“मन के हारे हार है मन के जीते जीत” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अपने इकलौते बेटे को हल्दी लगते माथे पर सेहरा सजते और दूल्हा बनते हुए देखकर दिनेश जी की आंखें बार-बार भर आती, यह वही बेटा था जिसके होने पर इन्हीं परिवार वालों और रिश्तेदारों ने अफसोस जाहिर किया था और आज वही सब उनकी खुशी में शामिल होकर नाच गा रहे हैं खुशियां मना रहे … Read more

मैं नौकरानी नहीं हूं – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

 मानवी अपना लैपटॉप का चार्जर ढूंढ रही थी और सीमा को गुस्से में चिल्ला रही थी.. मुझे लैपटॉप का चार्जर भी नहीं दिख रहा है… तभी सीमा ने कहा- कि दीदी मैंने उसे अलमारी के अंदर रख दिया था। सीमा ने कहा तुम्हें किसने कहा था? उसे अलमारी के अंदर रखने के लिए अरे !दीदी … Read more

अधूरापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

         जानकी,कब तक यूँ ही आंसू बहाती रहोगी।भाग से समझौता करना सीख लो।        मैं कहाँ आंसू बहा रही हूँ, तमे तो यूँ ही भैम रहे है।       तेरे साथ साथ रहते 14 साल  हो गये हैं, जानकी क्या तुझे समझन को अगले जनम की जरूरत है?मैं क्या तेरा दर्द ना समझूँ हूँ?सच जानकी वो दर्द तो मेरा … Read more

अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

अरे सुहानी , आज स्कूल से आने में इतनी देर कैसे हो गई ?? राजू आज तो जिद पर ही अड़ गया था कह रहा था मम्मी जब तक नहीं आएगी तब तक खाना नहीं खाऊंगा , ना कपड़े बदलने तैयार था और ना खाना खाने ! बड़ी मुश्किल से मैंने और नैना से समझा … Read more

पैसे का सदुपयोग – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” भाभी…आप इन लोगों को इतना सिर पर मत चढ़ाइये..कहीं ऐसा न हो कि जब आपको ज़रूरत पड़े तब ये मना कर दे और आप#टका-सा मुँह लेकर रह जाएँ…।” ननद नंदा की बात सुनकर निधि कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुराते हुए उसके कंधे पर अपना हाथ रख दी।       निधि का पति सुमेश सरकारी नौकरी करता … Read more

बड़ा बच्चा भी बच्चा है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

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” अदिति शाम को हमे बाजार चलना है तुम्हारे भाई के लिए कुछ कपड़े लेने इसलिए अपना होमवर्क जल्दी से पूरा कर लेना तुम !” सुजाता अपनी दस साल की बेटी से बोली। ” मम्मा भाई का तो बर्थडे भी  फिर उसके लिए कपड़े क्यों?” अदिति मासूमियत से बोली। ” अरे तो क्या हुआ बर्थडे … Read more

सौतेली माँ – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही राकेश विचित्र मनोस्थिति में फंसा था । घर वाले उसका दूसरा विवाह करवाने पर जोर डाल रहे थे ‌। मगर वो मालती को कैसे भूला सकता था। जो कुछ माह पूर्व उसको सदा के लिए छोड़कर परलोक सिधार चुकी थी और नन्ही-सी जान पीहू को उसके हाथों सोंप गई थी। पीहू … Read more

आँसू बन गये मोती – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

सुमी चाहे घरेलू सहायिका थी, अपने बच्चे अनूप को स्वयंसिद्ध बनाया था सुमी ने। अनुशासित जीवन था उसका। सुबह परम प्रभुु का शुकराना करो, बडेे बुजुर्गों का चरण स्पर्श कर आशीष लो, खुद का काम खुद करो। सुमी सुमंगला जी की घरेलू सहायिका थी। सुबह से शाम तक जो भी काम हो, बडी लगन से … Read more

ऑंसू बन गए मोती – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

 आज शशि अपनी मेहनत और लगन के बल पर  मशहूर  शेफ बन चुकी है।कुछ दिनों पहले शशि ने  खुद की डिशेज की किताब भी लाॅन्च  की।उसकी तस्वीर एक प्रसिद्ध पत्रिका में छपी थी।उसके नीचे तारीफ में लिखा था’मशहूर शेफ शशि जी ने अपनी डिशेज की किताब भी लाॅन्च की है,जिसे अत्यधिक सराहना मिली है।उस पत्रिका … Read more

कर्मो का फल – मधू वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

वृद्धाश्रम की संचालिका की कुर्सी पर बैठी कमला जी सामने बैठी अपनी ही दुनिया  में खोई हुई जेठानी को देखकर एकदम हतप्रभ रह गईं। तभी सामने खड़े चपरासी मदन ने बताया बहन जी कोई लोग गाड़ी में आए थे और हाईवे के मेरठ कॉफी हाउस में इन्हें बिठाकर खाने के कुछ पैसे कॉफी हाउस वाले … Read more

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