आंसू बन गए मोती – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

सीमा और मीना देवरानी और जेठानी दोनों की ज्यादा नहीं बनती थी सीमा बड़े घर की बेटी नखरे बहुत ज्यादा थे सीमा की लव मैरिज हुई अनुज कभी भी सीमा को किसी बात से रोक-टोक नहीं करता था सुबह आराम से उठना नाश्ता करके अपने कमरे में फिर चली जाती थी आराम से खाना खाना … Read more

ऑंसू बन गए मोती – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

रजनी की शादी के कई साल बाद भी उसे मातृत्व का सुख नहीं मिला था और अब तो उसकी देवरानी गीता भी मां बनने वाली थी। रजनी खुश तो बहुत थी पर उसने अपने ही घर में अब सभी के नजरों को बदलते हुए महसूस करने लगी थी। काम काज करके दफ्तर निकल जाती और … Read more

बहू को कभी बहू न समझा…!!! – विनोद सिन्हा “सुदामा“ : Moral Stories in Hindi

लिजिए मां जी आपकी अदरक वाली चाय… गर्म चाय की कप सास के सामने पड़ी छोटी टेबल पर रख कर स्मृति मन ही मन भुनभुनाते हुए रसोई में जाने लगी.. “कभी बहू का हक नहीं मिला मुझे…” “जब देखो तब खाली पीली हुक्म चलाती रहती है” बेटी जरा यहां आना,बेटी जरा ये कर देना वो … Read more

आँसू बन गये मोती – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

दो साल बीत गए ।तुम चली गई थी ।हमेशा के लिए ।ईश्वर को यही मंजूर था ।तब से मै लगातार आँसुओ के समंदर में डूबती इतराती रही ।जीने का कोई मतलब नजर नहीं आता था क्या करें?कैसे जिएं? जिंदगी एकदम नीरस हो गई थी ।न खाने का होश था न सोने की सुधि थी।कहीं आना … Read more

अनमोल उपहार – जया शर्मा प्रियंवदा : Moral Stories in Hindi

वर्मा जी की गिनती शहर के अमीर लोगों में हुआ करती थी वर्मा जी की बर्तन बनाने की फैक्ट्री थी, और वह अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए अक्सर छोटे-मोटे आयोजन किया करते रहते। वर्मा जी के पिता जी ने शहर में काफी बड़ी हवेली बनवाई और मंदिर के साथ ही धर्मशाला भी जहाँ हर पूर्णिमा … Read more

“आंसू बन गए मोती ” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

कहां-कहां नहीं ढूंढा पापा मैंने आपको? पिछले महीने से पागलों की तरह इधर से उधर ढूंढ रहा हूं आपको, उसने हाथ पकड़ कर अपने पापा को कुर्सी पर बैठाया और उनकी गोद में सर रखकर रोने लगा। जानकी दास जी उसके सर पर हाथ फेरते रहे। वे जानते थे जब तक उनका बेटा जी भर … Read more

चार शब्द… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

.…प्रिया मात्र पांच साल की थी… जब निखिल को जन्म देते हुए उसकी मां चल बसी… घर में चाची, बुआ, दादी सब थीं… पर मां की कमी तो फिर भी थी ही…  नन्हे निखिल को संभालने के लिए सभी प्रिया के पापा सौरभ जी से जिद करने लगे… सौरभ जी ने साफ मना कर दिया … Read more

स्नेह का बंधन – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मत रो बिटिया मां चली गई तो क्या हुआ बाबू जी तो है ,हम है मायके आती रहना इतना कहकर शकुन्तला ने दोनों बेटियों को गले लगा लिया और दोनों के हाथों में दस ,दस का एक-एक नोट रख दिया।और खुद भी आंसू पोंछने लगी। बिटिया जो आया है संसार में वाको तो एक दिन … Read more

दोस्ती का मान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” स्वाति बेटा…किसी के दिये उपहार को यूँ फेंककर अपमान नहीं किया करते।” बेटी द्वारा फेंके गये पर्स को फ़र्श से उठाकर उसे देती हुई कामिनी बोली।तब स्वाति उन्हें पर्स के पीछे लगे प्राइस टैग को दिखाते हुए तल्ख-स्वर में बोली,” इसका प्राइस तो देखिये…सिर्फ़ सौ रुपये…उँह! इससे ज्यादा कीमत की तो मेरे पास पेन … Read more

दगड़ाबाई चा गुत्ता! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

अमावस की रात में झींगुरों की झीं-झीं के बिच, सूखे पत्तों को रौंद कर एक आवाज़ रात की ख़ामोशी को चीरती हुई दगडाबाई के कानों में गर्म शीशे सी पहुँची और कुछ ही पलों बाद उसे ऐसे लगा मानों कोई उसका पल्लू खींच रहा हैं! ऊँची-ऊँची घास के बिच एक्का-दुक्का ढाबों के आसपास हाइवे से … Read more

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