रिटायरमेंट के साइड इफेक्ट्स ! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

     सुबह घर में किचन का काम बहुत जोरों-शोरों से चल‌ रहा था। किचन से कोसों दूर रहने वाले सठियाए पति (60+), जिन्होंने कल तक (अपनी युवावस्था में ) कभी बाजार से एक साथ लाई गई सब्जियों को अलग-अलग करके फ्रिज में नहीं रखा था आज गिराते-पटकते सब्जी काट रहे थे।       प्याज काटने की बारी आई … Read more

स्नेह का बंधन – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

मैं अलार्म की आवाज सुनकर उठी | घड़ी की ओर देखा 6:00 बजा रही थी | मन कर रहा था कि थोड़ी देर और सो जाऊं | मौसम बड़ा सुहावना हो रहा है | हल्की-हल्की बारिश की बौछार, मंद मंद हवा | मैं अलसाईं सी 5 मिनट के लिए लेट गई | लेटते ही आंख … Read more

नेह चुकाना – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अचानक एक नया प्रोजेक्ट मिलने से सौरभ चिंतित हो गया।एक तो पिछले चार पांच दिनों से उसे बुखार आ रहा था।दूसरे ये प्रोजेक्ट किसी शहर नहीं बल्कि छोटे से गांव के लिए था  जहां एक महीने रुकने के लिए कोई होटल नहीं था कंपनी कोई व्यवस्था नहीं कर रही थी हां रहने खाने का खर्चा … Read more

उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है – खुशी : Moral Stories in Hindi

राशि और राधा दोनों पड़ोसने थी दोनो का रिश्ता बहनों जैसा था।राशि के पति  मदन गांव में खेती ब।ड़ी का काम करते और राधा के पति सुरेश सरकारी स्कूल में अध्यापक थे। गांव का स्कूल छोटा था और सुरेश तरक्की के सपने देखता था।कई बार मदन उसे कहता भी यहां सब कुछ तो है खुला … Read more

स्नेह का बंधन – निमिषा गोस्वामी  : Moral Stories in Hindi

आखिर वो दिन आ ही गया जिसका सभी को वर्षों से इंतजार था।हां आज सरिता और मधुर की बेटी की शादी है। सरिता ने मधुर की तरफ देखा मधुर की आंखें भरी हुई थी। सरिता ने अपने पति के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा सुनो जी मधुर ने अपने हाथों से आंसुओं को पोंछते … Read more

स्नेह का बंधन – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

कल तक अम्मा के चेहरे पर बड़ी सी बिंदी सिंदूर की गाढ़ी रेखा लाल चूड़ियों से भरी कलाई पैर में पायल बिछिया और महावार और सीधे पल्ले की कभी लाल पीली हरी साड़ी उनके मुख मंडल की आभा को द्विगुणित कर रही थी, आज दस दिनों तक जीवन मृत्यु के बीच चलने वाली रस्साकसी में … Read more

भैया से मायका या भाभी से? – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

क्या हुआ सोनम? तुम अभी तक तैयार नहीं हुई? भतीजे का नामकरण है और बुआ ही सबसे आखिर में पहुंचे अच्छा लगता है क्या? मनोज ने कहा  सोनम:  सच कहूं, मां पापा के बिना उस घर में अब जाने का मन बिल्कुल भी नहीं होता। पहले मां चली गई फिर पापा का सहारा था, अब … Read more

प्यारा सा रिश्ता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“आंटी यहाँ कोई कमरा किराये पर मिलेगा क्या ?” धूप मे बैठ ऊंघ रही सविता अचानक एक मधुर आवाज़ से हड़बड़ा कर जागी।  ” आआआ ..कमरा हां मिल जायेगा पर कितने लोग रहेंगे ?” सविता ने अपनी हड़बड़ाहट और नींद पर कुछ काबू पाते हुए पूछा।  ” जी आंटी बस मुझे ही रहना है असल … Read more

माँ का त्याग – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

“आपकी माँ को एक बच्चा तक संभालना नहीं आता, और आप गाँव से इनको लेकर आए हैं, मेरे सहयोग के लिए, ये मेरी मदद क्या करेंगी? उल्टा एक आदमी का काम भार बढ़ गया है मेरा। इन्हें गाँव भेज दीजिए, कोई काम की नहीं हैं ये, कहाँ मेरी माँ, कहाँ ये??” झुंझलाते हुए, आरती ने … Read more

उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बेटा.. तुम और मानसी अगर घूमने के लिए आगरा जा रहे हो तो  थोड़ी दूर पर ही मौसी का घर भी है अगर समय मिले तो मौसी के यहां जरूर हो कर आना ,6 महीने पहले तुम्हारी शादी में ही मौसी आई थी कई बार फोन पर कह चुकी है…. जीजी इस बार सचिन और … Read more

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