सिर्फ किस्से कहानियों में संभव है। मानती हूं दोस्तों सबकी किस्मत शीना जैसी नही होती। पर हम अपनी आने वाली पीढ़ी का स्वागत तो इस तरह कर सकते हैं। हमारी किस्मत शीना जैसी नही तो क्या हुआ हम तो कामिनी जी बन सकते है ना।

आपकी दोस्त

संगीता

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